रायसेन/मंडीदीप। नवदुनिया प्रतिनिधि
इस साल बारिश के मौसम का एक माह बीतने के बाद भी जलाशयों का जलस्तर नहीं बढ़ा है। इस कारण जलाशयों से फसलों की सिंचाई के लिए पानी देने में परेशानी हो सकती है। बारिश का सीजन होने के बावजूद इन दिनों खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है। इस सीजन के बाद रबी के सीजन में सबसे ज्यादा पानी की खपत होती है। गर्मी के मौसम में रबी फसलों को सिंचाई के लिए पानी देने के साथ ही नगरीय क्षेत्रों में भी पीने के पानी की व्यवस्था जलाशयों के माध्यम से होती है। आशंका जताई जा रही है कि बारिश पिछले साल की अपेक्षा कम हुई तो जलाशयों में क्षमता के अनुसार पानी का भराव नहीं हो सकेगा। वर्तमान में जिले का बारना जलाशय अपनी क्षमता से पांच मीटर तक खाली है। इस जलाशय की भराव क्षमता 348.55 मीटर है। पिछले वर्ष अच्छी बारिश होने के कारण यह जलाशय अपनी क्षमता के अनुसार भर गया था। बांध के गेट भी खोलना पड़े थे। सिंचाई के साथ ही बाड़ी सहित आसपास के क्षेत्रों में पीने के लिए भी जलाशय का पानी उपयोग होता है। बांध से बाड़ी, बरेली, उदयपुरा, बकतरा, खरगोन सहित सैकड़ों गांवों में सिंचाई के लिए नहरों के माध्यम से पानी उपयोग किया जाता है। जिले के लाखों हेक्टेयर क्षेत्र में बारना जलाशय की नहरों से सिंचाई होने के कारण धान, गेहूं, चना, सोयाबीन, मक्का, तुअर, उड़द इत्यादि फसलें लहलहाती हैं।
- दाहोद जलाशय खाली होने से चिंता बढ़ी -
उद्योग नगरी मंडीदीप की लाइफ लाइन कहे जाने वाले दाहोद जलाशय में कुल जलभराव संग्रहण क्षमता 26.10 एमसीएम का 28.40 प्रतिशत पानी ही बचा है। बांध के जलस्तर में दिनों दिन हो रही पानी की कमी और वर्षा नहीं होने के कारण जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। ब्लॉक में जून माह के प्रथम सप्ताह में हुई झमाझम वर्षा से माना जा रहा था कि इस बार बांध जल्दी भर जाएगा, लेकिन एक महीने से मेघ रूठे हुए हैं। जिसने किसानों के साथ आम आदमी की चिंता भी बढ़ा दी है। एक ओर जहां किसान धान, सोयाबीन और मक्का सहित अन्य फसलों के नष्ट होने को लेकर चिंतित है तो वहीं आम आदमी को नियमित पेयजल मिलने की चिंता सताने लगी है। हालांकि क्षेत्र में अब तक करीब 300 एमएम बारिश हो चुकी है, परंतु उससे दाहोद जलाशय के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। बीते सप्ताह तक बांध का जलस्तर 457.14 मीटर 7.5 एमसीएम था जो कुल जलभराव संग्रहण क्षमता का 28.40 प्रतिशत कम है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि यदि ऐसी ही स्थिति रही तो विभाग एकेवीएन को 3 एमजीडी और औबेदुल्लागंज नगर पंचायत को 2 एमसीएम जरूरत का पानी साल भर तक आपूर्ति कर सकता है, लेकिन इसके बाद क्षेत्र के 12 गांव के हजारों किसानों को सिंचाई के लिए 12 एमसीएम पानी नहीं मिल पाएगा।
- बीते वर्ष 9 जुलाई का जलस्तर -
ज्ञात है कि दाहोद जलाशय का फुल टैंक लेवल 1509 फीट है जो 9 जुलाई तक 457.14 मीटर है। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते वर्ष इसी समय 9 जुलाई को बांध का जलस्तर 457.20 मीटर था जो संग्रहण क्षमता का कुल 31.2 प्रतिशत तक भरा हुआ था। इस तरह बीते वर्ष की तुलना में बांध 2.60 प्रतिशत ही खाली है। कुछ ऐसी ही स्थिति धामधूसर, भीम बैठका, रातापानी एवं नगरीय सहित अन्य जलाशयों की भी है।
- नहीं की कटौती -
बता दें कि जल संसाधन विभाग द्वारा एकेवीएन एमपीआईडीसी को प्रतिवर्ष 3 एमजीडी प्रतिदिन 13692 क्यूबिक मीटर पानी दिया जाता है। जबकि औबेदुल्लागंज नगर पंचायत को सालाना 2 एमसीएम प्रतिदिन 8600 क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। क्षेत्र में वर्षा नहीं होने के कारण सूखे की स्थिति निर्मित हो रही है। इसके बाद भी विभाग द्वारा एकेवीएन और नगर पंचायत को सप्लाई पानी में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है। अधिकारियों का मानना है कि अभी उनके पास पर्याप्त पानी है। इसलिए कटौती का सवाल ही नहीं बनता।
- बारिश होने की उम्मीद-
अभी दाहोद जलाशय में 457.14 मीटर पानी है। यदि मौसम की ऐसी बेरुखी बनी रही तो हम एकेवीएन और औब्दुल्लागंज नगर पंचायत को उनकी जरूरत का पानी साल भर तक आसानी से दे सकेंगे। लेकिन इसके बाद किसानों को सिंचाई के लिए पानी बिल्कुल भी नहीं मिल पाएगा। हालांकि हमें उम्मीद है कि शीघ्र ही बारिश होगी और जलाशय अपने फुल टैंक लेवल तक भर जाएगा।
- संजीव शर्मा, एसडीओ जल संसाधन विभाग औबेदुल्लागंज।