
नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। बेरहमी से हुई मारपीट में घायल हुए सिहोनियां थाना क्षेत्र की गोपी ग्राम पंचायत के मोहनपुरा गांव निवासी 22 वर्षीय जयसिंह तोमर पर सोमवार 10 नवंबर को जानलेवा हमला हुआ। तीन दिन की जद्दोजहद के बाद जयसिंह अस्पताल के पलंग पर जीवन की जंग हार गया। जयसिंह की 22 नवंबर को शादी होने वाली थी, इसलिए वह अपने चचेरे भाई अर्जुन तोमर के साथ सामान खरीदने जा रहा था।
खड़ियाहार की पुलिया पर घात लगाकर बैठे जिलाबदर व पूर्व सरपंच रामकरण तोमर के बेटे सौरभ तोमर, पप्पू तोमर पुत्र दर्शन तोमर, पप्पू तोमर के दो बेटे गणेश सिंह, कान्हा तोमर और तीन अज्ञातों ने हमला कर दिया। आरोपितों ने बेसबाल के डंडे व लाठियों से पीट-पीटकर जयसिंह के हाथ-पैर तोड़ दिए और उसे मरणासन्न हालत में पहुंचा दिया, चचेरे भाई अर्जुन को भी घायल कर दिया।
घायल जयसिंह ने इलाज के दौरान बीती रात ग्वालियर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। जयसिंह की मौत के बाद इंटरनेट मीडिया पर लोगों का गुस्सा पुलिस व्यवस्था और दबंगों पर जमकर फूट रहा है। शव रखकर हाईवे पर लगाया जामगुरुवार दोपहर एक बजे के करीब ग्वालियर से जयसिंह का शव मुरैना लाया गया। इससे पहले दो सैकड़ा से ज्यादा लोग पुरानी कलेक्टोरेट पर जुट गए। दोपहर दो बजे शव को नेशनल हाईवे 552, बड़े गांव चौराहा पर रखकर जाम लगा दिया। मृतक के स्वजन व ग्रामीणों ने कहा कि मृतक परिवार का इकलौता था, इसलिए बूढ़े माता-पिता को आर्थिक मदद दी जाए। चाचा के बेटे को शस्त्र लाइसेंस दिया जाए। मृतक की मां बीमार हैं, उनके इलाज का खर्च शासन उठाए। आरोपितों पर हत्या का मामला दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई जैसी मांग रखी गई।
मृतक जयसिंह तोमर और मास्टमाइंड आरोपित रामकरण सिंह तोमर में दो साल पहले तक अच्छे संबंध थे। दो साल पहले जयसिंह के पास एक ठग का फोन आया और सस्ते में सोने की ईंट बेचने का लालच दिया। पास ही बैठे रामकरण ने यह बात सुनी और ईंट खरीदने की इच्छा जताई। जयसिंह ने कहा उसके पास पैसे नहीं, तो रामकरण ने कहा, वह दे देगा। इसके बाद रामकरण सिंह अपने भतीजे कृष्णा तोमर व जयसिंह तोमर के साथ राजस्थान के धौलपुर क्षेत्र के एक गांव में गए, यहां ठग ने ईंट से सोना काटकर दिया उसे रामकरण व कृष्णा ने सुनार से चेक करवाया तो खरा सोना निकला। इसके बाद रामकरण ने आठ लाख रुपये देकर ईंट खरीद ली, जो नकली सोने की निकली।
रामकरण आठ लाख रुपये जयसिंह से मांगने लगा, उसकी जमीन पर कब्जा करने की धमकियां देने लगा। जयसिंह ने एक साल पहले रामकरण द्वारा गोचर की भूमि पर किए कब्जे की शिकायत कर दी। इसके बाद आरोपितों ने जयसिंह को घर में घुसकर पीटा और छत से नीचे फेंक दिया, जिसमें जयसिंह के सिर की हड्डी टूटी थी, कई दिन अस्पताल में रहा। इसमें रामकरण पक्ष पर केस दर्ज हुआ, बाद में जयसिंह को मिल रही धमकियों का भी एक केस पुलिस ने दर्ज किया। इससे गुस्साया आरोपित पक्ष ने जयसिंह की हत्या की तब ठान ली, जब आदतन अपराधी पूर्व सरपंच रामकरण तोमर को जिलाबदर करने के लिए कलेक्टर न्यायालय में जयसिंह ने बयान दे दिए और रामकरण एक साल के लिए तड़ीपार कर दिया गया।
जब जयसिंह को आरोपितों ने बुरी तरह पीटने के बाद छत से फेंका, जिसमें उसके सिर की हड्डी टूटी, तब तत्कालीन थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह गौर ने अस्थिभंग की सामान्य धारा 325 लगाई, जबकि सिर की हड्डी टूटने पर धारा 326 लगती है, जिसमें कड़ी सजा का प्राविधान है।
जयसिंह अपने पिता का इकलौता बेटा था। बार-बार धमकियां मिलने के बाद थाने में शिकायत की, पर पुलिस ने सुनवाई नहीं की। जयसिंह ने सीएम हेल्पलाइन लगाई, तब पुलिस ने आरोपितों पर राजीनामा के लिए धमकाने का केस दर्ज किया।- बीते 10 से 15 दिन से भी आरोपित उसे राजीनामा के लिए धमका रहे थे। थाने में सुनवाई नहीं होने पर सात-आठ सीएम हेल्पलाइन लगा दीं। इसके बाद आरोपितों ने 10 नवंबर को उस पर हमला किया और मरणासन्न हालत में सड़क पर छोड़ भाग गए। सिहोनियां थाना प्रभारी ने एसपी को जानकारी दी, कि जयसिंह बाइक फिसलने से घायल हुआ है। बाद में एसपी को पीड़ित पक्ष के लोगों ने पूरी घटना बताई, तब जाकर चार नामजद व तीन अज्ञातों पर केस हुआ।
भोपाल में रह रहीं मृतक जय की मुंहबोली बहन श्रुति तोमर ने फेसबुक पर लिखा है, कि सीधा सा लड़का सेना की तैयारी कर रहा था, वो एक विरोध में शामिल हुआ। कानून ने झट से 188 लगाकर जेल भेज दिया, उसका सपना टूट गया, पर वह फिर खड़ा हुआ बिजनेसमैन बनने के लिए। मुझे आज अपने चंबल पर गर्व नहीं हो रहा। मैं जय को समझाती रही कि कानून से बड़ा कुछ नहीं। आज वह जीवन की जंग हार गया। अब लग रहा है, ये सिस्टम, पुलिस और नेता कभी चंबल को बदलने नहीं देंगे। एक खुशदिल इंसान की इस सिस्टम ने हत्या की, घर में बूढ़ा पिता, बीमार मां है, जिन्हें देखने वाला कोई नहीं। छह दिन बाद इस घर में बहू आने वाली थी, आज मातम है... जय का कोई भाई नहीं है। अगर इतना सहने के बाद वो बंदूक उठा लेता को कोई बड़ी बात नहीं होती।