Mandsaur News: भारत को बुरी ताकतों से बचाने के लिए करते हैं भगवान पशुपतिनाथ का दुर्वा अभिषेक, यहां तिथि से मनता है स्वतंत्रता दिवस
Mandsaur News: मप्र के मंदसौर में पशुपतिनाथ मंदिर में 38 सालों से तिथि अनुसार मनता है स्वतंत्रता दिवस।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Sun, 16 Jul 2023 08:57:43 PM (IST)
Updated Date: Sun, 16 Jul 2023 08:57:59 PM (IST)

Mandsaur News: आलोक शर्मा, मंदसौर। मंदसौर शहर में एक ऐसी भी जगह है, जहां आजादी की वर्षगांठ पर न तो परेड होती है और न ही कोई सलामी लेकर ध्वजारोहण करता है। यहां आजादी की वर्षगांठ भी हर साल अलग-अलग दिन मनाई जाती है।
जी हां, बात सच भी है और आपको आश्चर्यचकित भी कर देगी। मंदसौर का विश्व प्रसिद्ध श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर ऐसी ही जगह है, जहां आजादी की वर्षगांठ तारीख के बजाय तिथि से मनाई जाती है।
श्रावण मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर आजादी का पर्व भगवान पशुपतिनाथ महादेव के गर्भगृह में मंत्रोच्चार के साथ मनाया जाता है। लगभग 38 सालों से ज्योतिष व कर्मकांड परिषद द्वारा भारत को बुरी ताकतों से बचाने के लिए दुर्वा अभिषेक किया जा रहा हैं। रविवार को भी यही तिथि थी और इस दिन यह पर्व मनाया गया।
वैसे तो आजादी का पर्व पूरे देश में 15 अगस्त को ही मनाया जाता है। 1947 में 15 अगस्त के दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी। इसके चलते ही हर वर्ष मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में तिथि के हिसाब से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस बार पुरुषोत्तम मास होने से यह तिथि लगभग एक माह पहले रविवार को आ गई।
ज्योतिष एवं कर्मकांड परिषद के जिलाध्यक्ष पं. उमेश जोशी सहित विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पशुपतिनाथ मंदिर में दुर्वा अभिषेक कर परंपरा अनुसार स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ मनाई गई। पं. उमेश जोशी ने बताया कि हम हर कार्य तिथि देखकर करते हैं।
अत: 1985 में विचार आया और भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में हरियाली अमावस्या के एक दिन पहले श्रावण मास की चतुर्दशी को स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ मनाने लगे। तब से अब तक लगातार 38 साल से भगवान महादेव की दुर्वा जल से अभिषेक कर राष्ट्रोन्नति की कामना करते हैं। सकल विश्व में सकारात्मकता का प्रभाव बड़े और सभी प्राणी भूख, भय और भ्रष्टाचार के भय से मुक्त हो कर परस्पर मित्र भाव से रहे, ऐसी प्रार्थना भगवान पशुपतिनाथ से की गई।
इसलिए चुना गया दुर्वा का अभिषेक
आमतौर पर सनातन धर्म के अनुसार भगवान श्री गणेश पर दुर्वा चढ़ाई जाती है। इसलिए हर सनातनी के मन में यह प्रश्न होता है कि शिवजी का दुर्वा अभिषक क्यों होता है। इसके लिए पं. उमेश जोशी ने बताया कि सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार दुर्वा के जल से शिवजी का अभिषेक करने से दुष्ट ग्रहों का प्रभाव कम होता है। इसलिए हर साल स्वतंत्रता दिवस की तिथि पर श्री पशुपतिनाथ महादेव का दुर्वा के जल से अभिषेक इस कामना के साथ करते हैं कि देश बुरी ताकतों से सुरक्षित रहे।