नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। राजस्थान और मध्यप्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण अब चंबल और आसन नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ने की संभावना है। कोटा बैराज डैम और कोतवाल डैम के गेट खोल दिए गए हैं, जिससे चंबल और आसन नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
सोमवार सुबह 11 बजे कोटा बैराज से एक लाख 73 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया। इससे अगले 24 घंटों में मुरैना के राजघाट और तटवर्ती गांवों में जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए बाढ़ से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं।
कलेक्टर अंकित अस्थाना ने सभी एसडीएम, तहसीलदार और पटवारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर कंट्रोल रूम और राहत केंद्रों पर जरूरी संपर्क नंबर अपडेट करें। सभी संभावित प्रभावित क्षेत्रों में सेफ हाउस और कंट्रोल रूम एक्टिव कर दिए गए हैं।
लगातार बारिश के चलते कोतवाल डैम भी लबालब हो गया है। जलस्तर 552.30 फीट तक पहुंच चुका है, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 552.50 फीट है। ऐसे में दो गेटों को ढाई फीट ऊंचाई तक खोलकर 6000 क्यूसेक पानी आसन नदी में छोड़ा गया है।
भिंड तक पानी पहुंचाने वाले इस डैम से तटवर्ती गांवों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो।
क्वारी नदी भी उफान पर है। इसके चलते बागचीनी, पलपुरा, पचोखरा जैसे इलाकों में रपटे डूब गए हैं, जिससे आम जन का आवागमन बाधित हो रहा है। प्रशासन ने जलभराव वाले क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है।
इस साल बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जुलाई के दूसरे हफ्ते में ही 75% से ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है। मुरैना जिले में अब तक 459.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो पिछले साल की तुलना में 228.1 मिमी अधिक है।