नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। जंगल क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश से नदियां उफान पर आ गई हैं, जिले का सबसे बड़ा डैम पगारा भी लबालब भर गया है। जिसकी वजह से तीन साल बाद एक बार फिर से इसके स्वसंचालित गेट कभी भी खुल सकते हैं।
डैम में बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए और गेट खुलने की संभावना के चलते जलसंसाधन विभाग ने 27 गांवों में अलर्ट कर दिया है। बारिश की वजह से क्वारी नदी भी उफान पर बनी हुई है, जिसके चलते कई पुल पुलिया डूब में आ गई है और ग्रामीण क्षेत्रों के रास्ते बंद हो चुके हैं।
पगारा डैम की ऊंचाई 654 फीट है, जिससे यह जिले का सबसे ऊंचा डैम है। एक सप्ताह पहले तक यहां पानी महज 70 फीसद के करीब ही भरा हुआ था, लेकिन जंगल क्षेत्र में डैम के कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश के चलते यह पूरी तरह से भर चुका है। जिससे वर्तमान में जलस्तर 652 फीट से ऊपर आ गया है।
दो फीट पानी इसमें कभी भी बढ़ सकता है, जिससे इसके स्वसंचालित गेट खुल सकते हैं। पानी का जलस्तर ऊपर आते ही यह गेट अपने आप ही खुल जाते हैं। पिछली बार 2021 में यह गेट खुले थे, इससे पहले 2012 में यह गेट खुले थे। डैम बड़ा होने से अपने आप से गेट कई सालों में एक बार खुलते हैं।
पगारा डैम पर इस नजारे को देखने के लिए भी हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचना शुरू हो जाते हैं। डैम की एक नाली अभी चलना शुरू हो गई है। पानी का जलस्तर गेट खुलने की स्थिति में पहुंचता है तो इसमें बनी ओवर फ्लो नालियां से पानी निकलना शुरू हो जाता है, जो इस समय पूरी क्षमता के साथ चल रहीं हैं।
जलसंसाधन विभाग डैम पर नजर गढ़ाए हुए हैं। जिससे गेट खुलने के बाद इसके डाउन स्ट्रीम में आने वाले 27 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है।
जलसंसाधन विभाग ने पगारा डैम में पानी आने के बाद मई, नरहेला, बिचपुरी, सिधौरा, धसटुआ, जिंदपुरा, घूघस, पन्नू का पुरा, गदाल का पुरा, रपट का पुरा, मुदावली का पुरा, राजघाट का पुरा, डोंगरपुर, ककरधा, खेरा, बड़ौना, दुल्हैनी, पहावली, जरैना, सिलायथा, खनेता, घुरैयाबसई, गढ़ीखेरा, डाबी का पुरा, जनवेद का पुरा, सामले का पुरा व छोंदा गांव शामिल है। जिनके ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है।
दरअसल पगारा डैम से निकला पानी आसन नदी में पहुंचेगा। जिससे यह गांव जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हो सकते हैं। क्वारी नदी के उफान से सबलगढ़ से पोरसा तक पुल पुलिया डूब में लगातार बारिश होने की वजह से क्वारी नदी भी उफान पर आ गई है। जिसकी वजह से जिले में सबलगढ़ से लेकर पोरसा तक के कई पुल पुलिया के ऊपर से पानी निकल गया है।
सबलगढ़ के बामसौली रपटा पर पांच से छह फीट ऊपर से पानी निकल रहा है। जिससे आधा दर्जन से अधिक गांवों का रास्ता बंद है। इसी तरह बागचीनी रपटा से एक दर्जन गांवों का रास्ता बंद हो गया है, पलपुरा रपटा भी डूब में आ गया है।
पोरसा की बात की जाए तो यहां कोंथर खुर्द की पुलिया के ऊपर तक पानी आ गया है, हालांकि आवागमन खतरे के बीच हो रहा है। वहीं पुरावस रपटे के ऊपर से पानी आने से आवागमन प्रभावित हुआ है। मुरैना नगर निगम सीमा से भी क्वारी नदी गुजरी है। जिसकी वजह से सोमवार की रात को पानी पीएम आवास योजना के घरों से महज 200 फीट दूर तक पानी रह गया था।