मंदसौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एडीआर भवन में उड़ान एवं जनसाहस संस्था के समन्वय से महिलाओं एवं बच्चों पर होने वाले लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम के लिए एक दिवसीय कार्यशाला लगाई गई। कार्यशाला का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध निरंतर बढ़ते हुए अपराध चिंताजनक है। इस प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण करने के लिए समाज में निरंतर जागरूकता कार्यक्रम करने की आवश्यकता है। इस प्रकार की कार्यशालाएं बहुत ही महत्वपूर्ण है। अपर जिला न्यायाधीश रईस खान ने बताया कि अपराध क्या है? एवं किन परिस्थितियों में गठित होता है? साथ ही बताया कि हमें साइबर क्राईम पर नियंत्रण करने के लिए जागरूक रहने की आवश्यकता है? जो कि निरंतर कानून की जानकारी से ही संभव है। न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजूसिंह ने किशोर न्याय अधिनियम एवं पाक्सो एक्ट के प्रावधानों की जानकारी दी। उड़ान संस्था की संचालक संगीता कुंभकार ने संस्था के उद्देश्य एवं गतिविधियों से अवगत कराया। जनसाहस संस्था के करन राठौर द्वारा पावर प्रजेंटेशन से मानव दुर्व्यापार पर संक्षिप्त फिल्म के माध्मय से समाज में जागरूकता का संदेश प्रदान किया। अमू विंजूदा एवं पायल द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के संबंध में वर्तमान में निरंतर किए जा रहे सायबर क्राईम एवं पाक्सो एक्ट पर पावर प्रजेंटेशन प्रकट कर कानूनी प्रावधानों से अवगत कराया। इसी अनुक्रम में महिला बाल विकास अधिकारी रविंद्र महाजन, विजय डोले, वन स्टाप सेंटर की प्रशासिका धापू गौड़, चाइल्ड लाइन समन्वयक मोनिका वरूण, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता एवं सदस्य नितिन शिंदे ने कार्यशाला में विचार व्यटक्तम किए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान पैरालीगल वालेंटियर्स द्वारा किए गए कार्यों हेतु एवं कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। उपस्थित सभी लोगों को महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों के निवारण हेतु सदैव तत्पर रहने के संबंध में शपथ दिलाई गई। संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी योगेश बंसल ने किया।