मुरैना, नईदुनिया। न्यूजश्योपुर-मुरैना-ग्वालियर के बीच डाली जा रही रेल ब्राडगेज लाइन के तीसरे चरण में बने जौरा से कैलारस तक के रेलवे ट्रैक पर शुक्रवार को बड़ी रेल चलाने का ट्रायल सफल रहा। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की निगरानी में इन पटरियों पर 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ी। रेलवे अफसरों ने ट्रायल को सफल बताया और इस महीने के अंत तक ग्वालियर से कैलारस तक मेमू ट्रेन शुरू करने की तैयारी है।
गौरतलब है कि ब्राडगेज लाइन के पहले चरण में ग्वालियर से सुमावली तक का ट्रैक तैयार हुआ, जिस पर गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने मेमू ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। दूसरे चरण में सुमावली से जौरा-अलापुर तक की रेलवे लाइन तैयार की गई, जिस पर दो महीने पहले ट्रेन चलाने का सफल ट्राइल हो चुका है।
तीसरे चरण में जौरा-अलापुर से कैलारस तक का 13 किलोमीटर लंबा ब्राडगेज ट्रैक तैयार हुआ है, इसी पर शुक्रवार को पहली बार ट्रेन दौड़ाई गई। सीआरएस प्रणजीत सक्सेना के साथ झांसी रेल मंडल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण मंजुल माथुर, मंडल रेल प्रबंधक दीपक सिन्हा, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर आशुतोष चौरसिया, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक शशिकांत त्रिपाठी, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर अमित गोयल, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक जे संजय कुमार आदि ने पहले तो 13 किमी लंबे ट्रैक का बारीकी से निरीक्षण किया।
इस दौरान ट्रैक्शन, सिग्नल, गेट, पुल, ट्रैक पाइंट आदि की कार्य क्षमता का गहनता से निरीक्षण किया गया। इसके बाद ट्रेन चलाने का ट्राइल हुआ और 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ट्रेन दौड़ाई गई।
लोकसभा चुनाव से पहले रेलवे ग्वालियर से सबलगढ़ तक ब्राडगेज लाइन को पूरा कर ट्रेन चलाने की तैयारी है, इसलिए अब कैलारस से सबलगढ़ तक के रेलवे ट्रैक पर तेजी से काम चल रहा है। यहां पर जमीन से करीब 20 फीट ऊंचा ट्रैक बनाया जा रहा है, जिसका काम लगभग 95 फीसद से ज्यादा पूरा हो चुका है। कैलारस से सबलगढ़ की ओर पटरियां बिछाने का भी काम शुरू हो गया है।
सबलगढ़ तक पटरियां बिछने का काम पूरा हुआ तो 94 किलोमीटर का ट्रैक बनकर तैयार जाएगा, जो ग्वालियर-श्योपुर तक कुल लंबाई का करीब आधा है। इसके अलावा सबलगढ़ से श्योपुर के वीरपुर तक के हिस्से में पुल-पुलिया बनाने का काम हो रहा है। सबसे बड़ा पुल वीरपुर के पास कूनों नदी पर बन रहा है, जिसका काम 60 फीसद से ज्यादा हो चुका है।
ग्वालियर से सुमावली तक चलने वाली मेमू ट्रेन में 8 यात्री डब्बे हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश डब्बे खाली चलते हैं। इस रूट पर रेलवे को यात्री ही नहीं मिल रहे, इस कारण रेलवे का हर रोज लाखों रुपये का घाटा झेलना पड़ रहा है। बानमोर गांव, अंबिकेश्वर रेलवे स्टेशन तो ऐसे हैं, जहां कई दिन ऐसे होते हैं, जहां एक भी टिकट नहीं बिक रहा। गौरतलब है कि जौरा से सुमावली के बीच चलाई गई मेमू ट्रेन एक दिन में तीन फेरे कर रही है। इसी ट्रेन का संचालन इसी महीने कैलारस तक कर दिया जाएगा।
रेलवे अफसराें का मानना है कि ग्वालियर से कैलारस तक का रूट शुरू होते ही, ट्रेन के फेरे और समय में भी परिवर्तन होगा। सुमावली के अलावा जौरा व कैलारस क्षेत्र के यात्रियों का सीधा संपर्क रेल मार्ग से ग्वालियर से हो जाएगा, जिससे ट्रेन को भरपूर सवारियां मिलेंगी।
जौरा से कैलारस तक ब्राडगेज लाइन पर ट्रायल सफल रहा है, अब रेलवे की टीम बिजली लाइन का निरीक्षण करेगी। इसके बाद मेमू ट्रेन का संचालन ग्वालियर से कैलारस तक बढ़ा दिया जाएगा। संभावना है कि फरवरी के अंत तक कैलारस तक ट्रेन शुरू कर दी जाए। मनोज कुमार सिंहजनसंपर्क अधिकारी, झांसी रेल मंडल