- शहर के विकास नगर आराधना भवन में आयोजित चातुर्मास धर्मसभा में साध्वी प्रशम निधि ने कहा
नीमच (नईदुनिया प्रतिनिधि)। स्वार्थ की भावना के त्याग बिना आत्मा का कल्याण नहीं हो सकता है। पानी में मछली आटे के लालच में शिकारी के जाल में फंस जाती है और अपनी जिंदगी खो देती है। फूल में भंवरा रस के लालच में अपनी जान खो देता है। हथनी के चित्र को स्पर्श करने के लालच में हाथी शिकारी के गड्ढे में गिर जाता है और शिकारी की कै द में आ जाता है। हिरण संगीत के लालच में शिकारी के जाल में फंस जाता है। इसलिए हमें लालच का त्याग कर निस्वार्थ भाव से दूसरों के कल्याण की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
यह बात साध्वी प्रशम निधि ने कही। वे श्री जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय विकास नगर ट्रस्ट के तत्वावधान में महावीर जिनालय विकास नगर आराधना भवन में आयोजित चातुर्मास धर्मसभा में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि संसार में मनुष्य के पास प्रतिदिन 24 घंटे होते हैं। जिसमें से आठ घंटे सोने में व्यतीत कर देता है। 12 घंटे नौकरी पेशा व व्यवसाय में लगा देता है। उसके पास चार घंटे बचते हैं। उसमें से एक घंटा परिवार के लिए व एक घंटा मंदिर के लिए उपयोग करता है। लेकि न स्वयं की आत्मा के कल्याण के लिए समय नहीं दे पाता है। परिवार के कार्य के लिए तो टाइम मैनेज कर लेता है। धन कमाकर भविष्य में सुख पूर्वक जीवन जीने की कामना करता है। लेकि न क्या यह धन उसे भविष्य में सुख दे पाता है। धन कमाने के लिए मनुष्य 10 घंटे धूप में खड़ा रहकर परेशान रहता है। हमें संपत्ति धर्म आराधना के पुण्य से मिलती है। भारत देश वसुदेव कु टुंबकम की भावना के साथ चलता है। उसमें पूरे विश्व का कल्याण की भावना रहती है। लेकि न हमारी सोच कहां है चिंतन करना होगा। पड़ोसी करोड़पति बन जाता है तो पड़ोसी उसकी ईर्ष्या से दुखी होता है। चिंतन का विषय है। मनुष्य को परमात्मा के दर्शन के लिए आंख मिली है लेकि न व्यापार पदार्थों को देखने में ही समय नष्ट कर देता है। जिनवाणी के शब्दों को आत्मसात करना पड़ेगा और मानना पड़ेगा की प्रभु मेरा है। गाड़ी बंगला सब कु छ तेरा है। मंदिर परमात्मा का होना चाहिए। अतिथि देवो भव सा धार्मिक भक्ति की सेवा का धर्म लाभ पुण्य सदैव ग्रहण करना चाहिए। यह जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी साथ रहता है। मनुष्य मौत के मुंह में आने के बाद भी स्वाद का लालच नहीं छोड़ता है चिंतन का विषय है। धर्म सभा में साध्वी प्रगुणा श्रीजी, प्रमोदिता श्रीजी, संस्कार निधि, सरकार निधि श्रीजी का सानिध्य भी मिला।
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वाणी पर संयम बिना भव से पार नहीं हो सकते है
- शहर के जैन भवन में आयोजित चातुर्मास धर्मसभा में मुनि पीयूषचंध विजय महाराज ने कहा
नीमच (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मनुष्य के पास ज्ञान, सुख, संपत्ति है। लेकि न वाणी पर संयम के लिए संतों की संगति आवश्यक है। यह हमारे विचारों को पवित्र कर देती है। यही मन का संयम की पहली सीढ़ी है। इसलिए वाणी पर संयम बिना भव से पार नहीं हो सकते हैं। वाणी पर संयम बिना जीवन सफल नहीं हो सकता और संसार सागर पार नहीं हो सकता है।
यह बात मुनिराज पियुषचंध विजय महाराज ने कही। वे श्री जैन श्वेतांबर भीड़भंजन पार्श्वनाथ मंदिर श्रीसंघ के तत्वावधान में मिडिल स्कूल मैदान के पास जैन भवन में आयोजित चातुर्मास धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मधुर भाषा से संसार का कठिन से कठिन कार्य भी सरलता से पूरा हो जाता है। मधुर वाणी से कई बड़ी समस्याओं का निराकरण सरलता से हो जाता है। वाणी पर संयम होना चाहिए। क्रोध नहीं करना चाहिए। क्रोध होने पर शांत हो जाना चाहिए। ताकि लड़ाई झगड़ा खत्म हो जाए। जो कर्म हमने कि ए है उसका फल तो हमें भोगना ही पड़ता है। गुरु के मार्गदर्शन में ही सदैव आगे बढ़ना चाहिए। हम विनम्र होकर वाणी में मधुर शब्दों का उपयोग करें तो मिठास अपने आप आ जाएगी। वचन में कभी दरिधता नहीं आनी चाहिए। संतान को पिता का उपकार कभी नहीं भूलना चाहिए। पिता की सोच के साथ संतान को अपनी सोच को मिलाकर आगे बढ़ना चाहिए। नहीं तो बाद में पछताना पड़ सकता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार बाजार में निर्माण की गई आहार सामग्री पवित्र नहीं होती है। इसलिए घर पर ही तैयार कर सामग्री पूजा-अर्चना में उपयोग करना चाहिए। शालीभध के यहां प्रतिदिन स्वर्ग से नवाणु पेटियां उतरती थी। जिन्हें वह प्रतिदिन दान कर देता था। आजकल लोग दान कम करते हैं दिखावा ज्यादा करते हैं। दिखावे से सदैव बचना चाहिए। इस अवसर पर मुनिराज श्रीजिनचंध विजय मुनिराज, जनकचंध विजय महाराज का सानिध्य मिला।
18-एनसीएच-05- नीमच के जैन भवन में आयोजित चातुर्मास धर्मसभा को मुनि पीयूषचंध विजय महाराज ने संबोधित किया।
18-एनसीएच-06- नीमच के जैन भवन में आयोजित चातुर्मास धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रही। (नईदुनिया)
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स्कूली बच्चों को कापियां, पुस्तकें , जूते-मोजे वितरित कि ए
नीमच। यादव महासभा सोशल ग्रुप द्वारा शासकीय प्राथमिक विद्यालय विद्या मंदिर यादव मंडी नीमच कै ंट में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में सोमवार को सुबह निःशुल्क कापी, पेन, जूते-मोझे व पुस्तकें निःशुल्क वितरण की गई। ग्रुप के सदस्य घनश्याम सिंह अम्ब, दरबारीलाल राजोरा, विनोद हरित, घनश्याम प्लास, रवि सिंह अम्ब, रमेशचंध प्लास, कै लाशचंध कणिक, कि शोर तोमर एवं यशवंत कु मार गोयल के आर्थिक सहयोग से स्कूल के कक्षा एक से पांचवीं तक में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को 100 जोड़ जूते-मोजे, 80 पुस्तकें एवं 300 कापियां वितरित की गई।
18-एनसीएच-07- नीमच के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को निःशुल्क अध्ययन सामग्री वितरण की गई। (नईदुनिया)
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33 के वी फीडर का विदुयत प्रदाय बाधित रहेगा कल
नीमच। शहर के 33 के वी फीडर का विद्युत प्रदाय 20 अगस्त को बंद रहेगा। सहायक यंत्री ने बताया कि मेन्टेनेंस कार्य के कारण शहर के 33 के वी फीडर का विद्युत प्रदाय 20 अगस्त प्रातः नौ से 11 बजे तक बंद रहेगा। 33 के वी फीडर बंद रहने से 33/11 के वी सीआरपीएफ ग्रीड से निकलने वाले 11 के वी झांझरवाडा फीडर का विद्युत प्रदाय भी बंद रहेगा। 33/11 के वी औदयोगिक क्षेत्र उपकें ध से निकले 11 के वी भरभडिया फीडर, 11 के वी जेल फीडर, 11 के वी औद्योगिक फीडर से जुड़े उपभोक्ताअें का विद्युत प्रदाय बंद रहेगा। साथ ही 33 के वी एचटी उपभोक्ता, सीलवेल आदित्य, गोमाबाई नेत्रालय, नई डीआरपी लाईन, स्कीम नंबर-36 का कु छ क्षेत्र प्रभावित होगें। साथ ही 11 के वी झांझरवाडा फीडर का विद्युत प्रदय बंद रहेने से स्टेशन रोड, बंगला नंबर-60, बंगला नंबर-58, स्कीम नंबर-नौ, एकता कालोनी, आंबेडकर कालोनी क्षेत्र में भी विद्युत प्रदय बाधित रहेगा। आवश्यकतानुसार समय घटाया एवं बढाया जा सकता है।
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श्रीमद् भागवत कथा का शंखनाद कलश यात्रा के साथ 21 को
नीमच। क्षेत्र की सुख समृद्धि एवं अच्छी बरसात की कामना को लेकर गोपी महिला मंडल के तत्वावधान में कथा वाचक रमाकांत गोस्वामी के श्रीमुख से श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का आयोजन 21 से 27 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर एक से पांच बजे तक चौकन्ना बालाजी के पीछे कमल अग्रसेन भवन सभागार में आयोजित किया जाएगा। गोपी महिला मंडल की प्रवक्ता ने बताया कि श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का शुभारंभ 21 अगस्त को सुबह नौ बजे घंटाघर के समीप नया बाजार स्थित नरसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद कथा वाचक गोस्वामी के सानिध्य में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा शंखनाद अमृत जल कलश शोभा यात्रा निकाल कर किया जाएगा। शोभा यात्रा श्रीराम चौक, घंटाघर, गोपाल मंदिर, जाजू बिल्डिंग, तिलक मार्ग, श्री राम मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, बावड़ी वाले बालाजी मंदिर, अग्रसेन वाटिका, अफीम फै क्ट्री कारखाना, रेलवे स्टेशन रोड मार्गो से होती हुई चौकन्ना बालाजी के पीछे कमल अग्रसेन पर पहुंचकर श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में परिवर्तित हो जाएगी।