मंदसौर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले भर में रेल सुविधाओं को लेकर लोगों का संघर्ष जारी है। अधिकांश जगह की समस्या प्रमुख ट्रेनों के स्टापेज नहीं होना है। इसके लिए मल्हाोरगढ़ में रविवार को रेल रोका संघर्ष समिति की बैठक भी हुई है। इसमें उदयपुर-रतलाम का स्टापेज सहित अन्य मांगों को लेकर पांच अक्टूबर को मल्हारगढ़ बंद रखने का निर्णय किया गया है। सुवासरा तो कैबिनेट मंत्री हरदीपसिंह डंग का गृह नगर होने के बाद भी सभी प्रमुख ट्रेनों के स्टापेज के लिए तरस रहा है। शामगढ़ व गरोठ में भी यही हाल है।
जिले से दो प्रमुख रेलमार्ग दिल्ली-मुंबई व इंदौर-अजमेर निकलते हैं। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर सुवासरा, शामगढ़ व गरोठ प्रमुख स्टेशन हैं तो इंदौर-अजमेर रेलमार्ग पर दलौदा, मंदसौर, पिपलियामंडी व मल्हारगढ़ हैं। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की अच्छी खासी संख्या है पर सुवासरा, गरोठ में इक्का -दुक्का ट्रेनों के ही स्टापेज हैं। शामगढ़ में भी कई ट्रेनें नहीं रुक रही हैं। इसको लेकर ही अब जगह-जगह लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। और अब आंदोलन की रूपरेखा तक बन रही है।
जनप्रतिनिधियों का घेराव करेंगे, धरना आंदोलन कर लिखेंगे पोस्टकार्ड
मल्हारगढ़। रविवार शाम को रेल रोको संघर्ष समिति की बैठक नप सभागृह में हुई। इसमें सभी ने रतलाम-उदयपुर एक्सप्रेस के स्टापेज को लेकर चर्चा की। तथा पांच अक्टूबर को रैली निकालकर नगर बंद का निर्णय किया। इसके बाद चरणबद्ध आंदोलन के तहत जनप्रतिनिधियों का घेराव, धरना प्रदर्शन व पोस्टकार्ड लिखे जाएंगे। रेल रोको संघर्ष समिति की बैठक में लोगों ने कहा कि पहले ही रेलवे स्टेशन की स्थिति खराब है, अगर अभी नहीं जागे तो रेलवे स्टेशन भवन केवल देखने के लिए रह जाएगा। मल्हारगढ़ में रेलवे स्टेशन के विस्तार के लिए ट्रेनों का स्टापेज जरूरी है। बैठक में लोगों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण रेलवे स्टेशन की यह स्थिति हुई है। ट्रेनों के स्टापेज बंद हो रहे हैं। रेल रोको संघर्ष समिति द्वारा जनप्रतिनिधियों का घेराव किया जाने का प्रस्ताव भी पास किया गया। बैठक में समिति संरक्षक मांगीलाल भाना, मोहनसेन कछावा, विजेश मालेचा, अध्यक्ष अशोक दक, सचिव संदीप विजयवर्गीय, उपाध्यक्ष मजीद खान पठान, विमल मोदी, कोषाध्यक्ष भरत फरक्या, सहसचिव अनिल परिहार, जगदीश लील, मीडिया प्रभारी सतीश दरिंग, दरबारसिंह, मनोहर जैन व सदस्यों को कार्यकारिणी में लिया गया।
यह मांगें तय हुई बैठक में
- मल्हारगढ़ में रतलाम-उदयपुर व जयपुर-भोपाल ट्रेन का स्टापेज किया जाए।
- रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए वेटिंग रूम भी बनाया जाए।
- रेलवे स्टेशन पर बने काका गाडगिल पार्क का पूर्ण जीर्णोद्धार किया जाए।
सुवासरा की उपेक्षा कर रहे हैं जनप्रतिनिधि, आश्वासन तक ही सीमित
सुवासरा। नगर के रेलवे स्टेशन पर कोविड काल के बाद वर्षों से संचालित ट्रेनों के स्टापेज भी खत्म कर दिए हैं। इस कारण नगर सहित तहसील से जुड़े लगभग एक लाख से अधिक लोगों को रेल यात्रा करने में परेशानी हो रही है। जबकि समीपवर्ती चौमहला और शामगढ़ में कई ट्रेनों के स्टापेज यथावत हैं। विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय के साथ ही दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर जिला मुख्यालय का सबसे नजदीकी स्टेशन होने के बाद भी जनता को रेल सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इस समस्या को लेकर कैबिनेट मंत्री हरदीपसिंह डंग और सांसद सुधीर गुप्ता दोनों ही गंभीर नहीं हैं। गत दिनों सासंद सुधीर गुप्ता दिल्ली से मंदसौर जाते समय अलसुबह सुवासरा आए थे। यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता ने भी उनके सामने नाराजगी जताई तो तब सांसद ने भी कहा था कि मेरे प्रयास जारी हैं। रेल मंत्री से भी चर्चा हो चुकी है। शीघ्र ही समस्या हल होगी।
यह हैं सुवासरा की प्रमुख मांगें
- 1980 से सुवासरा- मंदसौर रेल लाइन की मांग की जा रही है। वर्ष 2015 में पश्चिम मध्य रेलवे के अधिकारियों ने सर्वे भी कर लिया था। अब रेल मंत्रालय से जल्द राशि स्वीकृत कराई जाए।
- ट्रेन 02955- 02956 जयपुर- मुंबई गणगौर एक्सप्रेस, 02459- 02460 जोधपुर-इंदौर रणथंभौर एक्सप्रेस, 09037- 38-39-40 अवध एक्सप्रेस, 08245-08246 बिलासपुर- बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टापेज पूर्वानुसार सुवासरा स्टेशन पर किया जाए।
मंदसौर-नीमच में रेल सुविधाएं बढ़़ाई जाएं
मंदसौर। रतलाम डीआरएम कार्यालय में हुई बैठक में सांसद प्रतिनिधि राजदीप परवाल ने संसदीय क्षेत्र की रेल सुविधाओं से जुड़ी मांगों को रखा। सांसद का पत्र भी डीआरएम विनीत गुप्ता को सौंपा गया। इसमें ट्रेन 09711 जयपुर-भोपाल एक्सप्रेस का पिपलियामंडी, 04801 जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस का दलौदा एवं पिपलियामंडी, 09329 इंदौर-उदयपुर एक्सप्रेस का पिपलियामंडी एवं जावद रोड, 09327 उदयपुर-रतलाम एक्सप्रेस के मल्हारगढ़ एवं ट्रेन 07019 जयपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन के जावरा में बंद हुए स्टापेज को पुन प्रारंभ करने के अलावा मंडल द्वारा प्रस्ताव बनाकर पश्चिम रेलवे व रेलवे बोर्ड को भेजने की बात कही। इसके साथ ही ट्रेन 01125 ग्वालियर-रतलाम एवं 01126 भिंड-रतलाम एक्सप्रेस तथा 04309 देहरादून-उज्जैन एक्सप्रेस का विस्तार रतलाम होकर नीमच तक किया जाए।
मेमू को उज्जैन से नीमच तक चलाया जाए
प्रस्तावित उज्जैन-चित्तौड़ मेमू ट्रेन सुबह उज्जैन से चलाना प्रस्तावित है। पर इसे सुबह चित्तौड़ से प्रारंभ करना चाहिए। और शाम उज्जैन से चित्तौड़ चले। इससे लोगों को ज्यादा सुविधा होगी।
इन ट्रेनों के फेरे बढ़ाए जाएं
-साप्ताहिक इंदौर-बीकानेर महामना एक्सप्रेस एवं इंदौर-दिल्ली सरायरोहिल्ला एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाना चाहिए।
-ट्रेन 09327 रतलाम-उदयपुर एक्सप्रेस में भी अनारक्षित श्रेणी में टिकट दिए जाएं।
- पहले महू-रतलाम डेमू सुबह 9ः20 बजे रतलाम आने के बाद नए नंबर से रतलाम-चित्तौड़ तक संचालित थी। इसे फिर से चलाई जाए।
-इंदौर-जम्मूतवी एक्सप्रेस सहित लंबी दूरी की कुछ ट्रेनों को मंदसौर-नीमच होकर चलाने का प्रस्ताव पश्चिम रेलवे के माध्यम से रेलवे बोर्ड को भेजा जाए।
- पहले ट्रेन 05911 रतलाम-जमनाब्रिज पैसेंजर का मंदसौर में पांच मिनट का स्टापेज था। इसे अभी दो मिनट का कर दिया गया है। माल लदान नहीं होने से व्यापारी परेशान हैं व रेलवे को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। ट्रेन का मंदसौर व नीमच में पांच-पांच मिनट का स्टापेज किया जाए।