नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। मुरैना जिले में सरकारी जमीनों पर दबंग और प्रभावशाली लोग कब्जा जमा रहे हैं। पटवारी से लेकर तहसील और रजिस्ट्रार कार्यालय में इतना काला-पीला है, कि सरकार की जमीनें निजी लोगों की संपत्ति बन रही है। विक्रय से वर्जित जमीनों की दो या इससे अधिक बार रजिस्ट्री भी हो रही है, पर इस पर अंकुश लगाने का रत्तीभर प्रयास मुरैना जिले में नहीं हो रहा। चार करोड़ रुपये कीमत की सरकारी जमीन के निजी सम्पत्ति बन जाने का हैरतअंगेज मामला कैलारस तहसील के नैपरी पटवारी हल्का का है।
सर्वे नंबर 975/1 में 0.4180 हेक्टेयर (दो बीघा) जमीन सरकारी से निजी करवाई गई फिर इस पर कॉलोनी काटी जा रही है। राजस्व विभाग का रिकॉर्ड ही बता रहा है, कि 1979 से 2003 तक के राजस्व रिकॉर्ड (खसरा) में सर्वे नंबर 975/1 की 0.4180 हेक्टेयर जमीन चरनोई की दर्ज है। यानी यह जमीन सरकारी थी और मवेशियों के चारे की खेती के लिए आरक्षित होकर विक्रय से वर्जित थी। लेकिन वर्तमान के राजस्व रिकॉर्ड में इस जमीन की भू-स्वामी कैलारस निवासी सुशीला देवी पत्नी राधेश्याम बंसल हो गई हैं।
इस जमीन में सबसे बड़ा फजीवाड़ा यह है, कि साल 2001 से 2003 तक का नैपरी हल्के का राजस्व रिकॉर्ड मुरैना कलेक्टोरेट से भी गायब है। इसी रिकार्ड में छेड़छाड़ कर यह चरनोई की जमीन पटवारी और तहसील के रिकॉर्ड में निजी दर्ज कर दी गई। लगभग चार करोड़ रुपये की इस चरनोई की जमीन पर कॉलोनी काटकर 25-25 लाख रुपये में प्लाट बेचे जा रहे हैं।
यह चरनोई की जमीन कैलारस कस्बे में नेशनल हाईवे 552 (एमएस रोड) के किनारे हैं, इसलिए बेहद कीमती है और यहां जमीन की मांग भी बहुत है। कई लोगों ने प्लाट की बुकिंग करवा ली है, लेकिन कुछ जागरूक लोगों ने इस जमीन का पुराना रिकॉर्ड खंगाला तो वह अब प्लाट लेने से पीछे हट रहे हैं। इन्हीं में से एक है अनिकेत शर्मा, जिन्होंने मार्च महीने में दो प्लाट के लिए एक-एक लाख का एडवांस दिया था।
इस चरनोई की जमीन पर कैलारस के अंकित सिंघल, प्रमोद और मोनू नाम के व्यक्ति कॉलोनी काट रहे हैं, और प्लाटों की विक्री मोहनपुर के दिलीप डिगर्रा के जरिए करवाई जा रही है। अनकेत पाराशर ने दिलीप डिगर्रा को ही एडवांस दिया और जब उन्हें पता चला, कि कालोनी की जमीन चरनोई की है, तो उन्होंने प्लाट की रजिस्ट्री कराने से इंकार कर दिया और अब अपने एडवांस के रुपयों को वापिस मांग रहे हैं।
करोड़ों रुपये की सरकारी जमीनों पर दबंग भूमाफिया किस तरह पांव पसार रहे हैं, इसका ताजा मामला मुरैना नगर निगम क्षेत्र के डोमपुरा में सामने आ रहा है। यहां सर्वे नंबर 69 एवं सर्वे नंबर 72 में लगभग 15 बीघा सरकारी जमीन है, इस जमीन पर बीते एक महीने से कॉलोनी काटी जा रही है।
कालोनाइजरों ने सरकारी जमीन पर सड़क बना दी है, यहां एक आम रास्ते तक को कालोनी में शामिल कर दिया गया है। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत भी की है। इस मामले में तहसीलदार कुलदीप दुबे का कहना है, कि दोनों सर्वे नंबरों की अलग-अलग जांच करवा रहे हैं। एक जांच हो चुकी है, दूसरी एक-दो दिन में पूरी हो जाएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नैपरी हल्के की इस जमीन के संबंध में मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है, अगर पुराने रिकॉर्ड में यह जमीन चरनोई की थी और अब निजी दर्ज हो चुकी है, तो गड़बड़ तो है। मैं इस मामले की पूरी रिपोर्ट पूर्व व वर्तमान पटवारी से लेता हूं, अगर फर्जीवाड़ा हुआ है, तो इसके दोषियों पर सख्त कार्रवाई भी होगी। - विश्राम बघेल तहसीलदार, कैलारस