करेली/नरसिंहपुर(नईदुनिया न्यूज)। दशकों से लंबित छिंदवाड़ा-करेली-सागर रेल लाइन की मांग एक बार फिर राज्यसभा में गूंजी हैं। राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने तारांकित प्रश्न में सदन में कहा कि देश के बहुत सारे रेल मार्ग ऐसे हैं जो लाभप्रद नहीं हैं और बनाए गए हैं। यहां बुंदेलखंड एवं अनुसूचित जनजाति का बहुत बड़ा क्षेत्र गौंडवाना इससे जुड़ा है। अभी लगभग 5000 ग्राम रेलसुविधा से वंचित हैं। यह रेलमार्ग वर्तमान एनएचएआइ से लगकर बनना है। जिससे दक्षिण से दूरी अत्यन्त कम हो जाएगी। एचवी कामथ ने करेली को बुंदेलखंड का दरवाजा कहा है। रेल मंत्री यह बताएं कि मप्र में बेहद पिछड़े गांवों को जोड़ने वाली सागर और करेली के रास्ते नागपुर जाने वाली उस महत्वपूर्ण रेल लाइन, जिसके लिए सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है की वर्तमान स्थिति क्या है। कार्य कब तक आरंभ हो जाएगा। यह कार्य अभी तक आरंभ नहीं किए जाने के क्या कारण हैं।
श्री सोनी के सवाल के जबाब में रेल संचार एवं इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मप्र के लिए 2009 से 2014 में 632 करोड़ बजट था जो बढ़कर 2022-23 में 12110 करोड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के संबंध में आपकी भावना को संवेदनशीलता से लेते हुए सम्मान करते हैं, मेरे साथ बैठें विस्तार में इसके संबंध में चर्चा करेंगे। अगर कोई संभावना निकलती है तो तलाशते है ।वहीं रेल मंत्रालय के जबाब में बताया कि सागर-करेली-छिंदवाड़ा नई लाइन 279 किलोमीटर के लिए सर्वेक्षण पूरा हो गया है।प्रस्तावित सर्वेक्षण का बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र से गुजरता है और इसमें 14 सुरंगें भी शामिल हैं। कम यातायात संभावनाओं को देखते हुए और वित्तीय रूप से लाभप्रद न होने से इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
जबाब में सोनी ने रखे यह तथ्यः सदन में मंत्रालय की जानकारी के जबाब में रास सदस्य श्री सोनी ने रेललाइन से होने वाले फायदे तथ्यों के साथ बताए।उन्होंने कहा कि जब क्षेत्र दक्षिण से रेलमार्ग जुड़ेगा तो लागत मात्र 4-5 साल में वसूल हो जाएगी।इस कार्य से नरसिंहपुर से 12 घंटे वाली नागपुर की दूरी मात्र 3 घंटे हो जाएगी। वही दक्षिण जाने एवं राजधानी दिल्ली की दूरी भी कम होगी।सतपुड़ा बुंदेलखंड अचंल रेल सुविधाओं में देश मे सबसे ज्यादा पिछड़ा है। बुंदेलखंड की आबादी देश आबादी का 5 प्रतिशत है। लेकिन रेल लाइन देश की कुल लाइनो की एक प्रतिशत भी नही है। परियोजना से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। श्री सोनी ने अन्य तथ्य भी बताए।