नरसिंहपुर। नए अनाज की आबक के साथ ही बाजार के रंग- ढंग भी बदल गए हैं। नगर के साप्ताहिक बाजार में वर्ष भर के लिए खाद्यान्न की खरीदी करने वाले ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ रही। व्यापारियों के साथ बाजार में नगद मुनाफा कमाने कई किसानों ने भी गेहूं की दुकानें लगाई लेकिन सुजाता, शरबती और लोकमन गेहूं की सर्वाधिक बिक्री रही। दालें भी अच्छे खासे भाव पर बिकी। वैवाहिक सीजन होने से भी हाट बाजारों की बिक्री बढ़ गई है।
बाजार में नए अनाज की आवक ने गेहूं, दाल के दाम भी बढ़ा दिए हैं। एक पखवाड़े से मंडियों में चना का दाम बढ़ने के बाद चना, दाल में भी 10 से 15 रुपये का अंतर आ गया है। बाजार में वर्ष भर के लिए दाल-रोटी का इंतजाम करने गेहूं के साथ दालों की भी थोक खरीदी हो रही है।
रविवार को साप्ताहिक बाजार में व्यापारियों के साथ किसानों ने भी ट्रैक्टर- ट्रॉलियों में गेहूं लाकर दुकानें लगाई और मुनाफा कमाया। पिछले दो बाजारों की अपेक्षा इस रविवार को गेहूं जहां ज्यादा आया। व्यापारियों व किसानों ने बताया कि करीब 500 बोरा गेहूं बाजार में आया था। जो शाम 5 बजे तक पूरा बिक गया।
ग्राहकों ने सुजाता, शरबती और लोकमन की गेहूं की ज्यादा खरीदी की, जबकि गेहूं में 147, 306 एवं मोहनमुण्डा जैसी किस्म का गेहूं भी बाजार में बिका लेकिन उसे सुजाता, शरबती जैसे दाम नहीं मिल पाए। बाजार आए पूर्व शिक्षक हरिकिशन सराठे ने कहा कि शरबती और लोकमन का स्वाद अच्छा है, इसकी रोटी भी स्वादिष्ट होने के साथ नरम रहती है। वहीं अन्य ग्राहकों ने सुनीता शर्मा, सुमन कश्यप का कहना था कि वह तो वर्षों से लोकमन गेहूं खरीदती है। किसानों की राय भी थी कि बाजार में जो किस्म की मांग है वे वहीं लाते हैं और उत्पादन भी उसी का ज्यादा किया जाता है। इस बार बाजार में कई किसानों ने दुकानें लगाई।
गेहूं- दाल के दाम यह
रविवार को बाजार में सुजाता शरबती का मूल्य 2000 से 2400 रुपये, लोकमन 1700 से 2000 रुपये एवं अन्य किस्म का गेहूं 1600 से 1800 के बीच बिका। यही भाव नये गेहूं के आवक से बना हुआ है। जबकि चना दाल 38 से 45 रुपये किग्रा, तुअर दाल 60 से 70 रुपये किग्रा, मूंग दाल 90 से 100 रुपये किग्रा तक बिक रही है। दाल व्यवसायी कहते हैं कि पहले चना की दाल 32 से 40 किग्रा तक बिक चुकी है लेकिन अब चना के दाम बढ़ रहे हैं तो दाल भी महंगी पड़ रही है। जिससे करीब एक सप्ताह में चना- दाल के दामों में वृद्घि बनी हुई है।