मुरैना (नईदुनिया न्यूज)। सावन का अंतिम साेमवार मुरैना व श्योपुर जिलेवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आया। ग्वालियर से श्योपुर तक बिछाई जा रही ब्राडगेज लाइन का काम ग्वालियर से मुरैना जिले के सुमावली तक पूरा हो गया और सोमवार को रायरू से लेकर सुमावली तक के रेलवे ट्रैक पर ट्रेन चलाने का ट्राइल हुआ, जो सफल रहा। इस 21.87 किलोमीटर के ट्रैक पर 121 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई गई।
गौरतलब है कि तीन हजार करोड़ रुपये में ग्वालियर-श्योपुर तक 187.5 किलोमीटर लंबे ब्राडगेज लाइन का पहला चरण ग्वालियर से जौरा तक 48.85 किलोमीटर का है, लेकिन अभी तक बिरला नगर से सुमावली तक 33 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक बनकर तैयार हुआ है। इसमें से रायरू से बिरला नगर के बीच रेलवे ट्रैक पर ट्रेन चलाने का सफल परीक्षण पहले ही हो चुका है।
सोमवार को रायरू से सुमावली तक 21.87 किलोमीटर के ट्रैक को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मनोज अरोरा ने ट्रेन चलाकर गेज परिवर्तन व अन्य कामों काे परखा। रेलवे का 60 से ज्यादा सदस्याें का दल सोमवार की सुबह बानमोर पहुंचा। सबसे पहले मोटर ट्राली से ट्रैक से लेकर सभी गेट, बड़े-छोटे पुल, निर्माणाधीन स्टेशनों, ओएचई वायरिंग, पाइंट, औसिलेशन आदि की गुणवत्ता व मजबूती परखी, यह परीक्षण शाम 6 बजे तक चला। इसके बाद शाम 7 बजे छह डिब्बों की ट्रेन इस रूट पर दौड़ाई गई।
सुमावली से रायरू की ओर ट्रेन चलाने का ट्राइल हुआ, जिसमें अधिकतम 121 किमी की रफ्तार से ट्रेन इस ट्रैक पर दौड़ी। सीआरएस ने उक्त ट्रैक को अपनी जांच में पास कर दिया है। इस दौरान उम रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मंजुल माथुर, सीएई प्रशांत कुमार वर्मा, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर आशुतोष चौरसिया, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक शशिकांत त्रिपाठी, बिजली इंजीनियर मयंक शांडिल्य, सिग्नल एवं टेलिकाम इंजीनियर अमित गोयल आदि मौजूद थे।
श्योपुर-ग्वालियर ब्राडगेज लाइन पर यह दूसरी बार ट्रेन चलाने का ट्राइल हुआ है। पहला ट्राइल ग्वालियर के बिरला नगर से रायरू तक 22 मई को हुआ था। बिरला नगर से रायरू तक 10.8 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में ट्रेन चली थी। रेलवे अफसरों के अनुसार 4 महीने में यानी दिसंबर महीने के अंत तक ग्वालियर के जौरा तक का ट्रैक बनाकर पूरा कर लिया जाएगा। रेलवे के डीआरएम आशुतोष भी कह चुके हैं कि कैलारस तक ट्रैक का निर्माण पूरा करने के बाद इस रूट पर मेमू ट्रेन का संचालन किया जाएगा।
ग्वालियर से जौरा तक का ट्रैक जल्द पूरा हो जाएगा। इसी के साथ अगले चरण में जौरा से सबलगढ़ तक 44 किलोमीटर के लंबे ट्रैक पर काम भी पूरी रफ्तार में चल रहा है। 44 किमी लंबा मिट्टी का ट्रैक जो जमीन से 15 से 20 फीट तक ऊंचा है, जो लगभग बनकर तैयार है। सितंबर महीने से इस पर गिट्टी बिछाने का काम शुरू होगा, उसके बाद पटरियां डाली जाएंगी।
ग्वालियर के रायरू से लेकर सबलगढ़ तक नौ रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इनमें से चार रेलवे स्टेशन छोटे हैं और पांच स्टेशन बड़े होंगे। बानमोर रेलवे स्टेशन का काम 98 फीसद तक हो चुका है। उधर जौरा के रेलवे स्टेशन का काम भी लगभग पूरा हो चुका है, स्टेशन के बाहर व प्लेटफार्म पर टिनशेड बनाने का काम जारी है। कैलारस में रेलवे स्टेशन के लिए नींव का काम शुरू हो गया है। इनके अलावा अंबिकेश्वर, भटपुरा, सेमई व पीपलवाली चौकी रेलवे स्टेशनों का काम अभी अधूरा है।
रेलवे ट्रैक पर ट्रेन चलाने के ट्राइल से पहले परीक्षण करने पहुंचे रेलवे अफसरों को बानमोर के स्थानीय निवासियों ने ज्ञापन दिया। दरअसल, बानमोर में बने नए रेलवे स्टेशन के पीछे 100 साल से ज्यादा पुराना रककस हनुमान मंदिर है। ब्राडगेज रेलवे लाइन डलने व स्टेशन बनने से इस मंदिर की सीढ़ियों का रास्ता बंद हो गया है।
स्थानीय लोगों ने ज्ञापन देते हुए मंदिर के महंत डा. नवल श्रीवास्तव से कहा कि इस मंदिर पर हर शनिवार व मंगलवार को दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ आती है, धार्मिक आयोजन व भण्डारे हाेते हैं। रेलवे ट्रैक व स्टेशन के कारण मंदिर का रास्ता बंद हो गया है, जिसके लिए रेलवे द्वारा मार्ग बनवाने की मांग ज्ञापन में की है।