Red Sandalwood Smuggling: दक्षिण भारत से तस्करी कर मंदसौर लाया गया लाल चंदन, 2260 किलो जब्त, दो गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार
आमतौर पर लाल और सफेद चंदन की तस्करी(Sandalwood Smuggling) का मुख्य केंद्र दक्षिण भारत का आंध्र प्रदेश होता है, लेकिन अब यह तस्करी मध्यप्रदेश के मंदसौर तक पहुंच गई है। चलिए, आपको बताते हैं कि इस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई हुआ।
Publish Date: Fri, 18 Jul 2025 08:08:24 AM (IST)
Updated Date: Fri, 18 Jul 2025 08:08:24 AM (IST)
मध्य प्रदेश के मंदसौर तक पहुंची चंदन की अवैध तस्करी Red Sandalwood Smuggling ( फाइल फोटो)HighLights
- अवैध चंदन की तस्करी का मामला मध्य प्रदेश के मंदसौर तक पहुंचा।
- पिपलियामंडी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया ।
- अभी भी इस अवैध तस्करी का मास्टरमांइड पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर: आमतौर पर लाल और सफेद चंदन की तस्करी(Sandalwood Smuggling) का मुख्य केंद्र दक्षिण भारत का आंध्र प्रदेश होता है, लेकिन अब यह तस्करी मध्यप्रदेश के मंदसौर तक पहुंच गई है। पिपलियामंडी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 22 टन (2260 किलोग्राम) लाल चंदन(Red Sandalwood) की लकड़ी जब्त की है। मामले में दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मास्टरमाइंड अभी फरार है।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद ने जानकारी दी कि 16 जुलाई को वाहन चेकिंग के दौरान एक ट्रैक्टर (एमपी 44 एबी 7371) को रोककर तलाशी ली गई। ट्रैक्टर में लाल चंदन के 180 गट्टे पाए गए, जिनका कुल वजन 2260 किलो था। पुलिस के अनुसार, इस चंदन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 4.5 करोड़ रुपये है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नीमच जिले के जीरन थाना क्षेत्र के दलपतपुर निवासी यतींद्र राठौर और अजय भील के रूप में हुई है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि यह चंदन वे गोगरपुरा निवासी राजेंद्र उर्फ राजू भाई उर्फ सलीम भाई पाटीदार से लेकर आ रहे थे।
पुलिस ने तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 303(2), 317(5), मप्र वन उपज अधिनियम 2000 की धारा 21, 22 तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26, 33, 42 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि जब तक राजेंद्र पाटीदार की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाएगा कि दक्षिण भारत से यह चंदन मंदसौर तक कैसे पहुंचा।
क्या है रक्त चंदन?
लाल चंदन को रक्त चंदन भी कहा जाता है। यह विशेष रूप से भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में, दक्षिण-पूर्वी घाट की शेषाचलम, वेलिगोंडा, लंकामला और पालकोडा पर्वत श्रृंखलाओं के घने जंगलों में पाया जाता है। यह वहीं की स्थानीय प्रजाति है और वन्य कानूनों के अनुसार संरक्षित है।
लाल चंदन की तस्करी पर ही आधारित फिल्में "पुष्पा" और "पुष्पा-2" भी बनाई गई हैं, जिससे इसकी काले बाज़ार में बढ़ती मांग का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।