- तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा में पंडित दशरथ शास्त्री ने कहा
नीमच (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नरसिंह मेहता सरल स्वभाव के धनी व्यक्ति थे। उनकी भक्ति संसार के लिए आदर्श प्रेरणादायक कदम है। नरसिंह मेहता की भक्ति के चलते ही भगवान ने 56 बार कष्टों में उनकी मदद की और उनका 56 करोड़ का मायरा भरकर संसार के सामने एक आदर्श उदाहरण दिया कि भगवान भी भक्तों की मदद करते हैं। नरसिंह मेहता के कारण गुजरात में भक्ति का प्रचार प्रसार बड़ा जो आज भी प्रासंगिक है।
यह बात पंडित दशरथ शास्त्री ने कही। वे श्री नवदुर्गा महिला मंडल स्कीम नंबर 36 के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय नानी बाई की मायरा की अमृत ज्ञान गंगा में शनिवार शाम को आयोजित तीन दिवसीय संगीतमय नानी बाई का मायरा कथा का वाचन के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नानी बाई का मायरा की कथा भक्ति चरित्र से जुड़ी है। जिसे परमात्मा भी सुनते हैं। भक्ति मति मां मीरा, जूनागढ़ में नरसिंह मेहता का नाम आज भी पूरे देश में भक्त शिरोमणि में कहा जाता है। माता-पिता, गुरु कृपा बिना भगवान की कृपा नहीं मिलती है। विनम्रता हो तो भगवान भी कृपा करते हैं। श्रद्धा विश्वास बिना गुरु ज्ञान नहीं मिलता है। भक्त नरसी मेहता की मायरा ले जाते समय रास्ते में गाड़ी का पहिया टूट जाता है, तो कृष्ण भगवान स्वयं खाती बन कर गाड़ी ठीक करने आते हैं और गाड़ी ठीक कर वापस अंतर्ध्यान हो जाते हैं। जब नरसी भक्त नानी बाई के ससुराल में मायरा लेकर पहुंचते हैं तो वहां उन्हें पुरानी हवेली में ठहराया जाता है और कोई आदर सत्कार नहीं कि या जाता है तब नानी बाई कहती है कि यदि मेरे पिता धनवान होते तो उनकी आवभगत होती। लेकि न मेरे पिता गरीब भगवान के भक्त है। इसलिए आवभगत नहीं हो रही है चिंता का विषय है। नानी बाई कहती है कि मेरी मां होती तो कपड़े वगैरह अच्छे लाती। लेकि न आज नहीं है तो अच्छा मायरा नहीं आया है। तब नरसी भक्त कहते हैं कि मायरा की एक पर्ची और लिखवा लाओ दोनों परची का मायरा मेरे ठाकु र भरेंगे। अब नानी बाई ससुराल जाकर एक परची और लिखवा कर लाए और नरसी भक्त को सौंपी। नानी बाई का मायरा ठाकु र पर पूरा भरोसा है। नानी बाई का मायरा में पंडित शास्त्री ने जूनागढ़ कु मकु म पत्रिका पंडित पोपलिया जोशी, नगर अंजार, पुरानी हवेली और 56 करोड़ का मायरा में सोने के धनुष, सोने की ईंटें, सोने की सुपारी आदि का वर्तमान परिपेक्ष में विस्तार से महत्व पर प्रकाश डाला। महाआरती पोथी पूजन में क्षेत्र के भगवत आचार्य पंडित नरेंध शास्त्री, पंडित मनोहर नागदा आदि अनेक श्रद्धालु भक्तों सहित महिलाएं आदि गणमान्य लोग सहभागी बने।
नानी बाई का मायरा की झांकी मे पुष्प वर्षा हुई
जब नानी बाई का मायरा की कथा में शास्त्री ने नानी बाई के मायरा का प्रसंग बताया तो नन्ने-मुन्ने बच्चों द्वारा नरसी भक्त मेहता की झांकी प्रस्तुत की गई। श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत कि या। जिसमें झांकी में श्री कृष्णा हितार्थ चौहान, नरसी भक्त उद्धव चौहान, संत रचित चौहान, अक्षत चौहान ने प्रभावी अभिनय प्रस्तुत कि या।