राकेश कुमार शर्मा, पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से फिशिंग कैट की फोटो जारी की गई है। जिसमें लिखा गया है "पन्ना टाइगर रिजर्व के सिर में एक और ताज" पहली बार पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट की फोटो मिली, जो खुशी की बात है। बड़ी बिल्ली बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में फिशिंग कैट ( मछली खाने वाली बिल्ली ) भी पाई जाती है। पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी के आसपास विलुप्त हो रही फिशिंग कैट का प्राकृतिक आवास है। मछली खाने वाली यह दुर्लभ बिल्ली पहली बार यहां कैमरा में कैद हुई है।
मध्य भारत के पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट के प्राकृतिक आवास की पुष्टि: फिशिंग कैट यानी मछली का शिकार करने वाली बिल्ली, जिसकी तादाद तेजी से घट रही है। भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के तहत फिशिंग कैट का शिकार किया जाना प्रतिबंधित है। फिशिंग कैट को लुप्तप्राय श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है। पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट का फोटोग्राफिक प्रमाण मिलने पर खुशी का इजहार करते हुए क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि निश्चित ही यह नेशनल खबर है। मध्य भारत के पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट के प्राकृतिक आवास की पुष्टि अपने आप में बड़ी बात है।
आर्द्रभूमि में रहने वाली इस बिल्ली का मुख्य भोजन मछली है: क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने कहा कि तेजी से विलुप्त हो रही फिशिंग कैट की पन्ना टाइगर रिजर्व में मौजूदगी के प्रमाण मिलने पर अब अनेकों जीव विज्ञानी जो फिशिंग कैट पर रिसर्च व अध्ययन में रुचि रखते हैं, वे यहां आकर अध्ययन कर सकेंगे। आपने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में वन्य प्राणियों के विचरण क्षेत्र व उनकी मौजूदगी के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कैमरे लगाए गए हैं। हमारा प्रयास है कि पार्क के उन इलाकों को भी कवर किया जाए, जहां अभी तक कैमरे नहीं लगाए जा सके। श्री शर्मा ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के बीच से केन नदी प्रवाहित होती है, इसलिए फिशिंग कैट के यहां होने की संभावना जताई जा रही थी। आर्द्रभूमि में रहने वाली इस बिल्ली का मुख्य भोजन मछली होता है, इसीलिए इसका नाम फिशिंग कैट पड़ा है।
पूर्व में भी दिखी लेकिन फोटो पहली बार मिला: पन्ना टाइगर रिजर्व के मध्य से तकरीबन 55 किलोमीटर तक प्रवाहित होने वाली के नदी के आसपास फिशिंग कैट की मौजूदगी के संकेत पूर्व में भी मिले हैं। लेकिन फोटोग्राफिक प्रमाण पहली बार मिला है। मध्य प्रदेश वन्य प्राणी बोर्ड के पूर्व सदस्य व वन्यजीव प्रेमी श्यामेन्द्र सिंह (बिन्नी राजा) ने बताया कि वर्षो पूर्व उन्होंने केन नदी के किनारे पीपरटोला के ग्रास लैंड में काफी दूर से फिशिंग कैट को देखा था। लेकिन इसकी फोटो ले पाने में सफलता नहीं मिली।
अब चूंकि कैमरा ट्रैप से इसकी फोटो ली जा चुकी है, इसलिए पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट के प्राकृतिक आवास की पुष्टि हो गई है। आपने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में मगरा डबरी से लेकर पीपरटोला तक का इलाका फिशिंग कैट के लिए अनुकूल है। यहां केन में जहां पर्याप्त मछलियां हैं, वहीं यहां की आबोहवा और वातावरण भी मछली खाने वाली बिल्ली के अनुकूल है। श्री सिंह ने बताया कि फिशिंग कैट शारीरिक रूप से सामान्य घरेलू बिल्लियों की तुलना में दोगुनी आकार की होती है।