रतलाम (नईदुनिया प्रतिनिधि)। आदिवासी समाज के दो युवा नेताओं को जिला दंडाधिकारी न्यायालय (कलेक्टर) द्वारा जिलाबदर करने से समाज के लोगों में रोष है। समाजजन सोमवार दोपहर बड़ी संख्या में रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और घेराव कर मुख्य गेट के सामने बैठ गए। इसके बाद वहीं पर ग्राम सभा की गई, जिसमें जिलाबदर के आदेश को खारिज करने का प्रस्ताव पास किया गया।
इसके बाद कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार को बुलाकर प्रत्साव सौंपा कर मांग की कि सात दिवस में जिला बदर का आदेश समाप्त किया जाए। युवा नेता विलेष खराड़ी और वीपी हारी को विधानसभा चुनाव के पहले जिलाबदर किया गया था। इसे लेकर सोमवार को जयस व समाज से अन्य नेआओं की उपस्थित में आंदोलन किया गया।
पहले आंबेडकर मांगिलक भवन परिसर में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। यहां समाजजनों को जिला पंचायत सदस्य शरद डोडियार, चंदू मईड़ा, युवा नेता नीलेश खड़िया थांदला, विकास मईड़ा छोटी सरवन, प्रभुलाल कटारा दानपुर, डा. अभय रतलाम, अशोक डाबर बदनावर, रवि गामड़ देवास आदि ने संबोधित किया। संचालन सांवलिया निनामा ने किया। इसके बाद रैली निकाली गई, जो विभिन्न मार्गों से होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची।
रैली में शामिल लोग न लोकसभा, न विधानसभा सबसे बड़ी ग्राम सभा, जिलाबदर करना असंवेधानिक है, उसे अवलिंब निरस्त किया जाए, जल-जंगल-जमीन की रक्षा करना अपराध है तो हम आदिवासी अपराधी है, आदि नारे लिखे बैनर व तख्तियां हाथों में लिए चल रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर कार्यालय परिसर में सभी लोग बैठे, समाजसेवी दयाराम कोरकू ने कहा कि यहां हम ज्ञापन देने नहीं बल्कि ग्राम सभा करने आए है। ग्राम सभा में जो निर्णय होगा, उससे प्रशासन को अवगत कराएंगे।तत्कालीन कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने गलत तरीके से जिलाबदर कर दिया था। दोनों के खिलाफ चार-पांच प्रकरण है, जबिक 20 से 25 प्रकरण वाले लोगों पर जिलाबदर की कार्रवाई नहीं की गई।
कुछ देर ग्राम सभा हुई, जिसमें प्रस्ताव पारित किया गया और प्रस्ताव देने के लिए कलेक्टर को वहां बुलाया गया। कलेक्टर उस समय कार्यालय में नहीं थे। उनके स्थान पर एडीएम आरएस मंडलोई पहुंचे तो उन्होंने कहा कि कलेक्टर को ही बुलाया जाए। करीब 20 मिनट बाद कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार पहुंचे।
जमीन पर समाजजनों के साथ बैठकर चर्चा की। इस दौरान विलेष की मां ने कहा कि उनके बेटे ने कौन सी गलती की है, जो उसे जिलाबदर किया गया, वह समाज की बात करता है, इसमें क्या गलती है।कलेक्टर ने उन्हें न्यायालय में अपील करने की समझाइस दी। इसके बाद उन्हें प्रस्ताव की प्रति देकर प्रदर्शन समाप्त किया गया।
समाजसेवी दयाराम कोरकू (इंदौर) ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हमारे समाज के दो बेटो पर जिलाबदर की कार्रवाई की गई है। जिलाबदर के आदेश के खिलाफ ग्राम सभा ने फैसला लिया है। उसकी प्रति कलेक्टर को देने आए है। कलेक्टर द्वारा की गई जिलाबदर की कार्रवाई असंवेधानिक है।
दोनों पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के रहवासी है, जहां ज्यूडिशल कानून लागू नहीं होता है। जिलाबदर के आदेश असंवैधानिक हैं। कलेक्टर को प्रस्ताव की प्रति देकर सात दिन में लिखित जवाब मांगा है। यदि वे जवाब नहीं देते है तो हम हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने कहा कि पूर्व में न्यायालयीन प्रक्रिया में जो जिलाबदल की कार्रावयां हुई थी, उसके संबंध में लोग अपनी बात करने आए थे। उन्हें समझाया गया कि न्यायालयीन प्रक्रिया में यदि किसी आदेश से कोई व्यक्ति परेशान या व्यथित है तो उच्च न्यायालय ही सही रास्ता है।
उसके माध्यम से वहीं अपील कर सकते है। न्यायालयीन प्रक्रिया न्यायालयीन प्रावधानों से ही चलती है। उन्हें समझाया है कि कलेक्टर न्यायालय की प्रक्रिया के आदेश से यदि कोई व्यथित हैं तो उसके लिए ऊपरी अदालत है, वहीं अपील करें।