Kanha Tiger Reserve: शशांक चौबे, मंडला। कान्हा टाइगर रिजर्व में छत्तीसगढ़ से भटककर आए जंगली नर हाथी को प्रशिक्षित कर उसे कुनबे में शामिल कर लिया गया है। यह हाथी अब अन्य हाथियों के साथ पार्क की गश्ती व बाघ की खोज व अन्य कार्य में लगा हुआ है। कान्हा टाइगर रिजर्व में पहली बार किसी जंगली हाथी को प्रशिक्षित किया गया है। आमतौर पर जंगली हाथी को प्रशिक्षित कर पालतू बनाने में एक से दो वर्ष लग जाते हैं, लेकिन कान्हा में चार माह के रिकार्ड समय में यह काम कर लिया गया। मप्र में पहली बार इतने कम समय में किसी जंगली हाथी को प्रशिक्षित किया गया है।
साथी को खोया तो वापस आया : छत्तीसगढ़ से एक जंगली हाथी का जोड़ा 2020 में मप्र आया था। यह जोड़ा कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचाकर कान्हा टाइगर रिजर्व आ पहुंचा। मानसून सीजन में कान्हा में समय बिताने के बाद हाथी का जोड़ा वापस जा रहा था। लेकिन जबलपुर जिले के बरेला के जंगल में करंट से एक हाथी की मौत हो गई। अपने साथी से बिछुड़ जाने के बाद यह हाथी वापस कान्हा लौटा। उसे दिसंबर 2020 में पकड़ा गया।
बाड़ा बनाकर किया प्रशिक्षित : जंगली हाथी को फरवरी 2021 से एक विशेष बाड़ा बनाकर महावतों ने प्रशिक्षित करना शुरू किया। इस हाथी का नाम 'कान्हा" रखा गया। जून में यह प्रशिक्षित होकर जुलाई से 18 हाथियों के साथ मानसून गश्ती में लग गया।
इस तरह दी गई ट्रेनिंग
-बांधवगढ़ से वरिष्ठ सेवानिवृत्त महावत की टीम ने प्रशिक्षण संबंधी बारीकियां सिखाईं।
-महावत ने जंगली हाथी से पहले आत्मीय संबंध बनाए और संवाद कायम किया।
-निर्देश न मानने पर दंड दिया और मानने पर अच्छा खाना दिया गया।
-वन्यप्राणी चिकित्सकों ने उसके व्यवहार व स्वास्थ्य पर निगरानी रखी।
इनका कहना है
जंगली हाथी की उम्र 14 वर्ष के अंदर थी। इस कारण उसे सिखाने में ज्यादा आसानी हुई। जबकि वयस्क हाथी सीखने में अधिक वक्त लगाते हैं। करीब चार माह में ही जंगली हाथी को प्रशिक्षित किया गया। आमतौर पर हाथियों का प्रशिक्षण एक से दो वर्ष तक चलता है। मप्र में पहली बार इतने कम समय में किसी हाथी को प्रशिक्षित किया गया।
-डॉ संदीप अग्रवाल, वन्यप्राणी चिकित्सक, कान्हा टाइगर रिजर्व
जंगली हाथी को प्रशिक्षित करने में हमने पूरा समय लगा दिया और उसके पास ही शिविर लगाकर रहे। पहले तो हाथी हमें देखते ही नाराज हो जाता था। धीरे-धीरे उससे रिश्ता बनाया और प्रशिक्षित कर दिया।
-मलसिंह यादव, महावत।