
राजगढ़ (नवदुनिया प्रतिनिधि)। यह जो जमीन डूब में जा रही है वह बहुत उपजाऊ व सिंचित है, इसलिए कोई दूसरा घाट हमें देखना चाहिए। जैसा की पूर्व वक्ताओं ने बताया कि नारायणसिंहजी ने शिवराजसिंह जी से कहकर जो बांध वहां बन रहा था उसका सर्वे यहां करवाया। पूर्व में यह योजना सांका में थी। लेकिन चहां बहुत गांव डूब में जा रहे थे इसलिए उसे दो-तीन जगह के लिए योजना बनाई। उसी के तहत सुठालिया में यह योजना बनाई। हम सिंचाई के पक्ष में तो हैं, लेकिन साथ में उपजाऊ जमीन, गहरी जमीन व सिंचित जमीन डूबे उससे हमें बचना चाहिए। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने टोड़ी में बांध प्रभावितों को संबोधित करते हुए कही।
श्रीसिंह शनिवार को पार्वती नदी पर करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बांध में डूब प्रभावितों से रूबरू होने के लिए गुना जिले के रघुनाथपुरा एवं राजगढ़ जिले के टोड़ी गांव पहुंचे थे। सबसे पहले वह रघुनाथपुरा पहुंचे। यहां किसानों से बात की। किसानों से समस्या पूछी व मिलने वाले मुआवजे के बारे में जानकारी ली। इसके बाद टोड़ी पहुंचे। उन्होंने आगे कहा कि कई लोगों ने जमीनें तो खरीद ली, लेकिन रजिस्ट्रियां नहीं कराई। अब मुआवजा तो पुराने लोगों को ही मिलेगा। मैं खुद इसमें बहुत चिंतित हूं कि क्या करना चाहिए। और जिनको लाभ मिलना चाहिए उनको लाभ नहीं मिल पा रहा है। मैं इतना ही कह सकते हैं कि आपकी हर लड़ाई में हम साथ हैं आप जहां कहोगे वहां ख़डा होने के लिए तैयार हूं। जहां कहोगे चलने के लिए तैयार हूं। आप कहोगे आंदोलन, प्रदर्शन उस सबमें तैयार हूं। बात यही है कि हमें इन सब बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। बात यही है कि बांध बनाने में ठेकेदारों को ठेका देने में व उनसे हिस्सा लेने में बड़े-बड़े लोगों को फायदा होता है। इस मौके पर चांचौड़ा विधायक लक्ष्मणसिंह, राधौग़ढ विधायक जयवर्धनसिंह रघुनाथपुरा में, ब्यावरा विधायक रामचंद्र दांगी, राजगढ़ विधायक बापूसिंह तंवर, जिलाध्यक्ष प्रकाश पुरोहित, पूर्व विधायक पुरूषोत्तम दांगी, हेमराज कल्पोनी, काग्रेस नेता चंदरसिंह सौंधिया, डा. भारत वर्मा, विजय बहादुर सिंह, मोहन लोधी, चेनसिंह गुर्जर, महेंद्र यादव, महेंद्र गुर्जर, सर्जनसिंह सौंधिया, धरीपसिंह सौंधिया, रामसिंह सौंधिया, राहुल दांगी, विष्णु गुर्जर सहित जिलेभर के कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता उपिस्थत थे।
कांग्रेस की सरकार होती तो दावे के साथ कह पाते हम
पूर्व मुख्यमंत्री श्रीसिंह ने कहा कि बात यह है कि अगर सरकार कांग्रेस की रहती तो यह बांध न बने यह हम दावे के साथ कह सकते थे। लेकिन आज परिस्थितयां दूसरी हैं और इन परिस्थतियों में सरकार हमारी बात माने कि नहीं माने यह हम देखेंगे। लेकिन साथ में लोगों के साथ न्याय हो उसकी हम पूरी कोशिश करेंगे। आगे कहा कि जमीन का मुआवजा सरकारी रेट से चार गुना अधिक मिलना चाहिए। तब कहीं कुछ राहत किसानों को मिल सकती है। साथ ही किसानों को यदि जमीन के बदले जमीन मिले तो वह बाजारो में दी जाए, ताकि कुछ उपयोग हो सके।
मकान, कुआ, पाइपलाइन का मिले मुआवजा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्यावरा विधायक रामचंद्र दांगी ने कहा कि टोड़ी वह गांव है जहां से 1990 रामलहर के समय भी भाजपा के मात्र 3 वोट निकले थे। 1991 में जब दिग्विजयसिंहजी 1400 वोट से लोकसभा जीते थे उसमें से अकेले टोड़ी के 1200 वोट निकले थे। या तो हाइट कम हो, या मुआवजा कम से कम चार गुना बढ़े। इतना ही नहीं जो पाइपलाइन डली है उसका मुआवजा मिले। साथ ही कुआ, टयूबवेल, मकान, दुकान आदि का सही मूल्यांकन हो। इसके लिए आप जो कहेंगे वह करेंगे।
चाहे कुछ भी हो जाए, हम न हमारी जमीन को डूब में जाने देंगे
उधर ग्रामीणों ने श्रीसिंह के समक्ष कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम न हमारी जमीन को डूब में जाने देंगे और न बांध बनने देंगे। यदि जमीन ही चली गई तो फिर हम कहां रहेंगे। बिना जमीन के हमक्या करेंगे। मुआवजा बेहद कम है और मुआवजे से क्या होगा। मुआवजा या तो अच्छा-खासा बढ़ाया जाए या फिर जमीन को बचाते हुए डैम को निरस्त किया जाए।
राधौग़ढ में हमारी 150 बीघा जमीन डूब गई, पर जलाशय बनना जरूरी था
रघुनाथपुरा में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिग्विजयसिंह के छोटे भाई व चांचौड़ा विधायक लक्ष्मणसिंह ने कहा कि एक समय जब राधौग़ढ में एक जलाश्य बना उस समय उसमें हमारी खुद की 150 बीघा जमीन डूब क्षेत्र में चली गई। लेकिन उसका निर्माण रोकना ठीक नहीं था, क्योंकि सिंचाई के लिए बांध-तालाबों का निर्माण जरूरी है। इसलिए हमने हमारी जमीन जाने का अफसोस नहीं किया, क्योंकि उससे कई गांवों की जमीन सिंचित होना थी। इसलिए इस बांध से भी कई गांवों को लाभ होगा।