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फ्लैग- फसल को बीमारी से बचाने में जुटे है किसान, अफीम में डोडे लगने का समय
28 एमडीएस- 56 केप्शन- अफीम की फसल में इस तरह पीले हो रहे पत्ते।
मंदसौर। नईदुनिया प्रतिनिधि
अफीम की फसल में काली मस्सी का रोग लग गया है। इससे अफीम के पौधे कमजोर होने लगे हैं। पत्ते पीले होने के कारण फसल मुरझाने लगी है। किसान इस रोग को हटाने के लिए दवाई छिड़क रहे हैं। क्षेत्र में अफीम की फसल को बच्चों की तरह पालने वाले किसान इन दिनों अफीम में फूल और डोडे आने लगे हैं। सुरक्षा के लिए किसान रात-दिन खेतों पर बिता रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक जीएन पांडेय ने बताया कि तापमान बढ़ते ही काली मस्सी का रोग और बढ़ेगा, किसान सावधानी बरतें।
जिले में इस वर्ष लगभग 13 हजार 500 किसानों को अफीम पट्टे मिले हैं। प्रारंभ में मौसम की अनुकूलता से अफीम की बढ़वार बेहतर रही, लेकिन अब मौसम परिवर्तन होने से अफीम फसल को काली मस्सी का रोग लग गया है। मंदसौर एवं आसपास के क्षेत्रों में अफीम की फसल पर फूल आने के बाद अब डोडे लगने का समय है। ऐसे समय में किसान फसल को बीमारी से बचाने के लिए जुटा हुआ है, लेकिन अफीम की फसल में काली मस्सी के कारण पौधे के नीचे के पत्ते पीले पड़ने से पौधा कमजोर होने लगा है। किसानों का कहना है कि काली मस्सी का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे निपटने के लिए हरसंभव प्रयास भी किए जा रहे हैं। अफीम में डोडे आने लगे हैं, जिसके कारण भी किसान अफीम की फसल की सुरक्षा में अधिकांश समय खेत पर ही बिता रहे हैं।
काली मस्सी कर सकती है उत्पादन प्रभावित
पिपलियामंडी क्षेत्र में भी अफीम की फसल पर काली मस्सी का रोग होने से पत्ते पीले पड़ गए हैं। इस कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है। किसान फसल को इस रोग से बचाने के लिए खाद एवं आवश्यक दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं। विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष संदीपसिंह राठौड़ अशोक खींची, पूर्व पार्षद अनिल बोराना, ब्लॉक कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र महावर ने टिलाखेड़ा में नप के पूर्व अध्यक्ष कचरमल राठौर के खेत पर अफीम की फसल को देखा। काली मस्सी के रोग के कारण अफीम फसल के पत्ते पीले एवं कमजोर हो रहे हैं। कांग्रेस नेता अनिल शर्मा ने बताया कि किसान लगातार फसल पर दवाई का छिड़काव भी कर रहा है, लेकिन इस रोग पर दवाई भी असरकारक साबित नहीं हो पा रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि काली मस्सी के कारण अफीम उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है।
अभी मौसम परिवर्तन के कारण अफीम में काली मस्सी का रोग लगा है, पौधा कमजोर हो रहा है। इस कारण अफीम का उत्पादन कमजोर हो सकता है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, वैसे बीमारी भी बढ़ेगी। किसान सावधानी रखें, दवा का छिड़काव करें। मोयले के कारण भी पत्ते कमजोर हो रहे हैं।
-जीएन पांडेय, कृषि वैज्ञानिक
बॉक्स
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केप्शन- शवराम गुर्जर, किसान
अभी डोडे आने का समय है। फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव कर रहे हैं। मस्सी का रोग खत्म नहीं हुआ तो परेशानी आएगी।
-शवराम गुर्जर, किसान, लालघाटी
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के प्शन- संतोष पाटीदार, किसान बालागुड़ा
अफीम फसल पर बीमारी लग रही है। पत्ते पीले पड़ रहे हैं। इससे बचाव का प्रयास किया जा रहा है। अफीम की फसल बेहद नाजुक होती है, रखवाली कर रहे हैं।
-संतोष पाटीदार, किसान बालागुड़ा