महू के 159 वर्ष पुराने भवन को बचाने के लिए दायर हुई याचिका, 8 दिसंबर को होगी सुनवाई
यह भवन वर्ष 1866 में बना था और लंबे समय तक इसका आर्मी अस्पताल और बाद में आर्मी पब्लिक स्कूल के रूप में उपयोग होता रहा। यह भवन ऐतिहासिक महत्व रखता है, लेकिन इसे तोड़ने की तैयारी चल रही है। भवन की आयु, संरचना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि देखते हुए इस भवन को संरक्षित किया जाना चाहिए।
Publish Date: Tue, 18 Nov 2025 08:22:32 PM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Nov 2025 09:37:23 PM (IST)
स्कूल को बिल्डिंग के फ़ाइल फोटो।HighLights
- महू का यह ऐतिहासिक भवन वर्ष 1866 में बनाया गया था।
- लंबे समय तक इसका आर्मी अस्पताल के रूप में हुआ था।
- बाद में आर्मी पब्लिक स्कूल के रूप में उपयोग होता रहा।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। महू के 159 वर्ष पुराने भवन को बचाने के लिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिया है कि इस 159 वर्ष पुराने भवन को फिलहाल न तोड़ा जाए। यह भवन वर्ष 1866 में बना था और लंबे समय तक इसका आर्मी अस्पताल और बाद में आर्मी पब्लिक स्कूल के रूप में उपयोग होता रहा।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका याचिकाकर्ता देव कुमार वासुदेवन ने अधिवक्ता अभिनव धनोड़कर के माध्यम से दायर की है। कहा है कि यह भवन ऐतिहासिक महत्व रखता है, लेकिन इसे तोड़ने की तैयारी चल रही है। भवन की आयु, संरचना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि देखते हुए इस भवन को संरक्षित किया जाना चाहिए।
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यह बोर्ड बाहर लगा हुआ है जिसमें हेरिटेज घोषित किया है।
मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने निर्देश दिए कि पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय निदेशालय को मामले की जानकारी दी जाए और अगली सुनवाई पर उनका पक्ष भी रखा जाए। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अगली सुनवाई तक भवन को नहीं गिराया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस आदेश का मतलब यह नहीं है कि पूरी तरह से नई इमारत के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया है। मामले में अगली सुनवाई आठ दिसंबर को होगी।