नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। जुए के फड़ से भागने के फिराक में सांक नदी में डूबे चौखूटी गांव निवासी 19 वर्षीय भारत सिंह गुर्जर का शव करीब 18 घंटे बाद गुरुवार की सुबह मिल गया। इस घटना में नूराबाद थाना प्रभारी अतुल सिंह और आरक्षक भूपेंद्र गुर्जर की अमानवीयता सामने आई है। थाना प्रभारी और आरक्षक के सामने ही भारत नदी में डूबा, लेकिन उन्होंने साढ़े चार घंटे तक किसी को इसकी भनक नहीं लगने दी। इस घटना पर गुरुवार को भी नूराबाद थाने में जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद एसपी ने थाना प्रभारी व आरक्षक को लाइन अटैच किया, फिर निलंबित कर दिया।
नूराबाद की बंगाली कॉलोनी के पास नदी किनारे जुए का फड़ कई दिन से चल रहा था। बुधवार को एक जुआरी इस फड पर रुपये हार गया, जिसने आरक्षक भूपेंद्र गुर्जर को जुए के फड़ की सूचना देते हुए, फड़ पर मोटी रकम होने की बात बताई। इस दौरान थाना प्रभारी अतुल सिंह व आरक्षक भूपेंद्र गर्जर, माता विसर्जन स्थल पर ड्यूटी पर थे। दर्जनों जुआरियों को पकड़ने के लिए दोनों ही बिना सोचे-समझे निकल गए। इनके पहुंचते ही जुए के फड़ पर भगदड़ मची। छह युवक नदी किनारे भागे और मछली पकड़ने वालों की नाव में सवार हो गए। यह नाव नदी किनारे से आगे बढ़ते ही डूब गई। पांच युवक तो तैरकर निकल गए, लेकिन भारत सिंह पुत्र जसरथ सिंह मावई पानी में डूब गया।
यह घटना दोपहर दो बजे हुई। यहां से थाना प्रभारी व आरक्षक बिना किसी को कुछ बताए विसर्जन ड्यूटी में चले गए। वहीं थाने के एक आरक्षक ने बताया कि जुए के फड़ से दो लोगों को आरक्षक भूपेंद्र गुर्जर पकड़कर लाया और मारपीट कर हवालात में बंद कर दिया। हंगाामा होने पर उन्हें गुपचुप पीछे के दरवाजे से निकाल दिया गया। हादसे के करीब चार घंटे बाद शाम साढ़े छह बजे इस हादसे का खुलासा हुआ।
मृतक के स्वजन थाना प्रभारी व आरक्षक पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग पर अड़ गए। पुलिस की प्राथमिक जांच में एसआई अतुल सिंह व आरक्षक भूपेंद्र गुर्जर की भूमिका संदिग्ध मिली, इसलिए लाइन अटैच के बाद सस्पेंड कर दिया गया। शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद मर्ग का प्रकरण दर्ज हुआ। पुलिस अफसरों ने विरोध कर रहे पूर्व विधायक राकेश मावई सहित लोगों को भरोसा दिया कि जांच के बाद हत्या का केस भी दर्ज हो सकता है।
नूराबाद थाना प्रभारी अतुल सिंह कहते रहे कि उनके थाने का कोई कर्मचारी जुए के फड़ पर नहीं गया। लेकिन बंगाली कालोनी निवासी मनीष पुत्र वीरसिंह जाटव ने इस झूठ की धज्जियां उड़ा दी। मनीष जाटव ने बताया कि दोपहर ढाई बजे के करीब वह नदी किनारे बकरियां चरा रहा था। तभी थाना प्रभारी और आरक्षक आए और गालियां देते हुए बोले कि जुआरियों के नाम बता कौन-कौन थे, किधर भागे हैं।
बकौल मनीष जाटव उसने कहा कि जुए से उसे कोई लेनादेना नहीं, वह तो बकरी चरा रहा है। इसके बाद आरक्षक भूपेंद्र सिंह ने उसी के हाथ से डंडा छुड़ा लिया और बुरी तरह पीटा। पीट-पीटकर वहीं नदी किनारे छोड़ आए। मनीष और उसका पिता एएसपी डाबर के सामने नूराबाद थाने में पहुंचे और बताया कि आरक्षक पर केस दर्ज किया जाए। पुलिस अफसरों ने मनीष व उसके पिता को कार्रवाई का भरोसा देकर थाने से लौटा दिया।
मुरैना जिले में कई जगह जुए के फड़ चल रहे हैं और दस दिन में जुए के फड़ के कारण दो लोगों की जान चली गई है। इससे पहले 20 सितंबर को बागचीनी थाना क्षेत्र के, भवनपुरा गांव में जुए के फड़ पर कार्रवाई सुमावली के कीरतपुरा गांव निवासी राकेश शर्मा की मौत हो गई। राकेश शर्मा का शव नदी में मिला था। स्वजन ने आरोप लगाए कि पुलिस ने पहले मारपीट की, फिर घायल हालत में नदी में फेंक दिया, जिससे मौत हुई। इस घटना के बाद चक्काजाम से लेकर पुलिस के खिलाफ अन्य विरोध प्रदर्शन भी हुए।
यह कार्रवाई जुए के फड़ को पकड़ने की तो थी ही नहीं। थाना प्रभारी और एक आरक्षक दर्जनों लोगों को कैसे पकड़ते। भगदड़ होना तो तय था। यह कार्रवाई जुए के फड़ पर मौजूद मोटी रकम को पुलिस टीम द्वारा लूटने के लिए थी, उन्हें पैसों से मतलब था, इसलिए विसर्जन की ड्यूटी छोड़ वहां पहुंच गए और हादसे के बाद अपने वरिष्ठ अफसरों तक को भी सूचना नहीं दी- राकेश मावई, पूर्व विधायक।
इस मामले में मर्ग का केस दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी व आरक्षक को निलंबित भी किया गया है, जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी। जो चरवाहा पीटने के आरोप लगा रहा है, उसकी शिकायत की भी जांच की जा रही है, इसलिए उसकी शिकायत पर सीधी एफआईआर नहीं की है। सुरेंद्रपाल सिंह डाबर एडिशनल एसपी, मुरैना।