नरसिंहपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिला मुख्यालय से करीब 28 किमी दूर केरपानी गांव के नर्मदा तट किनारे सन् 1842 की बुंदेला क्रांति के महानायक अमर बलिदानी राजा हिरदेशाह की प्रतिमा का अनावरण केंद्रीय मंत्रीद्वय प्रहलाद सिंह पटेल व फग्गन सिंह कुलस्ते की विशेष उपस्थिति में किया गया। इस मौके पर आयोजित समारोह में प्रहलाद पटेल ने कहा कि सरकारों के दम पर बलिदानियों को नहीं पूजा जा सकता।इसके लिए हम सब को कृत संकल्पित होना होगा।
मप्र लोधा-लोधी-लोध, क्षत्रिय समाज, राजा हिरदेशाह शोध संस्थान, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ भाजपा, सहयोग क्रीड़ा मंडल गोटेगांव समेत सर्वसमाज, सामाजिक एवं धार्मिक संगठन लक्ष्य, आलोक संघ के तत्वावधान में राजा हिरदेशाह के चार दिवसीय कार्यक्रमों का गुरुवार को समापन हो गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन केरपानी गांव स्थित किला परिसर की छत पर राजा हिरदेशाह की 11 फीट ऊंची अष्टधातु से निर्मित प्रतिमा का अनावरण समारोह रखा गया। इस आयोजन में केंद्रीय मंत्रीद्वय के अलावा होशंगाबाद-नरसिंहपुर के सांसद राव उदय प्रताप सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व गोटेगांव विधायक एनपी प्रजापति, तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा, मप्र लोधा-लोधी क्षत्रिय समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन वर्मा डेविड, प्रदेश अध्यक्ष व नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल, राजा हिरदेशाह की छठी पीढ़ी के वंशज कौशलेंद्र सिंह लोधी, ढिलवार के राजा नरवरशाह के वंशज ठा. रामुकमार सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र पटेल गुड्डू, पूर्व सहकारी बैंक अध्यक्ष वीरेंद्र फौजदार, पूर्व नपा अध्यक्ष नरसिंहपुर महंत प्रीतमपुरी समेत भाजपा-कांग्रेस के अन्य जनप्रितिनिधि, कार्यकर्ता आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंतर्गत सुबह 10 बजे सर्वप्रथम भंडारे का आयोजन व दोपहर 12 बजे 1842 व 1857 की क्रांति के बलिदानियों पर स्मारिका का विमोचन किया गया।
प्रतिमा अनावरण ऐतिहासिक क्षणः मंचीय कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि जिले में 1842 की बुंदेला क्रांति के 180 साल बाद आज राजा हिरदेशाह की मूर्ति के अनावरण का अवसर कोई मामूली घटना नहीं है। यह ऐतिहासिक क्षण है, जिसके हम सभी साक्षी बन रहे हैं। जो भी इस मूर्ति को देखेगा वो राजा हिरदेशाह और उनके वंशजों के त्याग को भूल नहीं सकेगा। देश की आजादी में शहीदों की कुर्बानियों को सदैव याद रखा जाएगा।उन्होंने कहा कि सरकारों के दम पर बलिदानियों को पूजा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल को राजा हिरदेशाह की पुण्यतिथि है। मैं संकल्प लेता हूं कि इस स्थान पर कोई आए या न आए मैं जरूर अमर बलिदानी को नमन करने हर साल आऊंगा।श्री पटेल ने कहा कि भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। इसी का परिणाम है कि 180 साल तक गुमनामी में रहे राजा हिरदेशाह के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को नमन कर पा रहे हैं।उन्होंने कहा कि राजा हिरदेशाह के वंशजों ने भी अंग्रेजों से लोहा लिया। आज उनके वंशजों के पास एक डिसमिल जमीन भी नहीं है लेकिन उन्होंने कभी किसी नेता की चौखट पर जाकर पैसे या जमीन की मांग नहीं की।आज हमें राजा हिरदेशाह व उनके वंशजों के मूल्यों को नमन करने का अवसर मिला है।
इतिहासकारों से कुलस्ते ने जताई अपेक्षाः संबोधन में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते देश की आजादी में संग्राम शाह, रानी दुर्गावती, दलपत शाह, बिरसा मुंडा, रानी अवंतीबाई लोधी, राजा हिरदेशाह व अन्य क्रांतिकारियों के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज देश की आजादी में कुर्बानी देने वाले वीरों,वीरांगनाओं को जानने, पहचानने और उनके योगदान को अक्षुण्ण रखने का समय है। उन्होंने इतिहासकारों से अपेक्षा की कि वे देश के लिए कुर्बानी देने वालों के बारे में लोगों को बताएंगे, जिससे आने वाली पीढ़ियां उनके कार्यों और योगदान को जान सकें। जाने-अनजाने बलिदानियों के योगदान को पुनर्स्थापित करने का काम किया जाए।
पर्यटन स्थल बनाने पर जोरः सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि राजा हिरदेशाह की मूर्ति की स्थापना कर अतीत की गौरवशाली विरासत को स्थापित करने का यह कार्य अभिनंदन के योग्य है। राजा हिरदेशाह के कार्यों को जानकर हमें गौरव की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि राजा हिरदेशाह का स्मारक ऐसा स्थान बने कि देश के कोने-कोने से लोग यहां आएं। इसे उन्होंने पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर जोर दिया।कार्यक्रम को विधायक एनपी प्रजापति, संजय शर्मा और जालम सिंह पटेल ने भी संबोधित किया।
जिलेभर से कार्यक्रम में पहुंचे लोगः केरपानी गांव में राजा हिरदेशाह की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जिलेभर से लोगों का आना-जाना लगा रहा।गोटेगांव से लोगों को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी। आयोजन स्थल पर यातायात को सुचारू रखने के लिए कोतवाली नरसिंहपुर व सुआतला थाने का पुलिसबल तैनात किया गया था। आगंतुकों के लिए भोजन-प्रसादी की विशेष व्यवस्था की गई थी।
मंचासीन रहे राजाओं के वंशजः कार्यक्रम में मंच पर जनप्रतिनिधियों की अग्रिम पंक्ति में राजा हिरदेशाह की छठी पीढ़ी के वंशज राजा कौशलेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल व सांसद राव उदय प्रताप सिंह के बीच में राजशी पौशाक में बतौर अतिथि बैठे रहे।वहीं अग्रिम पंक्ति में ढिलवार के राजा नरवरशाह के वंशज ठा. रामुकमार सिंह भी मंच पर मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत में मंचासीन अतिथियों के साथ इनका भी आयोजक मंडल द्वारा स्वागत-सम्मान किया गया।
एक दिन पूर्व नाट्य मंचनः प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के एक दिन पूर्व बुधवार रात को संस्कृति मंत्रालय की पहल पर भोपाल से आए कलाकारों ने राजा हिरदेशाह के संघर्ष व बलिदान पर केंद्रित नाट्य मंचन किया।कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों को पूरे समय बांधे रखा।उनकी भाव-भंगिता व पटकथा, संवाद को सुन दर्शक-श्रोता गौरव से भर उठे।