नवदुनिया प्रतिनिधि, राजगढ़। गांव में 30 साल से डीपी नहीं है और बिल दिया 30 हजार का और यह एक उदाहरण नहीं है। ऐसे अनेकों उदाहरण आपके सामने मैं रख दूंगा। मैं पार्टी विचारधारा व विधायक से हटकर सार्वजनिक मंच से कह रहा हूं कि ज्ञापन देने वाला हूं मैं आपको। 5 मार्च को धरने पर बैठने वाला हूं। मुझे ऐसी राजनीति करना ही नहीं कि मेरे क्षेत्र की जनता परेशान हो।
अनाप-शनाप बिजली बिल। जिनके समय पर बिल जमा हो गए, और 20 साल पुराने बिल थमा रहे। यह बात विधायक मोहन शर्मा ने पीलूखेड़ी में नवीन औद्योगिक इकाई ज्योलो पैक के भूमिपूजन के दौरान मंच से बिजली समस्या को लेकर दुखी होकर कही। वह यहीं नहीं रूके। उन्होंने भीड़ से एक युवक को खड़ा किया और बोले कि 30 साल पहले इनके पिता के स्वर्गवास हो गया।
गांव में 30 साल से डीपी नहीं है और बिल दिया 30 हजार का। और यह एक उदाहरण नहीं है। मैं कानून को हाथ में नहीं लेना चाहता हूं। मैं समझता हूं कि किसी अधिकारी-कर्मचारी के साथ लड़ाई-झगड़ा होगा तो धारा 353 शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने की लग जाएगी। मैं वह भी नहीं चाहता। पर मेरे पास में एक हथियार है वह हथियार चलाना जानता हूं। मैं आमरण अनशन व आत्मदाह करने के लिए मैं मजबूर होउंगा, वह मैं कर लूंगा।
मैं आपसे पहले भी निवेदन कर चुका हूं। यह अंतिम निर्णय है मेरा। क्योंकि मैं बहुत दुखी हूं। इस जिंदगी से मुझे मोह भी नहीं है। मेरी उम्र पूरी हो चुकी है। मुझे मौत स्वीकार है पर जतना के ऊपर अत्याचार हो यह स्वीकार नहीं है। कार्यक्रम में राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित, एसपी धर्मराज मीणा, एसडीएम अंशुमन राज सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
विधायक शर्मा ने कहा कि बारवां खुर्रम गरीब मजदूर, लोहा पीटने वाले की बिजली विभाग के लोग मोटर साइकिल उठा लाए। भीलखेड़ा पुरा के एक किसान की मोटरसाइकिल ले आए। एक किसान की बकरी छोड़ ले गए। एक अन्य की मोटर साइकिल ले गए। यह कहां का नियम है। जबकि मैंने सार्वजिक रूप से किसानों से कहा कि किसान भाइयों जो 12 हजार रुपये आपको प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि मिलती है उससे बिजली के बिल जमा कर दीजिए। एसडीएम गवाह हैं।
उन्होंने कहा कि काफी जमीन हमारी पार्वती-रेसई बांध में डूब में चली गई। जो मुआवजा मिजा वह पर्याप्त नहीं है। 25 लाख बीघा में भी जमीन नहीं मिल रही है। जबकि मुआवजा ढाई-तीन लाख रुपये बीघा के हिसाब से मिला है, जो वाकई में कम है। विशेष पैकेज के लिए अधिकारी भी प्रयास करें, मैं भी उचित स्थान पर चर्चा करूंगा।