Narsinghpur News: नईदुनिया प्रतिनिधि, नरसिंहपुर। लाउड स्पीकर को लेकर दिए गए मुख्यमंत्री मोहन यादव के आदेश के बाद से प्रदेश भर में धार्मिक स्थानों पर लाउड स्पीकर की आवाज को लेकर कार्रवाई की जा रही है। इसी सिलसिले में नरसिंहपुर में भी प्रशासन ने पहले ही सभी धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों को बुलाकर समझाइए दी थी, इसके बाद सभी ने अपनी स्वेच्छा से लाउडस्पीकर की संख्या कम कर दी। लेकिन कुछ मस्जिदों में लाउड स्पीकर की संख्या कम नहीं की गई।
जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लगभग 30 मस्जिदों से लाउड स्पीकर उतारने की कार्रवाई की। इस दौरान मंदिर, मस्जिद सहित अन्य पूजा घरों में लगे लाउड स्पीकरों को हटवाने के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रबंधकों को समझाइश भी दी। जिले भर में मौजूद मंदिर, मस्जिदों और अन्य पूजा घरों में लगे लाउड स्पीकर को हटाने की कार्रवाई शनिवार को सुबह से शुरू कर दी।
वहीं अन्य मस्जिदों में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर पहले डेसिबल नापने की मशीन से अपने खुद के पुलिस वाहनों का सायरन और लाउडस्पीकर का डेसिबल नापा। इसके बाद विभिन्न धार्मिक स्थान पर पहुंचकर उनके यहां लगे माइक सिस्टम की आवाज का डेसीबल नाप कर उन्हें समझाइश भी दी।
धर्मगुरुओं और साउंड सिस्टम संचालकों को दी समझाइश
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देश पर चलाए गए अभियान के तहत जिले के सभी थाना क्षेत्रों में सभी एसडीओपी एवं थाना प्रभारी द्वारा अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं और ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करने वालों को समझाईश देकर शासन द्वारा जारी निर्देशों से अवगत कराया गया और बताया गया, कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग निर्धारित डेसीबल एवं गाइडलाइन के अनुरूप एवं अनुविभागीय अधिकारी की अनुमति के बगैर ना करें।
शादी ब्याह एवं अन्य कार्यक्रमों में जहां डीजे साइड सिस्टम का उपयोग होता है। उसकी अनुमति लेकर ही उपयोग किया जाए। रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक तय समय में ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के निर्धारित मापदंड अनुसार साउंड में उपयोग की जांच के लिए संबंधित क्षेत्रान्तर्गत अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी। शासन के दिशा-निर्देशों के पालन तथा दिशा निर्देशानुसार ही ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग करने तथा बगैर अनुमति ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं करने की समझाइश दी गई।
पर्यावरण संरक्षण के लिए कोर्ट ने भी लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के निर्देश दिए थे, ऐसे में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आ गए, पहले तो सभी धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों को बुलाकर समझाइए दी गई, इसके बाद धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों ने अपने-अपने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की संख्या स्वयं ही कम कर दी और उसकी आवाज भी निर्धारित मापदंड के हिसाब से तय कर दी। लेकिन कुछ मस्जिदों में लाउड स्पीकरों की संख्या कम नहीं की गई और न ही आवाज को कम किया गया। जिसके बाद शनिवार को उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
इधर प्रशासनिक अमले ने धार्मिक संस्थाओं पर पहुंच कर डेसीबल नापने से पहले खुद के वाहनों पर लगे सायरन और लाउडस्पीकर का डेसीबल नाप कर चेक किया। बता दें कि डेसीबल चेक करने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के कर्मचारियों को बुलाया गया था, जिन्होंने डेसिबल नापने की मशीन से धार्मिक संस्थाओं पर लगे लाउडस्पीकर की जांच की।
एडिशनल एसपी नागेन्द्र पटेरिया ने बताया, कि शासन के निर्देश जारी हुए हैं। उसके संबंध में अलग-अलग क्षेत्र में ध्वनि का अलग-अलग मानक है। उसके मुताबिक ऑडियो मीटर मशीन हमारे पास आई है। उसी से हम ध्वनि को चेक कर रहे हैं। अब अलग-अलग धार्मिक स्थान या प्रतिष्ठानों पर जाकर उन्हें बताया जाएगा कि निर्धारित आवाज में ही ध्वनि का विस्तार करें। इसी का डेमो करके उन्हें समझाइश दी जाएगी।
प्रशासनिक अमले ने भी मौके पर पहुंच कर धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर का जायजा लिया। प्रशासन में ध्वनि मापक यंत्र के जरिए आवाज का डेसीबल नापा और उन्हें समझाइए दी की निर्धारित मापदंड के अनुसार ही आवाज का वॉल्यूम रखें, अगर बढ़ी हुई आवाज की शिकायत मिली, तो उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर एसडीएम ने बताया कि शासन से आदेश मिलने के बाद से कार्रवाई शुरू कर दी गई थी, इसके बाद लोगों ने प्रशासन के साथ समन्वय बिठाकर स्वयं से ही ध्वनि विस्तारक यंत्र को उतारना शुरू कर दिया था।