मुरैना (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मप्र में कुश्ती के बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। मप्र या अन्य किसी प्रांत की प्रतिभा को कोई दबा न पावे उसी को लेकर हमने कुछ नियम बनाए थे। उन नियमों को लेकर हरियाणा प्रांत के कुछ खिलाड़ियों ने विरोध किया और उसके बाद हुई राजनीति के कारण मैं आज तक महिला पहलवानों के आरोप झेल रहा हूं। मैं जो कुछ कर रहा हूं, वह देश के कुश्ती-पहलवानों के विकास व देश का मान बढ़ाने के लिए कर रहा हूं। पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बातें भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहीं।
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व केसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह रविवार को मुरैना के सरसेनी गांव में आयोजित दलकू बाबा की 710वीं जयंती कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस आयोजन से पहले रेस्ट हाउस पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि देश के अंदर चार प्रदेश ऐसे हैं, जो कुश्ती के लिए ए श्रेणी में आते हैं, इनमें मप्र, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा का नाम शामिल है।
बृजभूषण ने कहा कि हमने कुश्ती के खेल को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए काम किया। भारतीय कुश्ती संघ ने हर प्रदेश में गद्दे दिए हैं, हर प्रदेश में अखाड़े खुलवाए। लेकिन जब बृजभूषण शरण सिंह से कहा गया कि ग्रामीण अंचल में कुश्ती के लिए ऐसे कोई प्रयास नजर नहीं आते। इस सवाल को वह टाल गए और कहने लगे, कि पहले ओलंपिक में हमें कुश्ती में कोई पदक नहीं मिलता था। पिछली बार तीन मेडल हमने ओलंपिक में जीते हैं। हमारे देश की कुश्ती का स्थान दुनिया के श्रेष्ठ पांच देशों में है।
सनातन पर उठने वाले सवालों और सनातन को बीमारी बताने वाले नेताओं को बृजभूषण शरण ने रावण, कंश, जरासंध जैसा बताते हुए कहा कि सनातन पर तो हर युग में सवाल उठाए गए हैं। हर युग में सनातन को खत्म करने का षड़यंत्र किया, लेकिन ऐसा करने वाले मिट गए और सनातन अमर रहा। उन्होंने कहा कि यह सृष्टि ब्रह्मा द्वारा निर्मित है। जब दूसरी प्रलय के बाद भगवान मनु ने पृथ्वी की व्यवस्था संभाली तब हिरणकश्यप ने सनातन पर सवाल उठाए और उसी के बेटे प्रहलाद ने उसे जवाब दिया। उन्होंने कहा, कि क्या सनातन पर सवाल उठाने वाले लोग मानते हैं, कि वह लोग खुद की उत्पत्ति है। क्या ऐसे लोग सृष्टिको नहीं मानते।
दलकू बाबा की 710वीं जयंती इस बार भव्य स्तर पर मनाई गई। मुरैना के बैरियर चौराहा से हजारों वाहनों की रैली निकाली। इस रैली में शामिल युवा भगवा झंडे लहराते और दलकू बाबा के जयकारे लगाते हुए जहां-जहां से गुजरे वह इलाका जयकारों से गूंज उठा। चंबल नदी किनारे सरसेनी सती माता मंदिर परिसर में विशाल कार्यक्रम हुआ, जिसमें सिकरवारी क्षेत्र के 20 हजार से ज्यादा लोग आयोजन में शामिल हुए। जयंती कार्यक्रम में पहाड़गढ़ राजपरिवार के वंशज शत्रुदमन सिंह, भवानी सिंह कालवी, शक्ति सिंह, अनुराग सिंह राघव विशष्टि अतिथि के तौर पर शामिल हुए।