रायसेन। नवदुनिया प्रतिनिधि
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। सोमवार को सुबह से ही श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष साज-सज्जा के साथ लड्डू गोपाल की झांकी सजाई गई थी। पालने में नंदलाल को झूला झुलाया गया। मंदिरों में हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की जयकारे गूंजे। कई स्थानों पर दो दिन पूर्व से जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई थीं। पिछले साल मंदिरों में कोरोना संक्रमण की वजह से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव नहीं मनाया जा सका था। लोगों ने घरों में ही पूजा की थी। इस कारण इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के लिए विशेष उत्साह रहा। गंजबाजार, माता मंदिर चौराहे, चतुर्वेदी मार्केट, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के सामने फुटपाथ पर भगवान की पोशाकें, पालने की दुकानें लगी हुई थीं। इसके अलावा बर्तन की दुकानों पर भी भारी भीड़ रही। बर्तनों की दुकान पर पीतल का पालना और लड्डू गोपाल की प्रतिमा लेने के लिए लोग उमड़ पड़े। पालना 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक बिके। नगर के सभी मंदिरों में नंदोत्सव मनाया गया। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार 101 साल बाद सर्व पापहारी व जयंती योग बन रहा है। धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला के अनुसार शास्त्रों में कहा गया है कि जन्माष्टमी के अवसर पर 6 तत्वों का एक साथ मिलना बहुत ही दुर्लभ होता है। ये 6 तत्व हैं भाद्र कृष्ण पक्ष, अर्ध रात्रि कालीन अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में चंद्रमा, इनके साथ सोमवार या बुधवार का होना। वर्षों बाद इस बार वैष्णव व गृहस्थ एक ही दिन जन्मोत्सव मनाया गया॥
- व्रत ने दिलाया पापों से मुक्ति-
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार विशेष योग होने से सभी के लिए शुभ फलदायी रहेगी। पंडित मुकेश भार्गव ने बताया कि इस बार जन्माष्टमी पर किया गया व्रत तीन जन्मों के पाप से मुक्त करने वाला रहा। इसके बाद वर्ष 2040 में यह संयोग बनेगा। सर्व पापहारी योग, निर्णय सिंधु के अनुसार ऐसे संयोग जब जन्माष्टमी पर बनते हैं।
- इन मंदिरों में रही जन्मोत्सव की धूम -
शहर के श्री राधा किशन मंदिर यादव समाज, राधा रमन मंदिर, बड़ा मंदिर, तिपट्टा बाजार, लड्डू गोपाल मंदिर, मां वैष्णों धाम ट्रस्ट जिला अस्पताल, सिद्ध हनुमान दादाजी दरबार गंजबाजार, शिव प्रजापति मंदिर, धर्मशाला रायसेन, राधे कृष्ण मंदिर गवोईपुरा, मारुति नन्दन मंदिर पाटनदेव, रामलीला मैदान मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल के जयकारे देर रात तक गूंजते रहे। मंदिर में भजन-कीर्तन हुए। जन्माष्टमी पर घरों में शाम को चित्रपट जिसमें कन्हैया की बाल लीलाओं का बयान की पूजन आरती भक्तों ने की। पकवानों सहित लड्डू गोपाल को चरनामृत दही शहद से अभिषेक किया। इसके बाद केला, ककड़ी पंजीरी सहित पेड़ा से भोग लगाकर घर परिवार की सुख सम्रद्धि खुशहाली की कामना की गई।
-- राधे-राधे ग्रुप ने अपनी प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया -
बेगमगंज। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विभिन्ना कार्यक्रम आयोजित किए गए। यादव महासभा द्वारा यादव धर्मशाला में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाया गया। विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा-अर्चना की गई। कई भक्तों ने व्रत भी रखा। छोटे-छोटे बच्चों के जरिए प्रतीकात्मक रूप में मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। लोगों ने अपने घरों में रात्रि के समय घंटे बजाकर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया। रात्रि में ही विशेष पूजा अर्चना की गई। यादव धर्मशाला में आयोजित विशेष कार्यक्रम में राधे-राधे ग्रुप सागर द्वारा मनमोहक नृत्य श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की प्रस्तुति और संगीतमई गीतों से समा बांध दिया। जिसे सभी ने सराहा। हिमाचल प्रदेश की 2000 फीट ऊंची चोटी पर देश का झंडा फहराने वाली अंजना यादव को भी यहां पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक ठाकुर रामपाल सिंह राजपूत, पूर्व विधायक देवेंद्र पटेल, जिला पंचायत सदस्य राजा दिग्विजयसिंह यादव, मलखान सिंह जाट, राजेंद्र सिंह तोमर, यादव महासभा के शेरसिंह यादव आदि ने अपने-अपने उद्बोधन में मानवता को कर्म योग की राह दिखाने वाले परम योगी श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए समाज और धर्म के लिए उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम में समाज के होनहार छात्र-छात्राएं जिन्होंने कक्षा 10 और कक्षा 12 में उत्कृष्ट स्थान पाया है उन्हें सम्मानित भी किया गया। कोरोना योद्धा के रूप में सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ. संदीप यादव को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन शैलेंद्र यादव ने एवं आभार कमलेश यादव ने व्यक्त किया।
- सांचेत कस्बा में श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई
सांचेत। सोमवार को सुबह से ही छोटे- छोटे बच्चों ने राधा कृष्ण की की पोशाक पहन कर जन्माष्टमी पर्व मनाया। श्री रामजानकी मंदिर पर प्रति वर्ष अनुसार रात बारह बजे पूजन हुआ। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की के जयकारे से मंदिर गूंज उठा। लोगों ने घरों में लड्डू गोपाल की पूजा कर व्रत रखा। मंदिरों में विशेष साज-सज्जा की गई। कई मंदिरों में पालकी स्थापित की गई है। घरों में कृष्णलीला के गीत गाए जा रहे थे। सगोनिया शिव मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी गाइड लाइन को ध्यान में रखकर मनाई गई। पंडित अरुण कुमार शास्त्री ने कहा कि भगवान कृष्ण हम सभी को खुशी, शांति और सद्भाव का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।