वीडियो काॅल पर नकली कोर्ट में जज-वकील की बहस, रिटायर्ड प्रिंसिपल को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 1.34 करोड़ रुपये
वीडियो कॉल के दौरान न्यायालय जैसा सेटअप, जज, वकील व गवाहों का नाटकीय दृश्य दिखाकर फरियादी व उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट की स्थिति में रखा गया। आरोपितो ...और पढ़ें
Publish Date: Tue, 30 Dec 2025 07:17:53 PM (IST)Updated Date: Tue, 30 Dec 2025 07:25:02 PM (IST)
रतलाम में डिजिटल अरेस्ट।HighLights
- सेवानिवृत प्राध्यापक व पत्नी से डिजिटल अरेस्ट
- दोनों से 28 दिन में ठगे 1.34 करोड़ रुपये
- 4 राज्यों से एक नाबालिग सहित 11 गिरफ्तार
नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम। शहर के एक सेवानिवृत प्राध्यापक से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 1 करोड़ 34 लाख 50 हजार रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार और गुजरात से अब तक एक नाबालिक सहित 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों ने अपने बैंक खाते कमीशन पर किराये पर दे रखे थे। ठगी के असल आरोपितों की तलाश की जा रही है।
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एसपी अमित कुमार ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि 15 नवंबर 2025 को फरियादी के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से काॅल करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए कहा कि फरियादी के नाम से जारी सिम का उपयोग मुंबई स्थित केनरा बैंक में 247 करोड़ रुपये की मनी लान्ड्रिंग में हुआ है। गिरफ्तारी वारंट जारी होने और तत्काल गिरफ्तारी का डर दिखाकर व्हाट्सएप काल के माध्यम से मानसिक दबाव बनाया और आधार कार्ड सहित अन्य निजी दस्तावेज प्राप्त कर लिए। इसके बाद उनके मोबाइल में सिग्नल एप इंस्टाल करवाया गया।
कोर्ट जैसा सेटअप, जज और वकील भी बैठे
वीडियो कॉल के दौरान न्यायालय जैसा सेटअप, जज, वकील व गवाहों का नाटकीय दृश्य दिखाकर फरियादी व उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट की स्थिति में रखा गया। आरोपितों ने प्राध्यापक से उनकी संपत्ति व बैंक खातों की जानकारी ले ली। इस तरह 15 नवंबर से 12 दिसंबर 2025 के बीच कुल 1.34 करोड़ रुपये ऐंठ लिए।
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कनाड़ा से बेटे के आने पर ठगी का पता चला
- आरोपितों ने फरियादी से चर्चा में परिवार के सदस्यों की जानकारी ली, बेटे के कनाड़ा में होने की बात कहने पर आरोपितों ने डराते हुए कहा कि केस में तुम्हारे बेटे की भी गिरफ्तारी हो जाएगी। उसे भारत नहीं आने दिया जाएगा। इस पर वे डर गए और राशि देते गए।
इस दौरान बेटा जब कनाड़ा से रतलाम आया तो उसे पूरी जानकारी दी।
इसके बाद सूचना मिलते ही पुलिस द्वारा ई-एफआईआर दर्ज कर थाना दीनदयाल नगर में बीएनएस की धारा 318(4), 319(2), 308 एवं आइटी एक्ट की धारा 66(सी), 66(डी) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
संगठित रूप से धोखाधड़ी किए जाने पर प्रकरण में धारा 111 बीएनएस का अतिरिक्त इजाफा किया गया है।
एसपी अमित कुमार के निर्देशन में, एएसपी राकेश खाखा, एएसपी ग्रामीण विवेक कुमार लाल के मार्गदर्शन में 18 सदस्यों का विशेष जांच दल गठित किया गया। चार राज्यों में गिरफ्तारी इस तरह
- जबलपुर के जादूगर का बाड़ा, जगदीश मंदिर के पास थाना लाड़गंज निवासी 61 वर्षीय अशोक पुत्र राधेश्याम जायसवाल, 34 वर्षीय सनी पुत्र सोनू जायसवाल, 18 वर्षीय सारांश उर्फ शानु पुत्र योगेन्द्र तिवारी व एक नाबालिग को गिरफ्त में लिया गया है। इन आरोपितों द्वारा ठगी की राशि में से कुल 14 लाख रुपये आपसी सांठ-गांठ से अपने खातों में प्राप्त किए।
- नीमच (मध्यप्रदेश) से 23 वर्षीय पवन पुत्र कैलाश कुमावत, निवासी इन्द्रा कालोनी, नयागांव, थाना जावद, जिला नीमच को गिरफ्तार किया गया। आरोपित के खाते में 14 लाख रुपये की संदिग्ध राशि प्राप्त होना पाया गया।
- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के ग्राम भेड़ियागढ़, थाना शाहपुरा, चौकी असुरन निवासी 34 वर्षीय अमरेन्द्र कुमार पुत्र बडेलाल प्रसाद मौर्य को गिरफ्तार किया गया। आरोपित एक एनजीओ संचालक है, जिसके बैंक खाते में 50 लाख रुपये का संदिग्ध लेन-देन पाया गया।
- गुजरात के जामनगर से आरोपित आरिफ घाटा, हमीद खान पठान,.शाहिद कुरेशी,.सादिक हसन समा को गिरफ्त में लिया गया। इनके द्वारा ठगी गई राशि का उपयोग क्रिप्टो करेंसी की खरीद में कर लगभग 5 लाख रुपये का अवैध लाभ लिया गया।
- बिहार के सिवान जिले के ग्राम अंबारी थाना रघुनाथ गढ़ से 44 वर्षीय राजेश नामक व्यक्ति को गिरफ्त में लिया गया है। राजेश द्वारा बैंक खाते किराये पर लिए गए थे।