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नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। पराली जलाकर वायु प्रदूषण करने वाले जौरा अंचल के चार किसानों पर तहसीलदार जौरा ने 20 हजार का जुर्माना किया है। यह कार्रवाई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। अभी अन्य तहसील क्षेत्र के गांव में जलाई गई पराली की रिपोर्ट आने पर अन्य किसानों पर भी जुर्माना की कार्रवाई हो सकती है। उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास अनंत सड़ैया के मुताबिक, 23 अक्टूबर और 04 नवंबर को आईसीएआर क्रीम्स से प्राप्त डेटा तथा पटवारी पंचनामा के आधार पर ग्राम उम्मेदगढ़वांसी में भूमि सर्वे नंबर 2916 पर काबिज किसान राकेश पुत्र पतिराम,भूमि सर्वे नंबर 2788/2 पर मोहर सिंह पुत्र सोवरन सिंह ने नरवाई जलाई।
पराली जलाने से जो धुआं उठा उसकी इमेज सैटेलाइट ने क्लिक कर ली। इसी प्रकार 04 नवंबर को ग्राम जींगनी में भूमि सर्वे नंबर 1734, 1735, 1736, 1748, 1749, 1750 कुल 2.6 आरे क्षेत्र में जगदीश, सुरेश और रामप्रकाश पुत्रगण गुलाब सिंह द्वारा नरवाई जलाने की पुष्टि हुई।नायब तहसीलदार, तहसील जौरा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 188, वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम तथा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के अनुसार जुर्माना आरोपित किया है।
नियमों के अनुसार 5 एकड़ से अधिक जमीन पर पराली जलाने पर 15000 रुपये प्रति घटना तथा 2 एकड़ या उससे कम भूमि वाले किसानों पर 2500 रुपये प्रति घटना का पर्यावरण मुआवजा निर्धारित है।इसी प्रावधान के तहत ग्राम जिगनी के किसानों जगदीश, सुरेश और रामप्रकाश पर सामूहिक रूप से 15000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया। ग्राम उम्मेदगढ़वांसी के किसानों राकेश और मोहर सिंह पर 2500-2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इस प्रकार कुल 20000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि नरवाई और पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट होते हैं और उसकी उर्वरक क्षमता कम होती है। यदि किसान पराली जलाते हैं तो शासन द्वारा लगाए जाने वाले दंड के वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
कृषि खेतों में फसल काटने के बाद पराली जलाने से खेतों के लाभदायक कीटाणु मर जाते हैं। इससे पौधों को न्यूट्रिएंट नहीं मिल पाता है। पराली जलाने से खेतों की मिट्टी कठोर हो जाती है। इससे खेत की जलधारण क्षमता कम हो जाती है। पराली जलाने से आसमान में जो धुआं उठता है उससे कार्बन डाई-ऑक्साइड बनती है जिससे बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण फैलता है। दो एकड़ के खेत में पराली जलाने पर 2500 रुपए अर्थदंड का प्रावधान है। दो से पांच एकड़ के खेत में पराली जलाने पर 5000 रुपए का जुर्माना व पांच एकड़ से बड़े खेत में पराली जलाने पर 15000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माना के अधिकार तहसीलदार को दिए गए हैं।