By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Thu, 01 Feb 2024 09:48:07 AM (IST)
Updated Date: Thu, 01 Feb 2024 09:48:07 AM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम। रतलाम-नीमच रेललाइन दोहरीकरण के लिए अर्थवर्क में करीब दो साल का समय लगने के बाद अब पटरियां बिछाने के साथ-साथ प्लेटफार्म की चौड़ाई भी बढ़ाई जा रही है। प्रोजेक्ट में अभी करीब 35 प्रतिशत काम हुआ जो अधिक समय लगने वाला था। आगे के काम कम समय में तेजी से पूरे होंगे। मार्च 2025 तक दूसरी लाइन को चालू करने का लक्ष्य है।
ठेका लेने वाली फर्म को अन्य दायित्व भी
काम शुरू होने के बाद कोई बाधा न आए, इसके लिए रेलवे ने ठेका लेने वाली फर्म को ही सिविल, इलेक्ट्रिकल, सिग्नल व टेलीकाम सहित अन्य काम दिए हैं। इस वजह से काम तेज गति से हो रहा है। 133 किमी लंबे इस रेलमार्ग के दोहरीकरण से नई ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ ही सफर का समय भी कम होगा।
प्रति किमी 8.25 करोड़ रुपये की लागत
प्रोजेक्ट में 868 करोड़ रुपये सिविल वर्क जबकि बाकी के 134 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिफिकेशन, सिग्नल व टेलीकाम पर 88.41 व मैकेनिकल पर 4.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रति किमी 8.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी। नीमच व रतलाम दोनों छोर से काम चल रहा है। धौंसवास में पटरियां बिछाने के बाद नामली में भी प्लेटफार्म चौड़ीकरण का काम शुरू हो गया है।
रतलाम से चित्तौड़गढ़ तक दोहरी रेललाइन
काम पूरा होने के बाद रतलाम से चित्तौड़गढ़ तक दोहरी रेललाइन हो जाएगी। योजना में रेलमार्ग के 18 स्टेशनों का स्वरूप निखारने के साथ ही 31 बड़े और 133 छोटे ब्रिज बनेंगे। नीमच से दलौदा तक का रेलखंड 63.94 किमी, दलौदा से रतलाम 68.98 किमी का सेक्शन है। अभी सिंगल लाइन पर ट्रेनों का 150 प्रतिशत भार है।
रतलाम से इंदौर तक दोहरीकरण की मंजूरी का इंतजार
नीमच से रतलाम तक रेललाइन दोहरीकरण के बाद रतलाम से फतेहाबाद-इंदौर रेलमार्ग को दोहरा किया जाएगा। 120 किमी लंबे रूट के दोहरीकरण कार्य में करीब 1760 करोड़ रुपये खर्च आएगा। बोर्ड की मंजूरी के बाद इस पर काम शुरू होगा। इस रूट पर अभी सिंगल लाइन होने से यात्री ट्रेनों को बार-बार क्रासिंग के लिए रोकना पड़ता है।
ट्रेनों के अतिरिक्त परिचालन को देखते हुए किया ऐसा
भविष्य में ट्रेनों के अतिरिक्त परिचालन को देखते हुए रेलवे इंदौर से जुड़ने वाले इंदौर-देवास-उज्जैन, राऊ-महू और इंदौर-फतेहाबाद-रतलाम रूट का दोहरीकरण कर रहा है। इससे ट्रेनों का संचालन आसान हो सकेगा। फतेहाबाद से उज्जैन रेल रूट का दोहरीकरण सर्वे भी कराया गया है। 22 किमी लंबे इस रूट का दोहरीकरण भी किया जाएगा।
रेललाइन दोहरीकरण के ये फायदे
- मालगाड़ियों या पैसेंजर ट्रेन को क्रासिंग लिए पैसेंजर ट्रेन को स्टेशन पर नहीं खड़ा रहना पड़ेगा। l उदयपुर, जयपुर, अजमेर, कोटा के लिए नई ट्रेनें चलाई जा सकेंगी।
- ट्रेनों की संख्या बढ़कर 30 से अधिक हो जाएगी, वर्तमान में पैसेंजर, एक्सप्रेस, मेल एक्सप्रेस, साप्ताहिक मिलाकर 16 जोड़ी यात्री गाड़ी चल रही है।
- माल लदान में 50 प्रतिशत तक का इजाफा होगा, जिससे रेलवे का राजस्व बढ़ेगा। नीमच व चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में 10-12 सीमेंट फैक्टरियां हैं।
- ट्रेन हादसा या खराबी होने पर दूसरी लाइन से यातायात जारी रखा जा सकेगा। अभी ऐसी स्थिति में रूट बंद हो जाता था।
इनका कहना है
नीमच-रतलाम रेललाइन दोहरीकरण कार्य समय पर पूरा हो जाए, इसके लिए रेल प्रशासन मानीटरिंग कर रहा है। दोहरीकरण से यात्रियों को सफर में सुविधा होगी।
-खेमराज मीणा, जनसंपर्क अधिकारी, रेलमंडल रतलाम