पीला मोजेक से फसल खराब, पौधे लेकर किसानों ने बस स्टैंड पर किया प्रदर्शन
- नुकसान का सर्वे, बीमा राशि व मुआवजा जल्द दिलाने की मांग कर रहे हैं किसान।
पीपल्यारसोड़ा (नवदुनिया न्यूज)। पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से खेतों में जलजमाव के बाद पीला मोजेक से सोयाबीन फसल खराब हो गई है। सोयाबीन की पत्तियां पीली होकर पौधों के तने गलने लगे हैं। पौधे पीले होने के साथ कच्ची फलियां पौधे से टूटकर गिर रही हैं। गुरुवार को स्थानीय किसानों ने खराब सोयाबीन की फसल को हाथों में लेकर गांव के
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Fri, 04 Sep 2020 04:04:46 AM (IST)
Updated Date: Fri, 04 Sep 2020 04:04:46 AM (IST)

पीपल्यारसोड़ा (नवदुनिया न्यूज)।
पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से खेतों में जलजमाव के बाद पीला मोजेक से सोयाबीन फसल खराब हो गई है। सोयाबीन की पत्तियां पीली होकर पौधों के तने गलने लगे हैं। पौधे पीले होने के साथ कच्ची फलियां पौधे से टूटकर गिर रही हैं। गुरुवार को स्थानीय किसानों ने खराब सोयाबीन की फसल को हाथों में लेकर गांव के बस स्टैंड पर प्रदर्शन किया। प्रशासन से सर्वे कर मुआवजा देने की कार्रवाई करने की मांग की। किसान सरकार से नुकसानी के सर्वे, मुआवजे व बीमा दावा स्वीकृत करने की मांग कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि पहले अवर्षा के चलते अधिक तापमान से फसलों का विकासक्रम रुक गया था। पिछले दिनों हुई भारी बारिश से एकाएक तापमान में गिरावट आने व जरूरत से अधिक पानी मिलने से फसल में अफलन की शिकायतें भी देखने को मिल रही हैं। मौजूदा हालातों को देखकर किसानों का मानना है कि इस बार लागत भी नहीं निकल पाएगी। किसानों ने बताया कि खरीफ फसल सोयाबीन पर एक बार फिर संकट आ गया है। क्षेत्र में सोयाबीन की फसल में पीला मोजेक रोग, अफलन व कीट व्याधि से फसलें बर्बाद होने की कगार पर है। सोयाबीन में लगी फलियां काली पड़ने लगी है। पौधे सूखकर पीले हो गए हैं। किसानों की माने तो खरीफ फसलें 50 से 75 फीसद तक नष्ट हो चुकी है।