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सिलवानी। कथा सुनते श्रोतागण। श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में पांचवें दिन कथा व्यास ने श्रीकृष्ण लीला का भावपूर्ण वर्णन करते हुए श्रोताओं को प्रेम, वात्सल्य और भक्ति रस में मंत्र मुग्ध कर दिया। सिलवानी के ग्राम सियालवाड़ा में आयोजक नरेंद्र भार्गव के घर में आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन की कथा को श्रवण कराते हुए कथा व्यास श्री धाम वृंदावन से आए आचार्य कृष्ण मुरारी मामा महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कराते हुए कहा कि कन्हैया जैसी लीला मनुष्य क्या कोई अन्य देव नहीं कर सकता। लीला और क्रिया में अंतर होता है, भगवान ने लीला की है। जैसे जिसको कर्तव्य का अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा हो तो वह क्रिया कहलाती है। जिसको न तो कर्तव्य का अभिमान है और न ही सुखी रहने की इच्छा हो बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने यही लीला की जिससे सभी गोकु लवासी सुखी थे। उन्होंने कहा कि माखन चोरी का रहस्य मन की चोरी से है। कन्हैया ने अपने भक्तों के मान की चोरी की है। इस प्रकार उन्होंने तमाम बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बैठे श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। तत्पश्चात पूतना वध, गोवर्धन लीला के अलावा रासलीला का भी वर्णन कि या। इस मौके सियालवाड़ा एवं आसपास के गांव और बहार से आये सैंकड़ों भक्तों ने भगवत कथा का श्रवण करते हुए प्रसाद ग्रहण कि या।