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फ्लैग- पश्चिम रेलवे की पिंक बुक जारी / इस बार भी संसदीय क्षेत्र उपेक्षा का शिकार
नीमच-बड़ी सादड़ी नई लाईन, नीमच-रतलाम दोहरीकरण के लिए भी राशि नहीं
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5 एमडीएस-63 केप्शनः मिड इंडिया रेलवे फाटक पर अंडरब्रिज के लिए मिट्टी परीक्षण करते हुए इंजीनियर व ठेकेदार के कर्मचारी।
मंदसौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इस साल भी पेश किए गए रेल बजट में संसदीय क्षेत्र को खासी निराशा मिली है। पश्चिम रेलवे द्वारा 2020-21 के लिए जारी पिंक बुक में पूरे क्षेत्र में एक भी नए प्रोजेक्ट के लिए पर्याप्त तो ठीक काम शुरू करने लायक भी राशि नहीं मिली है। लगातार पांचवें रेल बजट में सुवासरा-मंदसौर रेल लाइन के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसके अलावा नीमच व मंदसौर को जंक्शन बनाने का सपना इस बार भी अधूरा ही रहने वाला है। नीमच-बड़ी सादड़ी नई रेल लाइन और नीमच-रतलाम दोहरीकरण के लिए इस बार भी कोई प्रावधान किया गया है। जनता अभी फिलहाल इनके शिलान्यास के पत्थर देखकर ही खुश होती रहेगी।
रेल बजट के बाद बुधवार को पश्चिम रेलवे द्वारा अपने क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों की पिंक बुक जारी की गई है। इसमें रतलाम रेलमंडल के रतलाम-चित्तौड़गढ़ खंड में एक भी नए प्रोजेक्ट को जगह नहीं मिली है। इधर पश्चिम मध्य रेलवे की पिंक बुक में भी सुवासरा-मंदसौर रेल लाइन का कोई जिक्र नहीं किया गया है। नए रेलखंड की लगातार उपेक्षा से अब लोगों की आशा नई ट्रेनों की घोषणा पर टिकी हुई है।
एक साल पहले कराया शिलान्यास, अभी तक काम जमीं पर नहीं
अप्रैल-मई 2019 में नीमच-बड़ी सादड़ी नई रेल लाइन व नीमच-रतलाम दोहरीकरण के कार्य का शिलान्यास किया गया। लगभग एक साल पूरा होने के बाद भी दोनों कार्यों के लिए इतनी राशि भी जारी नहीं हुई है कि जमी पर कुछ काम शुरू किया जा सके। दोनों ही योजनाओं की लागत भी बढ़ रही है और लोगों को जो फायदा जल्दी मिलना चाहिए, उसमें भी दूर-दूर तक कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
फायदे वाली लाइन मानी इंजीनियरों ने, राजनीतिक खींचतान में उलझी
बजट में यही हाल मंदसौर जिले का भी हुआ है। मंदसौर-सुवासरा रेल लाइन का सर्वे पूरा हो चुका है। रेलवे के इंजीनियर भी इस लाइन को काफी फायदे वाली मान चुके हैं। इसके बाद भी केवल राजनीतिक खींचतान के चलते इस रेल लाइन को स्वीकृत कराने में प्रयास नहीं किए गए हैं। पश्चिम मध्य रेलवे भोपाल के अधिकारियों ने नवंबर-2015 में ही मंदसौर-सुवासरा प्रस्तावित रेल लाइन का सर्वे कर डीपीआर भी तैयार करने का कार्य शुरू किया था। लगभग 483 करोड़ की लागत की डीपीआर भी रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है। 62 किमी की प्रस्तावित रेल लाइन में 8 स्टेशन बनने हैं। रेलवे लाइन के लिए विभाग को 355 हेक्टेयर जमीन अधिगृहित करना होगी। इसमें 325 हेक्टेयर निजी और 30 हेक्टेयर शासकीय रहेगी। यह लाइन बनने से दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग व इंदौर-अजमेर रेलमार्ग को जोड़ने के लिए एक नया लिंक मार्ग बनेगा। उदयपुर, चित्तौड़, अजमेर, नीमच व मंदसौर से भोपाल, नागपुर, हैदराबाद, चेन्नाई, रामेश्वरम तरफ जाने वाली ट्रेनों के लिए कम दूरी वाला नया रेल मार्ग भी होगा। इसका सर्वे कर डीपीआर बनाने वाले पश्चिम-मध्य रेलवे भोपाल के अधिकारियों का कहना था कि रेल मार्ग की लागत का लगभग 10 गुना से अधिक फायदा मिलेगा।
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क्या है इस बार पिंक बुक में
- सीतामऊ फाटक रोड ओवरब्रिज के लिए 10 करोड़ रुपए
- मिड इंडिया रेलवे ओवब्रिज के लिए स्वीकृत 3.65 करोड़ में से 10 लाख रुपए
- नीमच बड़ी सादड़ी रेल मार्ग के लिए कुल स्वीकृत 474.76 करोड़ रुपए में से 2020-21 के लिए कुछ भी नहीं रखा गया है।
- नीमच-चित्तौड़गढ़ दोहरीकरण की स्वीकृत लागत 259.68 थी। मार्च 2019 तक इस पर 165.46 करोड़ खर्च हो चुके हैं। 2019-20 में संशोधित परिव्य 144.33 करोड़ बताया गया है। वहीं 2020-21 के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
- नीमच-रतलाम दोहरीकरण के 905 करोड़ की योजना स्वीकृत है। पिछली बार एक करोड़ रुपए दिए गए थे। इस बार कोई राशि नहीं दी गई है।
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इन नई लाइनों का कोई नामलेवा ही नहीं
1.नीमच-सिंगोली-कोटा
2. नीमच-रामगंज मंडी
3. मंदसौर-प्रतापगढ़
4. मंदसौर-सुवासरा