सारंगपुर(नवदुनिया न्यूज)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके भाटिया के मार्गदर्शन में तहसील विधिक सेवा समिति द्वारा अभिभाषक संघ कक्ष में आदिवासियों के अधिकारो का संरक्षण और प्रवर्तन के संबंध में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. कुलदीप जैन, विशेष अतिथि द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश हिमांशु शर्मा एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रविंद्र गुप्ता, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी संजय जैन एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता अभिभाषक संघ सारंगपुर के अध्यक्ष पीएस मंडलोई द्वारा की गई। न्यायाधीश डॉ. कुलदीप जैन ने बताया की जनजातीय क्षेत्रों में विधिक जानकारी साधरण तरीके की जानकारी कार्यक्रमों से भिन्ना होनी चाहिए। इस संबंध में दृश्य-श्रव्य साध्न अधिक उपयोगी होंगे। डॉ. जैन ने कहा कि एसएलएसए शिक्षा के लाभों, उनके अधिकारों एवं विभिन्ना सरकारी योजनाओं एवं आधुनिक तकनीक के लाभों के अंतर्गत पात्रता के बारे में जनजातीय समुदाय को जागरूक करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में सघन विधिक जानकारी आयोजित करें जो उनके पेशे से जुड़े कार्य के सुधार में भी सहायता कर सकता है। जनजातीय समुदाय को सूचित किया जाना चाहिए कि उनके बधाों की शिक्षा, उनका भविष्य सुरक्षित कर सकती है क्योंकि ऐसे बधो लोक अथवा प्राइवेट नौकरी पा सकते हैं जहाँ आरक्षण लागू है।
विद्यालय विधिक साक्षरता क्लब आरंभ होने चाहिए
आदिवासियों के अधिकारो का संरक्षण और प्रवर्तन के संबंध में आयोजित शिविर को संबोधित करते हुए न्यायाधीश श्री जैन ने आगे कहा कि जनजातीय बधाों तक पहुंचने हेतु जनजातीय वर्चस्व के क्षेत्रों में विद्यालय विधिक साक्षरता क्लब आरम्भ किये जाने चाहिए ताकि उनका उत्साह बढाया जा सके। कि वे विद्यालय में रहे व दूसरी और अन्य विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को जनजातीय बालकों की विशेष आवश्कता के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके। जनजातीय क्षेत्रों में क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ के साथ सुरक्षित पेयजल, पोषण एवं गर्भवती स्त्री की देखभाल के लाभों के बारे में बताने के लिए स्वास्थ्य जानकारी कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अभिभाषक संघ सारंगपुर के अध्यक्ष ने बताया आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण कर उन्हें सामाजिक रूप में परिवर्तित करने का प्रयास भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के द्वारा किया गया है। इसका ताजा उदाहरण देश के सर्वोधा पद पर आज एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति के पद पर मनोनीत हुई है। वरिष्ठ अधिवक्ता डब्ल्यू ए मंसूरी, केसी शर्मा, चंद्र कुमार जैन, प्रदीप शर्मा, प्रदीप जोशी, आबिद लोधी, इरफान खान, रईस मंसूरी, सलीम कुरैशी, मुकेश यादव, मो यूनुस अंसारी ओमप्रकाश राठौर, अमित सक्सेना, हसीब खान, सैफ हाशमी, दिलीप जाधव, दिनेश राजपूत, जहीर खान, शादाब खान, देवेंद्र कोली, अजय मेवाड़े, सुनील वर्मा, करण शर्मा आदि अधिवक्ता गण, न्यायालय कर्मचारी गण शिविर में उपस्थित थे।