अम्बुज माहेश्वरी, रायसेन। श्रीलंका में भारतीय फिल्मी गीतों के जरिए हिंदी अपना विशिष्ट स्थान बना रही है। एशिया के पहले रेडियो स्टेशन 'रेडियो सीलोन' के श्रीलंकाई श्रोता हिंदी के विभिन्न प्रसारणों में भारतीय गीतों और गायकों को पसंद करते हैं। बता दें, 'रेडियो सीलोन' ही अब श्रीलंका ब्राडकास्टिंग कॉर्पोरेशन है। इतना ही नहीं, श्रीलंका के लोगों में हिंदी को लेकर खासा उत्साह रहता है और वे हिंदी सीखने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों में हिस्सा भी लेते हैं। शहरों के सरकारी स्कूलों में हिंदी भाषा भी पढ़ाई जाती है।
श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन (एसएलबीसी) की हिंदी उद्घोषिका सुभाषिनी डिसिल्वा ने हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर नईदुनिया से खास बातचीत की। इसमें उन्होंने बताया कि भारतीय सिनेमा के 60 से लेकर 90 के दशक तक के फिल्मी गीतों को श्रीलंका के श्रोता पसंद करते हैं। भारतीय गायक और गायिकाओं में स्व. लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और मुकेश, सोनू निगम के गानों को सुनना, गुनगुनाना उनकी पसंद है।
डिसिल्वा बताती हैं कि श्रीलंका में हिंदी को बहुत मधुर भाषा माना जाता है, हिंदी फिल्म की कहानियां और गाने अच्छे लगते हैं। कई स्कूल, कालेज में भारतीय शास्त्रीय संगीत भी पढ़ाया और सिखाया जाता है। उन्होंने बताया कि आर्डिनरी से एडवांस लेवल तक हिंदी पढ़ाई जाती है। फिर इसे यूनिवर्सिटी में पढ़ा जा सकता है।
श्रीलंका के तीन विश्वविद्यालयों यूनिवर्सिटी ऑफ केलानिया, सबरगामुवा और यूनिवर्सिटी ऑफ विजुअल एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स में हिंदी के विशेष पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। हिंदी सीखने के लिए कोलंबो में क्लासेस लगती हैं। इसके अलावा आईसीसीआर (इंडियन कल्चरल सेंटर) से सिंहली स्टूडेंट को हिंदी सीखने के लिए स्कॉलरशिप भी मिलती है।
सुभाषिनी ने स्कूल में कक्षा आठ से भारतीय शास्त्रीय संगीत के माध्यम से पहली बार हिंदी का शब्द सीखा था। फिर हिंदी फिल्म देखी और गाने सुने। लखनऊ की भातखंडे संस्कृति यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। यहां हिंदी में पढ़ाई की। वर्ष 2006 में श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग में नौकरी शुरू की। 18 साल तक फरमाइश कार्यक्रम में भारत से बहुत सारी चिट्ठियों के आने और उन्हें पढ़ने से उनकी हिंदी पर पकड़ मजबूत हो गई।
वे बताती हैं कि फरमाइश कार्यक्रम बंद हो जाने से अब चिट्ठियों की संख्या बहुत कम हो गई है। सिंहली चैनल में हिंदी कार्यक्रम सिंहली कमर्शियल सर्विस के नाम से सोमवार से शुक्रवार तीन से चार बजे तक होता है। इसमें हिंदी गाने ही सुनाए जाते हैं। इसी चैनल में गुरुवार के दिन शाम को सात बजे हिंदी गीतों का कार्यक्रम होता है।
गीत को पेश करने के पहले उसके बारे में उद्घोषक विस्तार से बताते हैं। श्रीलंका के बहुत सारे श्रोता अपनी पसंद के लिए सोशल मीडिया, फोन कॉल्स के जरिए संपर्क करते हैं। यहां भारतीय फिल्मों के गीतों की विशाल लाइब्रेरी है, जिसमें किताब की कोडिंग से किसी भी गीत की डिस्क को 30 सेकंड में निकाल लिया जाता है।