मंडला (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रा फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद मंडला के सहयोग से रा कला वीथिका में शिल्पकृतियों की प्रदर्शनी और सारंगी व तबला वादन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम सेवानिवृत वरिष्ठ आईएएस सुखदेव प्रसाद दुबे के मुख्य आतिथ्य, पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत की अध्यक्षता और भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष भीष्म द्धिवेदी व जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश तिवारी के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में इसमें सारंगी और तबला की बेमिसाल जुगलबंदी देखने को मिली। ग्वालियर के मशहूर कलाकार शफीक हुसैन व उनकी बेटी अल्फिया खान ने सारंगी वादन प्रस्तुत किया। अल्फिया खान की यह पहली लाइव परफॉरमेंस थी। तबला में संगत भिलाई के कलाकार रामचंद्र सर्पे और उनकी बहन पुनम सर्पे ने की।
दीप प्रज्जवलन से हुई कार्यक्रम की शुरूआतः अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर शिल्पकृतियों की प्रदर्शनी और सारंगी व तबला वादन की शुरुआत की गई। इस प्रदर्शनी में आठ से 17 अक्टूबर तक आयोजित मूर्तिकारों के रा शिविर में तैयार शिल्पकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी में बस्तर के धरम नेताम, राजनांदगांव की मनीषा वर्मा, जबलपुर की आरती नागले व सुषमा सरोज, अमरकंटक के जयपाल सिंह टेकाम, बालोद के सुरेश कुमार कुंभकार, ग्वालियर के अनिल बाथम और मंडला के आशीष कछवाहा, भंगी लाल हरदहा, मनोज द्धिवेदी, प्रवीण सैयाम, राम कुमार नंदा, कुलदीप ठाकुर की शिल्पकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।
अतिथियों द्वारा भ्रमण कर शिल्प कृतियों का अवलोकन कर शिल्पकारों की कारीगरी की सराहना की गई। सारंगी और तबला वादन का श्रोताओं ने खूब आनंद लिया। समापन के पूर्व रसिकजनों की फरमाइश पर सारंगी में याद पिया की आए, इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा, ठारे रहियो, पधारों मारे देश केसरिया बलाम की धुन छेड़कर मंत्रमुग्ध कर दिया। मीडिया से बात करते हुए सारंगी वादक शफ़ीक़ हुसैन ने कहा कि यहां के श्रोता बहुत बढ़िया थे। यदि सुनने वाले कदरदान नहीं होंगे, तो बताने में मजा नहीं आता। यहां सुनने वाले इतने बढ़िया लोग थे इसलिए सुनाने में बड़ा मजा आया।
आयोजक गजेंद्र सोनी ने बताया कि महान चित्रकार सैयद हैदर रा का शताब्दी वर्ष है। शताब्दी वर्ष में रजा फाउंडेशन द्वारा पूरे देश में एक साथ बहुत से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग तरह के आयोजन चल रहे है। यह सभी कार्यक्रम कला पर आधारित हैं। इसमें संगीत, कला, लेखन, गायन, वादन, काव्य पाठ आदि शामिल है। इसी श्रृंखला के अंतर्गत हमने मंडला में मूर्ति कला कार्यशाला का आयोजन किया था जो कि आठ से 17 अक्टूबर तक आयोजित थी। उसमें जो मूर्तियां तराशी गईं। उन्हें यहां रा कला वीथिका में प्रदर्शित किया हैए जो आम दर्शकों के लिए एक सप्ताह तक सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहेगी। शरद पूर्णिमा पर सारंगी व तबला वादन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। चूंकि यह रा साहब का शताब्दी वर्ष है इसलिए अलग -अलग तरह के नियमित आयोजन चलता रहेंगे। हम हर माह कला से जुड़ी कोई न कोई नई ची आयोजित करने का प्रयास करेंगे।
ये रहे उपस्थितः इस दौरान प्रसिद्ध तबला गुरु सुरेश भट्ट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह कंवर, हेमंतिका शुक्ला, प्रीती सोनी, प्रफुल्ल मिश्रा, विनय मिश्रा, सुधीर कसार,जयदत्त झा,सुनील दुबे, जगदीश कछवाहा, राजेंद्र शर्मा, चंद्रेश खरे, संजीत पांडेय, शोभराज पांडेय, प्रवीण उपाध्याय, अनिल भोयर, विनय श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, रिंकू अग्निहोत्री, सुव्रत पटेल, दीपमनी खैरवार, रानू चंद्रौल,गरिमा ताम्रकार सहित बड़ी संख्या में शास्त्रीय संगीत के शौकीन मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन गजेंद्र सोनी ने किया।