मंदसौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में तापेश्वर महादेव मंदिर की ओर का गेट खोलने का निर्णय होने के बाद मंगलवार को गेट खुल गया। पांच साल पहले तत्कालीन एसपी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर यह गेट बंद करवाया था। अब गेट खुलने से श्रद्घालु शिवना तट से सीधे पशुपतिनाथ मंदिर में आ जाएंगे। वहीं यहां आने वाले सभी श्रद्घालु अति प्राचीन तापेश्वर महादेव के दर्शन भी कर सकेंगे। गेट खुलते ही श्रद्घालु खुश भी हो गए और तापेश्वर महादेव के भी दर्शन कर पूजा-अर्चना की।
मंदिर प्रबंध समिति ने तत्कालीन एसपी के सुझाव पर पांच साल पहले सुरक्षा कारणों को बताते हुए पशुपतिनाथ मंदिर से तापेश्वर महादेव मंदिर की तरफ वाले मार्ग पर जाली व गेट लगाकर मार्ग को बंद कर दिया था। सालों से गेट खोलने की मांग उठ रही थी, लेकिन समिति सुरक्षा कारणों से इसे खोलने से इनकार कर रही थी।
सोमवार को समिति बैठक में गेट को खोलने का निर्णय लिया व मंगलवार सुबह उस पर कार्रवाई करते हुए मंदिर समिति प्रबंधक राहुल रुनवाल ने कर्मचारियों के साथ गेट को खुलवा दिया। गेट खुलते ही भक्तों को तापेश्वर महादेव मंदिर की तरफ आना जाना प्रारंभ हो गया। इधर मंदिर समिति अभी सुबह से शाम तक गेट को खोलने की बात कह रही है। रात को गेट बंद कर दिया जाएगा। साथ ही समिति ने मंदिर में जगह-जगह मंदिर व्यवस्थाओं के बोर्ड लगाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है।
दस दिन में आरओ लगाएगी नपा
मंदिर समिति में अब केवल आरओ के पानी से ही भगवान का जलाभिषेक करने के निर्णय पर नपाध्यक्ष प्रहलाद बंधवार ने बैठक में कहा कि 10 दिन में मंदिर में आरओ सिस्टम लगवा दिया जाएगा। बंधवार ने कहा कि इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है 10 दिन में आरओ लगवा दिया जाएगा।
रैलिंग भी होगी ऊंची
मंदिर प्रबंध समिति ने गर्भगृह में लगी रैलिंग को ऊंची करवाने और उसमे गेट लगाने की प्रक्रिया के लिए कुछ लोगों से चर्चा प्रारंभ कर दी है। समिति सचिव और एसडीएम शिवलाल शाक्य की माने तो 25 नवंबर से पहले मंदिर समिति में लिए गए सभी निर्णयों को अमल में लाने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी।
जल्द करेंगे निरीक्षण
बैठक में सालों पहले नदी से निकले सहस्र शिवलिंग की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इसके लिए एसडीएम ने बताया कि जल्द ही मंदिर समिति सदस्यों द्वारा परिसर का निरीक्षण कर परिसर में या शहर में अन्य दूसरी जगह का चयन कर मंदिर का निर्माण करवाकर मूर्ति की विधिवत स्थापना की जाएगी। बाहर से आने वाले श्रद्घालुओं के सामान रखने के लिए मंदिर परिसर में अमानती कक्ष (लॉकर रूम) बनाया जाएगा।