रेल लाइन सर्वे के बाद सातवां रेल बजट आज होगा पेश
नीमच-बड़ी सादड़ी नई लाइन पर भी रहेगी नजर
मंदसौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मंदसौर-सुवासरा रेल लाइन के सर्वे के बाद रेलवे बोर्ड में इसकी स्वीकृति को लेकर आमजन का इंतजार पूरा ही नहीं हो रहा है। 1 फरवरी को पेश हो रहा लगातार सातवां रेल बजट होगा। अब लोगों को आस है कि इसमें कहीं भी सुवासरा-मंदसौर रेल लाइन के लिए एक लाइन लिखी हुई आ जाए। इसके अलावा संसदीय क्षेत्र की प्रमुख बड़ी सादड़ी-नीमच रेललाइन के लिए भी बजट का इंतजार किया जा रहा है, जबकि वाहवाही लूटने के लिए 2019 के लोस चुनाव के पहले ही सांसद इसका भूमिपूजन नीमच में करा चुके हैं। हालांकि अभी तक की परिस्थिति को देखकर लग रहा है कि नीमच व मंदसौर को जंक्शन बनाने का सपना इस बार भी अधूरा ही रहने वाला है।
पश्चिम-मध्य रेलवे भोपाल के अधिकारियों ने नवंबर-2015 में ही मंदसौर-सुवासरा प्रस्तावित रेल लाइन का सर्वे कर डीपीआर तैयार करने का कार्य शुरू किया था और फरवरी 2016 में इसे रेलवे बोर्ड को भेज भी दिया था। लगभग 483 करोड़ की लागत से बनी डीपीआर भी रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है। 62 किमी की प्रस्तावित रेल लाइन में आठ स्टेशन बनना हैं। रेलवे लाइन के लिए विभाग को 355 हेक्टेयर जमीन अधिगृहित करना होगी। इसमें 325 हेक्टेयर निजी और 30 हेक्टेयर शासकीय रहेगी। यह लाइन बनने से दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग व इंदौर-अजमेर रेलमार्ग को जोड़ने के लिए एक नया लिंक मार्ग बनेगा। सुवासरा से उदयपुर, चित्तौड़, अजमेर, नीमच व मंदसौर तरफ से भोपाल, नागपुर, हैदराबाद, चेन्नाई, रामेश्वरम तरफ जाने वाली ट्रेनों के लिए कम दूरी वाला नया रेल मार्ग भी होगा। इसका सर्वे कर डीपीआर बनाने वाले पश्चिम-मध्य रेलवे भोपाल के अधिकारियों का कहना था कि रेल मार्ग की लागत का लगभग 10 गुना से अधिक फायदा मिलेगा। नई रेल लाइन में रघुनाथपुरा, खेजड़िया, तितरोद, सीतामऊ, नेतावली, डिगांव में नए स्टेशन बनना हैं। सर्वे में डीजल लाइन के लिए 412 करोड़ और इलेक्ट्रिक लाइन के लिण 483 करोड़ की लागत बताई गई थी। इस 62 किमी मार्ग में एक बड़ा ब्रिज चंबल नदी पर ही बनना था मेजर ब्रिज 4 और माइनर ब्रिज 25 बनेंगे।
सीमेंट लेकर भोपाल व दक्षिण भारत जाने में होगा फायदा
मंदसौर-सुवासरा प्रस्तावित रेल लाइन बनने से रेलवे को काफी फायदा होना हैं। इसमें जयपुर-अजमेर, उदयपुर व चित्तौड़गढ़ क्षेत्र से भोपाल व दक्षिणी भारत की तरफ जाने वाली मालगाड़ियों को बिना रतलाम जाए मंदसौर से सुवासरा, नागदा होकर सीधे भोपाल तरफ भेजा जा सकता है। अभी चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा व नीमच से सीमेंट व अन्य लदान लेकर आने वाली मालगाड़ियां मंदसौर से रतलाम जाती है। वहां इंजिन की दिशा बदलने के बाद नागदा होकर भोपाल की तरफ जाती है। नई रेल लाइन बनने से मालगाड़ियां सीधे मंदसौर से सुवासरा होकर भोपाल की तरफ जा सकेगी। इससे रतलाम-मंदसौर व रतलाम-नागदा रेलखंड पर यातायात का दबाव भी कम होगा। साथ ही पैसेंजर ट्रेनें चलने से मंदसौर के यात्री सीधे सुवासरा पहुंच कर दिल्ली-मुंबई रूट की ट्रेनें पकड़ सकेंगे।
दो साल हो चुके हैं शिलान्यास, अब तक जमीं पर काम नहीं
2019 में लोस चुनाव के ठीक पहले अप्रैल में नीमच में एक समारोह कर सांसद सुधीर गुप्ता व अन्य जनप्रतिनिधियों ने नीमच-बड़ी सादड़ी नई रेल लाइन व नीमच-रतलाम दोहरीकरण कार्य का शिलान्यास किया था। पर आज तक दोनों ही कार्य चालू नहीं हुए हैं। नीमच-रतलाम दोहरीकरण के लिए कुछ माह पहले ही केंद्र सरकार ने 1 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं और इसके लिए टैंडर प्रक्रिया जारी है। जबकि नीमच-बड़ी सादड़ी रेलमार्ग के लिए कही कोई हलचल नहीं दिख रही है। अब आमजन को आस है कि इस बार नए रेलमार्ग के लिए भी बजट मिलेगा।
-संसदीय क्षेत्र में रेल सुविधाओं को लेकर काफी कुछ मांगा हैं। इसमें सुवासरा-मंदसौर रेल लाइन, बड़ीसादड़ी-नीमच सहित अन्या रेल लाइन के लिए भी राशि की मांग की गई हैं। नई ट्रेन चालू करने व अन्यब यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए रेल मंत्री को पत्र भेजे हैं।
- सुधीर गुप्ता , सांसद।
इन नई लाइनों की घोषणा के बाद कोई नामलेवा नहीं
1.नीमच-सिंगोली-कोटा
2. नीमच-रामगंज मंडी
3. मंदसौर-प्रतापगढ़
4. मंदसौर-सुवासरा