हरिओम गौड़, मुरैना (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नवंबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने चंबल में चुनाव रणभेदी बजा दी है। मुरैना जिले की छह विधानसभाओं में से दो विधानसभा सबलगढ़ और सुमावली में भाजपा ने एक महीने पहले प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। सुमावली में तो अब तक सबकुछ सामान्य चल रहा है, लेकिन सबलगढ़ विधानसभा में भाजपा अजीब संकट से घिरी है। सिंधिया समर्थकों के अलावा अन्य भाजपाईयों में पार्टी छोड़ने की होड़ सी मच गई है। फिलहाल हालात ऐसे हैं, इस भगदड़ को मैनेज करने के फेर में सबलगढ़ में भाजपा का चुनावी माहौल ही नहीं बन पा रहा।
भारतीय जनता पार्टी ने सबलगढ़ विधानसभा में सरल रावत को उम्मीदवार घोषित किया है। सरला रावत के परिवार को भाजपा ने लगातार 10वीं वार टिकट दिया है। सरला रावत लगातार दूसरी बार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।उनसे पहले आठ बार सरला रावत के ससुर मेहरबान सिंह रावत को भाजपा ने टिकट दिया, जिसमें वह तीन बार जीते थे। बस इसी बात को लेकर सबलगढ़ भाजपा के नेता तितर-बितर होने लगे हैं और जो कांग्रेसी सिंधिया के साथ भाजपा में आए, उनका मन भी उचट रहा है।
सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं में भाजपा छोड़ने की भगदड़ मची है। सिंधिया के कट्टर समर्थक पूर्व विधायक सुरेश चौधरी के बेटे व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष त्रिलोक चौधरी अपने भाई दीपक चौधरी के साथ कांग्रेस में चले गए हैं और टिकट पर दावेदारी करने लगे हैं।
चार दिन पहले ही सिंधिया के विश्वसनीय संजय फक्कड़ बीते दिनों भाजपा को छोड़ आम आदमी पार्टी में चले गए। इस बात की पूरी संभावना है कि वह आप के टिकट पर सबलगढ़ से विधायकी का चुनाव लड़ें। सबलगढ़ के इन दो बड़े नेताओं के अलावा कई और नाम हैं, जो चुनाव आते-आते भाजपा की मुश्किलों में इजाफा कर सकते हैं। केवल सिंधिया समर्थक ही नहीं, बल्कि भाजपा के नेता भी पार्टी से किनारा करने लगे हैं।
सबलगढ़ के पूर्व मण्डल अध्यक्ष आनंद सिंह सिकरवार भाजपा छोड़ चुके हैं। झुण्डपुरा नगर परिषद की पार्षद और भाजपा उम्मीदवार सरला रावत की ननद ने भी पार्टी छोड़ दी थी, जिन्हें बड़ी मनुहार करके भाजपा में वापिस लाया गया है।
सबलगढ़ में भाजपा के साथ ‘कोढ़ में खाज‘ वाली कहावत भी सटीक बैठ रही है। पार्टी नेताओं में पहले से गुटबाजी व नाराजगी है। इसी बीच ब्राह्मण समाज ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल भाजपा के नेता व पूर्व मंडी अध्यक्ष के बेटे ने इंटरनेट मीडिया पर ब्राह्मण समाज की बेटियाें के लिए अमर्यादित टिप्पणी कर दी। हालांकि इस मामले में आरोपित पर कई थानों में एफआइआर दर्ज हुई, पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया, लेकिन ब्राह्मण समाज की नाराजगी कम नहीं हुई। इस नाराजगी व विरोध के कारण भाजपा की जनआशीर्वाद यात्रा में शामिल हुए सिंधिया सबलगढ़ नहीं गए। सबलगढ़ में सभा की औपचारिकता हो पाई, जैसी बाइक रैली की योजना बनी वह नहीं निकल पाई।