नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। रामपुर थाना क्षेत्र के बामसोली गांव में रविवार की दोपहर तीन बजे भीषण सड़क हादसा हुआ। श्रद्धालुओं से भरी तेज रफ्तार ट्रैक्टर की ट्रॉली सड़क पर पलट गई। इस हादसे में दो महिलाओं की मौके पर मौत हो गई, वहीं 18 सवार गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को ग्रामीणों ने वाहनों से सबलगढ़ अस्पताल भिजवाया। जहां दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बाकी का सबलगढ़ में इलाज किया जा रहा है। हादसे के बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई, जहां इस ट्रॉली को बैहको लोडर मशीन से सीधा कराया गया।
जानकारी के मुताबिक रामपुरकलां गांव से लगभग 20 से 25 लोग संदीप धाकड़ के ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर शनिवार को करौली राजस्थान स्थित कैलादेवी के दर्शन करने के लिए गए थे। रविवार की दोपहर सभी इसी ट्रैक्टर ट्रॉली से वापस रामपुर आ रहे थे। रामपुर गांव से ठीक पहले बामसोली गांव में अचानक ही चालक का संतुलन बिगड़ गया और ट्रॉली सड़क पर पलट गई। ट्रॉली पलटते चीख पुकार मच गई। चूंकि हादसा बामसोली गांव में हुआ तो ग्रामीण इकट्ठा हो गए और जल्द ही बचाव कार्य चालू कर दिया गया।
इस बीच तुलसी पत्नी संदीप धाकड़ उम्र 28 साल व संजना पुत्री महेंद्र धाकड़ उम्र 11 साल की मौके पर मौत हो चुकी थी, वहीं 18 महिला पुरुष व बच्चे घायल अवस्था में थे। ग्रामीणों ने इन घायलों को अपने निजी वाहनों से सबलगढ़ अस्पताल पहुंचाया। जहां उनका इलाज शुरू किया गया। इस बीच गंभीर घायल उर्मिला जादौन पत्नी भगवान सिंह जादौन उम्र 55 साल व नीतू धाकड़ पत्नी रामलखन धाकड़ उम्र 35 साल को जिला अस्पताल रेफर किया गया। सभी घायल व मृतक एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं।
जिन घायलों का सबलगढ़ अस्पताल में इलाज किया जा रहा है उनमें प्रीति उम्र 17 निवासी बराकलां, अंजली उम्र 15 निवासी बराकलां, मिथलेश निवासी बस्तौली सहित रामपुरकलां गांव के सावित्री उम्र 60 साल, लक्ष्मीनारायण उम्र 45 साल, ममता उम्र 40 साल, महेंद्र उम्र 34 साल, सोनम उम्र 14 साल, ज्योति उम्र 30 साल, मंजू 35 साल, राजेंद्र उम्र 35 साल, जगदीश उम्र 43 साल, पंकज उम्र नौ माह, शिवानी उम्र 24 साल व कमलेश 45 साल के नाम शामिल है।
रामपुर क्षेत्र में बड़े सड़क हादसे की सूचना मिलने पर बीएमओ डॉ. राजेश ने पूरे मेडिकल स्टाफ को अस्पताल बुला लिया। इसी बीच सिविल अस्पताल सबलगढ़ से ही रिटायर हुए डा. एमपी गुप्ता को हादसे का पता चला तो वह भी अस्पताल पहुंच गए। जिसके बाद घायलों का इलाज करना शुरू किया। डा. एमपी गुप्ता कुछ दिन पूर्व ही अस्पताल से रिटायर हुए हैं। उनका कहना था कि अस्पताल में डाक्टरों की कमी न हो और घायलों को समुचित इलाज मिले, इसकी वजह से वह भी इस काम में जुट गए।