पोरसा(नईदुनिया न्यूज)। भगवान को याद करने वाले व्यक्ति पर कभी भी संकट नहीं आता। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने भगवान के प्रति आस्था रखते हुए ध्यान देना चाहिए एवं भगवान की सेवा पूजा में संलग्न रहना चाहिए। यह बात कथा वाचक कुंडल कृष्ण शास्त्री ने बंसी वाले मंदिर पर महिला भक्त मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन शनिवार को कही।
व्यास पीठ से कथा वाचक कुंडल कृष्ण शास्त्र ने कंस वध व रुक्मिणी विवाह के प्रसंगों का वर्णन किया। जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु के पृथ्वी लोक में अवतरित होने के प्रमुख कारण थे, जिसमें एक कारण कंस वध भी था। कंस के अत्याचार से पृथ्वी त्राह त्राह जब करने लगी। तब लोग भगवान से गुहार लगाने लगे। तब कृष्ण अवतरित हुए। कंस को यह पता था कि उसका वध श्रीकृष्ण के हाथों ही होना निश्चित है। इसलिए उसने बाल्यावस्था में ही श्रीकृष्ण को अनेक बार मरवाने का प्रयास किया, लेकिन हर प्रयास भगवान के सामने असफल साबित होता रहा। 11 साल की अल्प आयु में कंस ने अपने प्रमुख अकरुर के द्वारा मल्ल युद्ध के बहाने कृष्ण, बलराम को मथुरा बुलवाकर शक्तिशाली योद्धा और पागल हाथियों से कुचलवाकर मारने का प्रयास किया, लेकिन वह सभी श्रीकृष्ण और बलराम के हाथों मारे गए और अंत में श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कर मथुरा नगरी को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिला दी। कंस वध के बाद श्रीकृष्ण ने न अपने माता-पिता वसुदेव और देवकी को जहां कारागार से मुक्त कराया, वही कंस के द्वारा अपने पिता उग्रसेन महाराज को भी बंदी बनाकर कारागार में रखा था। उन्हें भी श्रीकृष्ण ने मुक्त कराकर मथुरा के सिंहासन पर बैठाया। उन्होंने बताया कि रुक्मिणी जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। वह विदर्भ साम्राज्य की पुत्री थी, जो विष्णु रूपी श्रीकृष्ण से विवाह करने को इच्छुक थी। लेकिन रुक्मिणी के पिता व भाई इससे सहमत नहीं थे, जिसके चलते उन्होंने रुक्मिणी के विवाह में जरासंध और शिशुपाल को भी विवाह के लिए आमंत्रित किया था, जैसे ही यह खबर रुकमणी को पता चली तो उन्होंने दूत के माध्यम से अपने दिल की बात श्रीकृष्ण तक पहुंचाई और काफी संघर्ष हुआ युद्ध के बाद अंततः श्री कृष्ण रुक्मिणी से विवाह करने में सफल रहे। कथा की व्यवस्थाएं पुजारी अवतार वन बाबा एवं महेंद्र गिरी महाराज व राधा गुप्ता, मंजू गुप्ता, पूनम गुप्ता, सुनीता गुप्ता, संगीता गुप्ता, प्रिया गुप्ता, शिवानी गुप्ता, उषा श्रीवास, मीरा अग्रवाल, कांता अग्रवाल, सुमन कुशवाह सहित महिला भक्त मंडल ने देखी।