
नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। प्रधानमंत्री आवास योजना में मुरैना शहर कई हितग्राहियों ने ही घपला कर दिया है। नगर निगम ने पीएम आवास योजना के तहत 2160 से ज्यादा बेघर हितग्राहियों को अनुदान बांटा है। इनमें से 72 हितग्राही ऐसे हैं, जिन्होंने पैसा लेने के बाद घर नहीं बनाया।
छह महीने तक नोटिस की कार्रवाई के बाद नगर निगम ने इनसे वसूली का अभियान छेड़ दिया। 72 हितग्राहियों में से केवल एक ने ही एक लाख रुपया नगर निगम को वापिस किया है, बाकी के 71 हितग्राहियों ने जिस पते पर पीएम आवास निर्माण करना बताया उस जगह पर अधिकांश हितग्राही मिल ही नहीं रहे।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम ने साल 2018-19 में 160 से ज्यादा हितग्राहियों का चयन किया था, जो कच्चे घरों में रह रहे थे। इन गरीब परिवारों को पक्के आवास दिलाने के लिए नगर निगम ने पहली किस्त के तौर पर एक-एक हजार रुपये का अनुदान दिया। इनमें से 88 गरीबों ने आवास बनवा लिए, लेकिन 72 हितग्राही ऐसे हैं, जिन्होंने आवास का निर्माण शुरू नहीं किया।
इन हितग्राहियों का पता तब लगा, जबकि इनके द्वारा दूसरी किस्त की राशि की मांग नहीं की गई। जांच की गई तो उन जगहों पर यह हितग्राही मिले ही नहीं, जहां पीएम आवास बनाने के लिए पैसा लिया। इसके बाद छह महीने पहले नगर निगम ने इन 72 हितग्राहियों को डिफाल्टर घोषित कर इनसे वसूली शुरू कर दी।
अब तक केवल एक हितग्राही ने एक लाख रुपये लौटाए हैं, बाकी के 71 हितग्राही निगम प्रशासन को मिल ही नहीं रहे। कई हितग्राही अनुदान की राशि लेकर दूसरे शहरों में चले गए हैं। इस कारण पीएम आवास योजना का प्रगति का ग्राफ भी आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
नगर निगम क्षेत्र की तरह जिले के कई गांवों में भी सैकड़ों हितग्राहियों के पीएम आवास का निर्माण अधूरा पड़ा है। मुरैना जिले में 489 ग्राम पंचायतें हैं और इन गांवाें में पीएम आवास की मॉनिटरिंग करने वाले जिला पंचायत का रिकॉर्ड बताता है, कि साल 2016-17 से लेकर 2021-22 तक यानी चार साल में 16878 आवासहीन गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर स्वीकृत किए गए हैं।
इनमें से 16503 आवासों का निर्माण पूरा हो गया है, लेकिन 375 आवास ऐसे हैं जिन्हें पहली या दूसरी किस्त के बाद आवास का पैसा ही नहीं दिया गया है। 2021-22 के बाद मुरैना जिले के किसी गांव में आवासहीन परिवार को पीएम आवास स्वीकृत नहीं हुआ, जबकि पहाड़गढ़ जनपद व कैलारस जनपद पंचायत ने ही बीते तीन साल में 800 से ज्यादा आवासहीन गरीब चिन्हित कर लिए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम अतरसुमा में बहुमंजिला आवासीय कालोनी भी विकसित कर रहा है। इसमें 1410 आवास बनने हैं, जिनमें 1116 ईडब्ल्यूएस आवास, 240 एलआइजी और और 60 एमआइजी ग्रुप के प्रस्तावित हैं। इस कालोनी में उन गरीब परिवारों को सरकारी अनुदान पर आवास दिए जाने हैं, जिनके पास खुद का घर नहीं।
अभी तक 1200 से ज्यादा जरूरतमंदों ने यहां आवास खरीद लिए हैं, लेकिन नगर निगम केवल 530 आवासों का काम पूरा करके हितग्राहियों को सौंप पाया है। बाकी के 880 आवासों का निर्माण अधूरा पड़ा है। अब अधूरे पड़े कामों को पूरा कराने के लिए अतरसुमा आवासीय कालोनी में 240 एमआइजी और 60 एलआइजी आवासों को कालोनाइजरों को बेचने की योजना बनाई थी, जिससे कालोनाइजर अधूरे काम को पूरा कर हितग्राहियों को सौंपते, लेकिन ऐसा भी नहीं हो सका।
अतरसुमा कालोनी में सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोग परेशान हैं। 10 दिन पहले यहां के रहवासियों ने कलेक्टोरेट का घेराव कर बिजली, पानी व सड़क की सुविधाओं की मांग की थी।
ऐसे 72 हितग्राही हैं, जिन्होंने अनुदान राशि लेने के बाद आवास नहीं बनाए। इनसे वसूली की जा रही है। अभी तक एक हितग्राही से पैसे वापस लिए जा चुके हैं, अन्य को तलाश कर उनके भी वसूली की प्रक्रिया जारी है। अतरसुमा में अधूरे आवासों का काम इसी साल पूरा करके चयनित परिवारों को घर की चाबी दे देंगे। - देवेंद्र सिंह चौहान, आयुक्त, नगर निगम मुरैना