निवास। निवास के समीपी ग्राम कंदवा में 23 फरवरी 2015 को ससुर के द्वारा अपने दमाद की बरछी घोंपकर हत्या कर दी गयी थी जिस पर पुत्री के बयान पर निवास द्वितीय अपर सत्र न्यायायल ने आरोपी शिवलाल को आजीवन सश्रम कारावास और 100 रूपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। उक्त महिला ने अपने बयान से यह साबित कर दिया कि जन्म देकर लालन पालन करने वाले पिता से बढ़कर जन्म-जन्म तक साथ देने वाला पति सब कुछ होता है। मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त अभियोजक देवाशीष झा ने बताया कि 23 फरवरी को नरवदिया बाई ग्राम बम्हनी खेत में मसूर उखाड़ने गई हुई थी घर पर उसका पति देवसिंह था नरवदिया बाई रात में बम्हनी रूक गई थी।
24 फरवरी को जब वह घर आई तो देखा कि उसका पति देवलाल के पेट में और जांघ में गंभीर चोट लगी थी आनन फानन में उसे ग्रामीणों की मदद से निवास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। जहां पर देवलाल ने बताया कि उसके ससुर ने बरछी से उस पर वार किया है। तभी निवास थाना प्रभारी वर्षा पटैल ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को पकड़कर न्यायालय में पेश किया। देवलाल के मृत्युपूर्व कथन निवास तहसीलदार सुधीर तराम ने लिए और ग्रामीणों को भी देवलाल ने ससुर शिवलाल के द्वारा मारने की बात कही वहीं ईलाज के दौरान जिला अस्पताल में घालय ने दम ता़ेड दिया। सभी साक्ष्यों के आधार पर एवं नरवदिया बाई के बयान पर अपर जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश व्हीके पाण्डे ने धारा 302 का आरोपी मानते हुए शिवलाल पिता छोटे गोड उम्र 60 वर्ष को सश्रम आजीवन करावास और 100 रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया ।
महिला ने दिखाया साहस
अपर जिला सत्र न्यायालय के न्यायधीश व्हीके पाण्डे ने नरवदिया बाई के द्वारा दिखाए गए साहस और मृत पति के पक्ष में और पिता के विरोध में गवाही देने पर प्रशंसा व्यक्त की।