रायसेन, बरेली। नवदुनिया प्रतिनिधि
गुरुवार को वट सावित्री व्रत व शनि अमावस्या पर्व मनाया गया। सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव नहीं पड़ा, वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं ने अपने सुहाग और संतान की लंबी उम्र के लिए रखा। इसी दिन अमावस्या भी शुभ संयोग में आई। इस तिथि पर पितरों के लिए तर्पण कार्य भी किए गए। शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनिदेव का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को शनि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण भी गुरुवार को लगा। वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है। सुबह से ही सुहागिन महिलाएं सिंगार करके मंदिरों के आसपास लगे पीपल और वट वृक्ष के पास पहुंचीं। जहां पर उन्होंने वट वृक्ष की पूजा अर्चना की व परिक्रमा लगाई। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लौटाने के लिए यमराज को भी विवश कर दिया था। इस व्रत के दिन सत्यवान-सावित्री कथा को भी पढ़ा या सुना जाता है।
- तोमर परिवार ने 50 पौधों का रोपण किया -
- बेगमगंज। चिकित्सक स्व. डॉ महेंद्र सिंह तोमर के पुत्रों डॉ. जितेंद्र सिंह तोमर एवं डॉ. नितिन सिंह तोमर तथा उनके परिवारजनों ने पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 50 पौधों का रोपण किया है। श्रीमती माया तोमर एवं उनकी पुत्रवधू श्रीमती राजेश्वरी तोमर तथा नातिन हर्षिता तोमर बरगद व अन्य छायादार व फलदार पौधों का रोपण किया है। समाजसेविका श्रीमती राजेश्वरी तोमर ने बताया कि गुरुवार को वट सावित्री व्रत पर पति की लंबी उम्र के लिए बरगद की पूजा अर्चना के साथ ईश्वर से पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना की है।
-- शुभ योग में किया सौभाग्य बढ़ाने वाले वृक्ष का पूजन -
गैरतगंज। वट सावित्री व्रत की क्षेत्र में गुरुवार को धूम रही। महिलाओं ने कोविड गाइड लाइन का पालन कर वट वृक्ष की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना की। अमावस्या को मनाए जाने वाले वट सावित्री अमावस्या के पर्व पर गुरुवार को बड़ी संख्या में क्षेत्र भर में पूजा के कार्यक्रम हुए। इस साल वट सावित्री व्रत के लिए विशेष संयोग रहा। नगर के सभी वट एवं पीपल वृक्षों पर पूजा अर्चना के कार्यक्रम हुए। महिलाओं ने इन वृक्षों पर एकत्रित होकर पूजा की तथा ईश्वर से अपने पति की लंबी आयु के अखंड सौभाग्य का वरदान मांगा। तथा वृक्षों की परिक्रमा लगाई।
-- महिलाओं ने किया बरगद का पूजन -
सांचेत। कस्बा सांचेत गुरुवार को वट सावित्री व्रत के उपलक्ष्य में महिलाओं ने बरगद की पूजा कर परिक्रमा लगाई गई। पंडित अरुण कुमार शास्त्री ने बताया कि ज्येष्ठ माह की कृष्ण अमावस्या को वट सावित्री का व्रत रखकर महिलाएं पति की दीर्घायु, अखंड सौभाग्य व परिवार की उन्नाति के लिए कामना करती हैं। हिंदू शास्त्रों में वट को देव वृक्ष माना जाता है। इसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास माना गया है। मान्यता के अनुसार देवी सावित्री ने अपने पति को इसी वृक्ष के नीचे पुनः जीवित किया था। तभी से इस दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है।