
नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर। जिले को पर्यटन के नक्शे पर मजबूती से उभारने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी पर्यटकों की सुरक्षा और अनुभव पर भारी पड़ रही है। गांधीसागर, हिंगलाजगढ़ और धर्मराजेश्वर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर न तो भरोसेमंद मोबाइल नेटवर्क है और न ही पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम। नतीजतन, पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
गांधीसागर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रिसॉर्ट, बोट क्लब, स्वीमिंग पूल, जिम और जल क्रीड़ाओं जैसी कई सुविधाएं विकसित की गई हैं। यहां वन विभाग द्वारा फॉरेस्ट रिट्रीट का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और फूड फेस्टिवल आकर्षण का केंद्र रहते हैं। बावजूद इसके, सबसे बड़ी समस्या मोबाइल नेटवर्क की है। अधिकांश कंपनियों के टावर न होने से यहां मोबाइल फोन काम नहीं करते। नेटवर्क की कमी से पर्यटक ही नहीं, बल्कि गांधीसागर बांध और जल विद्युत इकाई से जुड़े रहवासी भी परेशान हैं।
गांधीसागर अभयारण्य के घने जंगलों में स्थित हिंगलाजगढ़ किला और श्री हिंगलाज माता मंदिर पुरातत्व प्रेमियों और श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण हैं। राजस्थान समेत आसपास के क्षेत्रों से हजारों लोग यहां दर्शन को आते हैं। लेकिन कच्चे रास्ते, मोबाइल सिग्नल की कमी और पुलिस की स्थायी चौकी न होने से यहां जोखिम बना रहता है। वाहन खराब होने या किसी आपात स्थिति में पर्यटकों को मदद तक नहीं मिल पाती।
शामगढ़ तहसील स्थित धर्मराजेश्वर में करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से कैंटीन, मेडिटेशन सेंटर और प्रदर्शनी स्थल विकसित किए गए हैं। अति प्राचीन बौद्ध गुफाओं के कारण इसे केंद्र सरकार के बौद्धिस्ट सर्किट में शामिल किया गया है। यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए बसई में होटल भी बनाया गया है, लेकिन नेटवर्क की समस्या यहां भी जस की तस है।
गांधीसागर अभयारण्य में चीतों की मौजूदगी और नए पर्यटन प्रयोगों से आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। ऐसे में विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों की मांग है कि इन क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाए जाएं और स्थायी पुलिस चौकियां स्थापित की जाएं, ताकि पर्यटन विकास के साथ सुरक्षा और सुविधा भी सुनिश्चित हो सके।