रतलाम (नईदुनिया प्रतिनिधि)। संवत्सरी प्रतिक्रमण के साथ स्थानकवासी जैन समाजजनों के पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का शनिवार को उत्सवी माहौल में समापन हो गया। शाम को प्रतिक्रमण के बाद समाजजनों वर्षभर के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए सृष्टि के समस्त प्राणियों से हाथ जोड़कर क्षमायाचना की। मंदिर मार्गीय जैन समाजजनों द्वारा शनिवार को दिनभर क्षमापना पर्व मनाया गया। समाजबंधुओं ने एक-दूसरों के घर जाकर मिच्छामी दुक्कड़म कहकर क्षमायाचना की। आगंतुकों का तरह-तरह के व्यंजनों से स्वागत-सत्कार किया गया। स्थानकवासी समाजजन रविवार को क्षमापना पर्व मनाएंगे।
पर्युषण महापर्व में काटजूनगर स्थित मृदुल धाम, चौमुखीपुल स्थित मोती पूज्य मंदिर, टीआइटी रोड स्थित नाकोड़ा भैरवनाथ मंदिर, थावरिया बाजार स्थित कबीर सा. का मंदिर में प्रतिदिन प्रभु प्रतिमाओं की मनोहारी अंगरचना की जा रही है। जिनालय पर की गई विद्युत सज्जा रात में सभी का मनमोह रही है। कस्तूरबानगर स्थित नेमीनाथ मंदिर में पर्युषण पर्व धार्मिक उल्लास से मनाया गया। समाजसेवी व नेमीनाथ नवयुवक मंडल के पूर्व अध्यक्ष अमित कोठारी ने बताया कि पर्व के नौावें दिन जिनालय में प्रभु प्रतिमा की बादाम, इलायची आदि से अदभुत अंगरचना की गई। आरती का लाभ दिलीप जैन और राजेंद्र डूंगरवाल परिवार ने लिया। जिनालय में प्रतिदिन दिलीप लोढ़ा, मयंक जैन, मेहुल कोठारी, शुभम जैन, सोनम मोदी, साक्षी मेहता, प्रियांशी जैन, दिशा जैन, माया जैन द्वारा प्रभु प्रतिमा की अंगरचना की जा रही है। बाबूलाल सियाल, राजेंद्र कोठारी, अशोक कोठारी, मोतीलाल सेठिया, कनकमल जैन, प्रमोद रांका, राजेंद्र सेठिया, देवेंद्र पुंगलिया, अभय मूणत, लोकेश ओसतवाल, सुभाष सेठिया, अमित कोठारी, राजेश कोठारी, जितेंद्र सियाल, दिलीप जैन, प्रियेश छाजेड़, राजेश ओरा, सिद्धार्थ जैन, राजेश मारू, विनोद पितलिया आदि उपस्थित रहे।
गलतियों के लिए मांगी क्षमा
आम्बा। मंदिर मार्गीय जैन समाज के आठ दिवसीय पर्युषण पर्व के अंतिम दिन संवत्सरी प्रतिक्रमण कर क्षमायाचना की गई। स्थानकवासी श्रावक-श्राविकाओं द्वारा रविवार को क्षमापना पर्व मनाया जाएगा। वर्षभर के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगकर भाईचारे का संदेश दिया गया। आनंदसिंह भंडारी, श्रीपाल रांका, धनपालसिंह भंडारी, पंकज रांका, विजयसिंह भंडारी सहित समाजजन उपस्थित थे।
सामूहिक पारणा किया
आलोट। पर्युषण महापर्व में जैन समाजजनों द्वारा जप, तप, आराधना करने के बाद आठवें दिन शनिवार को क्षमापना पर्व मनाया गया। स्थानीय स्वर्णकार समाज की धर्मशाला पर सकल जैन श्रीसंघ द्वारा सामूहिक पारणा का आयोजन किया गया। इस दौरान समाजजनों ने एक-दूसरे से वर्षभर में जाने-अनजाने मे हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी। सुबह सकल जैन श्रीसंघ के वरिष्ठजनों ने रानीपुरा स्थित वासुपूज्य मंदिर व चंद्रप्रभु मंदिर में दर्शन कर साध्वी कल्पद्रुमा श्रीजी से मिच्छामी दुक्कडम किया।