
नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना: बालाघाट में एक महीने की माओवाद सर्चिंग ड्यूटी कर वापिस लौट रहे मुरैना पुलिस के बम निरोधक दस्ता एवं डाग स्क्वाड (BDDS) का वाहन सागर जिले में NH 44 पर कैंटर से टकरा गया। हादसे में चार जवानों की दर्दनाक मौत हो गई, एक को नाजुक हालत में भोपाल से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया है। मृतक पुलिसकर्मियों के परिवार ही नहीं, बल्कि पूरी पुलिस लाइन और मातम पसर गया है। मृतक जवानों के शव देर रात तक मुरैना आएंगे। उनके अंतिम दर्शन व श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस लाइन में तैयारियां की गई हैं।
इस भीषण हादसे में जान गंवाने वाले आरक्षक प्रद्युम्न दीक्षित भिंड जिले के फूफ निवासी हैं। मुरैना पुलिस लाइन में वह अपनी पत्नी अनीता दीक्षित, 15 साल की बेटी प्रियंवदा और 12 साल के बेटे रूद्रादित्य के साथ रहते हैं। हादसे से कुछ घंटे पहले प्रद्युम्न दीक्षित ने फोन पर पत्नी अनीता से बात की और कहा, कि हम लोग बालाघाट से निकल चुके हैं, बुधवार दोपहर तक मुरैना पहुंच जाएंगे। प्रद्युम्न की ससुराल मुरैना में वीआइपी रोड पर है, जहां उनके साले की बेटी की गुरुवार 11 दिसंबर को शादी है।
फोन पर प्रद्युम्न ने पत्नी अनीता से कहा कि, मुरैना आते ही भतीजी की शादी में चलेंगे, अपना सामान पैक कर लो। पति से बात होने के बाद रात में ही अनीता ने शादी में जाने के लिए पूरी पैकिंग कर ली। बुधवार की सुबह खबर आई कि हादसे में प्रद्युम्न सहित चार लोगों की मौत हो गई। यह सुनकर अनीता बेहोश होकर गिर पड़ी। पूरे परिवार का रो-रोककर बुरा हाल है। प्रद्युम्न के पिता श्रीवल्लभ शर्मा किसान हैं और फूफ गांव में ही रहते हैं। प्रद्युम्न की एक बड़ी बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है, उनके बुजुर्ग माता-पिता की भी इकलौता सहारा छिन गया।
बीडीडीएस वाहन को चालक, आरक्षक परिमाल सिंह तोमर की भी हादसे में मौत हो गई। परिमाल सिंह के तीन बेटे और एक बेटी हैं। उनका एक बेटा शिवा नेवी में हैं। बेटी शिवानी सिंह की पांच महीने पहले ही शादी की है। पत्नी और दो बेटे मुरैना पुलिस लाइन, 12 बीघा में रहते हैं। छोटा बेटा कल्ला पांव से दिव्यांग है। परिमाल सिंह ने बालाघाट से वापिस आने की सूचना मंगलवार को ही पत्नी व बेटे को दी थी। पूरा परिवार बुधवार दोपहर तक उनका इंतजार करता रहा। फोन पर बात नहीं हुई तब पड़ोसी व पुलिसकर्मियों ने यही बताया कि लौटते समय उनके वाहन का एक्सीडेंट हो गया है, वह घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। परिमाल सिंह की मौत की खबर देर शाम तक उनकी पत्नी को नहीं दी गई, क्योंकि उनकी सेहत खराब है।
हादसे में जान गंवाने वाले आरक्षक अनिल कौरव मूल रूप से भिंड जिले के ऐंडोरी थाना क्षेत्र के टेकोन गांव के निवासी थे अौर बम निरोधक दल के एक्सपर्ट कर्मचारियों में से एक थे। अनिल कौरव भी पुलिस लाइन में पत्नी जूली अौर 12 साल के बेटे आदित्य के साथ रहते थे। बेटा आदित्य हर रोज फोन पर पिता से बात करता था। मंगलवार को भी आदित्य ने पिता अनिल कौरव से बात की तो अनिल ने बताया मैं कल आ रहा हूं, फिर अपन घूमने चलेंगे। सुबह जूली को सूचना दी गई, कि सड़क हादसे में अनिल कौरव की मौत हो गई। यह खबर सुनते ही जूली अपने बेटे को साथ लेकर सागर रवाना हो गई। बेटे को नहीं बताया कि उसके पिता अब दुनिया में नहीं, उसे सभी ने बताया कि पापा के पास जा रहे हैं।
हादसे में जान गंवाने वाले चौथे पुलिसकर्मी विनोद शर्मा जौरा कस्बे के जेल रोड निवासी थे। वह एसएएफ के आरक्षक थे और पुलिस के स्निफर डाग को प्रशिक्षित करने वाले उम्दा ट्रेनर थे। विनोद शर्मा भिंड जिले में पदस्थ थे, लेकिन कुछ समय पहले उन्हें मुरैना में अटैच किया गया था। उनके परिवार में पत्नी व दो बच्चे हैं, जो भिंड पुलिस लाइन में ही रहते हैं। पिता शोभाराम शर्मा का कैंसर की बीमारी से कुछ साल पहले निधन हो चुका है। जौरा में उनके बड़े भाई विनोद शर्मा व अन्य परिजन रहते हैं, जो हादसे की जानकारी मिलने के बाद से ही सदमे में हैं। सागर में हुए हादसे में विनोद शर्मा की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं उनके साथ जो फीमेल डाग थी वह सुरक्षित बच गई है।
मुरैना की बीडीडीएस टीम जिस सड़क पर हादसे का शिकार हुई है वह नेशनल हाईवे 44 की डायवर्सन रोड है। सागर में झीकनी घाटी के पास जहां हादसा हुआ है वहां नेशनल हाईवे पर ओवरब्रिज बन रहा है, इसलिए दोनो लेन के वाहनों को एक संकरी डायर्वन रोड से निकाला जाता है। यह डायर्वन रोड कच्ची और इतनी ऊबड़-खाबड़ है जिस पर चार पहिया वाहन को 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाना भी मुश्किल है। पुलिस अफसरों के अनुसार बीडीडीएस वाहन हाईस्पीड में दौड़ता भी नहीं है, उसकी अधिकतम रफ्तार 80 से 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की होती है। ऐसी जर्जर सड़क पर तो वाहन धीमी रफ्तार में ही चलता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है, जिस कंटेनर से बीडीडीएस वाहन टकराया है, उस कंटेनर की स्पीड बहुत अधिक होगी।
- नक्सल ड्यूटी से लौट रहे BDDS वाहन के साथ दुर्घटना और हमारे चार जवानों की मौत पुलिस परिवार के लिए यह बेहद दुख का छड़ है। यह हादसा किस कारण हुआ है, इसकी जांच सागर पुलिस कर रही है, हम भी अपने स्तर पर जांच करेंगे। हादसे में घायल पांचवे आरक्षक राजीव चौहान की हालत भी नाजुक हैं, उन्हें एयर एंबुलेंस से भोपाल से दिल्ली रेफर किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।
विजय भदौरिया
हेडक्वार्टर डीएसपी, मुरैना