पहाड़गढ़(नईदुनिया न्यूज)। पहाड़गढ़ के जंगल क्षेत्र में विराजमान ईश्वरा महादेव मंदिर पूरी तरह से रहस्यों से भरा हुआ है। प्रकृति की गोद में मौजूद इस मंदिर की विराजमान महादेव के शिवलिंग की हर दिन सुबह के समय अपने आप ही पूजा हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि कोई अद्श्य शक्ति महादेव की पूजा करतीं है। इसका पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा है। आम दिनों में तो नहीं, लेकिन सावन महीने में यहां लोगों की भीड़ दर्शनों के लिए उमड़ती है।
उल्लेखनीय है कि पहाड़गढ़ कस्बे से लगभग 8 किमी दूर जंगलों में प्रकृति के बीच ईश्वरा महादेव मंदिर स्थित है। यहां भगवान भोले नाथ की शिवलिंग पर गुफानुमा पहाड़ी में हर समय प्राकृतिक झरने से पानी से अभिषेक होता रहता है। खासबात यह है कि इस क्षेत्र में अन्य कहीं पानी नहीं है,लेकिन महादेव के शिवलिंग पर बहने वाला झरना हर मौसम में चलता है। इससे बड़ी आश्चर्य का विषय यहां यह है कि महादेव की पूजा अलसुबह अपने आप हो जाती है। सुबह पहुंचने पर महादेव की शिवलिंग पर वेलपत्र और चावल चढ़े हुए ही मिलते है। ऐसा माना जाता है कि यहां कोई अद्श्य शक्ति हर दिन पहुंचकर महादेव की पूजा करती है। यही वजह है कि यहां रात के समय यहां मंदिर पर कोई भी नहीं रूकता है। सैंकड़ा साल पुराने इस मंदिर पर बहुत ज्यादा निर्माण भी नहीं हुआ है। अभी भी शिवलिंग प्राकृतिक इस गुफा के बीच ही स्थापित है। इसी प्रकृति के बीच ही एक और अद्भुत चीज यह है कि यहां पंचमुखी बेलपत्र तक उपलब्ध होते हैं। जो कि सहज उपलब्ध नहीं होते। लेकिन ईश्वरा महादेव मंदिर क्षेत्र में पंचमुखी से लेकर 11 मुखी तक के बेलपत्र मिलते हैं।
रहस्य जानने के हर प्रयास हुए हैं विफलः
महादेव की पूजा यहां कौन करता है, इस रहस्य को जानने के लिए हर संभव प्रयास अभी तक फेल ही हुए है। ऐसा बताया जाता है कि लगभग 100 साल पहले यहां के तत्कालीन राजा ने अपने सैनिकों तक को यहां बैठा दिया था, लेकिन सुबह होने के समय सभी के सभी बेहोश हो गए। जिससे यह रहस्य ही रह गया। वहीं वर्तमान में भी मीडिया कर्मी आकर यहां अपने कैमरों को सेट कर चुके है, लेकिन यह कैमरे तक पूजा के समय बंद हो जाते है। जब वहां पहुंचते हैं तो महादेव की पूजा हो चुकी होती है। देशभर से आए मीडिया कर्मी इस मंदिर के रहस्य को जानने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन सफलता किसी के हाथ नहीं लग सकी है।
प्राइवेट साधनों से पहुंच सकते है ईश्वरा महादेवः
ईश्वरा महादेव मंदिर तक जाने के लिए कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजाम नहीं है। यहां पहाड़गढ़ तो बसों से पहुंचा जा सकता है, लेकिन इससे आगे जाने के लिए अपने ही वाहन से पहुंचना पड़ेगा। ईश्वरा महादेव पर जाने वाले भक्त अपने साधनों से इस जंगल के बीच पहुंचते हैं। जहां दिन के समय ही पूजा की जाती है। सूरज ढ़लने के बाद यहां के पुजारी तक यहां मौजूद नहीं रहते। सावन के सोमवार पर यहां सैंकड़ों की संख्या में लोग दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।