नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। मुरैना जिले में जनसुनवाई रिकार्ड गढ़ रही है। जब से कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ जिले में पदस्थ हुए हैं, जब से जनसुनवाई में आने वाले आवेदनों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। इस भीड़ में ऐसे भी दर्जनों लोग थे, जो सालों से अपनी गुहार लेकर कलेक्टर की देहरी पर आ रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायत का निदान नहीं हो रहा। कई लोग जनसनुवाई में दर्जनों बार आवेदन दे चुके हैं, उन्हें नए कलेक्टर से अपनी शिकायत के समाधान की आस है।
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मंगलवार को हुई जनसुनवाई में जखौना-धोगापुरा गांव के धर्मेंद्र सिंह, विष्णु सिंह, अन्नू कुमार, पंडित उम्मेद, दारासिंह सहित करीब 20 युवा पहुंचे। इन ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव की मुख्य सड़क कीचड़ और गड्ढों से भरी है। इन युवाओं ने बताया कि जखौना रोड से मदन सिंह के मकान तक की सड़क को पक्का बनवाने के लिए पहले उनके पिता, चाचा, ताऊ आवेदन देते रहे हैं, लेकिन सड़क निर्माण नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बीमार व प्रसूता के लिए एंबुलेंस व जननी वाहन तक नहीं आ पाती। यह शिकायत को केवल एक उदाहरण हैं, जनसुनवाई में लगी लंबी कतार में से कम से कम 20 फीसद आवेदन ऐसे थे, जो चार या इससे अधिक बार पहले आवेदन दे चुके हैं।
इस मंगलवार को भी जनसुनवाई में शिकायतकर्ताओं की इतनी लंबी कतार लगी कि, जनसुनवाई के हाल से लेकर पूरी गैलरी से लेकर कलेक्टोरेट के पिछले गेट तक आवेदकों की कतार लगी थी। चार-चार घंटे लाइन में लगने के बाद कई लोग कलेक्टर तक पहुंचे।
कोई अफसर मोबाइल में व्यस्त कोई उबासी लेता दिखा
इस मंगलवार को भी जनसुनवाई लगभग पांच घंटे चली। इस दौरान कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने हर शिकायतकर्ता की शिकायत को तसल्ली से सुना। लेकिन जनसुनवाई में मौजूद अन्य विभागों के अधिकारियों के लिए जनसुनवाई बोरियत भरी हो गई। कई अधिकारी उबासी लेते दिखे तो कई मोबाइल में फेसबुक, इंस्ट्राग्राम चलाकर अपने समय पास करते नजर आए।
गांव में नहीं हुआ कोई विकास, तीन साल से कर रहा शिकायत
माधौपुरा गांव निवासी मुन्ना सिंह गुर्जर ने बताया कि उनका गांव मालीबाजना ग्राम पंचायत में आता है। माधौपुरा में 200 घर की बस्ती है, इस गांव में सरपंच-सचिव ने तीन साल में कोई काम नहीं करवाया। गांव की कच्ची सड़कें हैं, पानी निकासी के लिए नाला नहीं। इसका कारण यह है, कि सरपंच मालीबाजना गांव के हैं, उन्हें लगता है कि चुनाव में उन्हें माधौपुरा से वोट नहीं मिले, इसलिए वह पूरे गांव से रंजिश रखते हैं। गांव में स्कूल भवन तक नहीं, बच्चों को पढ़ने के लिए तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
40 से ज्यादा आवेदन दे चुका, कार्रवाई नहीं
गुर्जा गांव निवासी विजयपाल सिंह सिकरवार ने बताया कि जनसुनवाई में वह बीते चार साल में 40 से ज्यादा आवेदन दे चुका है। विजयपाल सिंह के अनुसार सिद्धनगर में 2500 वर्गफीट प्लाट और मोहनपुर चिन्नौनी गांव में उसकी तीन बीघा जमीन है, जिस पर महिपाल, अजयपाल, प्रशांत, दीपक ने कब्जा कर लिया है। जमीन मुक्त करने की कहने पर यह लोग मेरे बच्चों को मारने की धमकी देते हैं। विजयपाल ने अपने बच्चों की जान का खतरा बताते हुए कार्रवाई की मांग की है।
कैलारस नप में भ्रष्टाचार की शिकायत के साथ पांचवी बार जनसुनवाई में पार्षद
कैलारस के पहाड़गढ़ रोड निवासी और वार्ड 15 के पार्षद पूरन शिवहरे ने अपने आवेदन में ही लिखा कि वह पांचवी बार जनसुनवाई में आवेदन लेकर आए हैं। पूरन शिवहरे ने बताया कि कैलारस नप में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। तीन साल में 20 सीएमओ बदल गए, कोई सीएमओ रुक नहीं पा रहा। स्टोर शाखा व निर्माण शाखा में 1.41 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी हुई है। 180 फर्जी बिल वाउचर बनाकर फर्जी भुगतान हुए हैं, जिनके प्रमाण हैं। पूरन शिवहरे के अनुसार वह कैलारस नप में वित्तीय गड़बड़ियों की मांग कर रहे हैं, पर प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा।