नरेन्द्र जोशी, नईदुनिया रतलाम(Indian Railway)। क्या ही गजब हो यदि रेल यात्रा के दौरान आपको अपने शिशु के लिए गाय के गर्म दूध की आवश्यकता हो और एक फोन पर वह आपको चलती ट्रेन में ही मिल जाए। इससे भी बढ़िया तो यह हो कि किसी दवा की जरूरत हो, तो वह भी ट्रेन में ही उपलब्ध हो जाए।
इतना ही नहीं, अगर बच्चे का डायपर लाना भूल गए हैं, तो एक सूचना देने पर ही उन्हें ट्रेन में डायपर भी मिल जाएंगे। यह सब इन दिनों रतलाम रेल मंडल की ट्रेनों में संभव हो रहा है। दरअसल, रतलाम रेल मंडल इन दिनों यात्री सुविधाओं की किताब में एक नया पृष्ठ लिख रहा है।
यह सब रेल मदद ऐप, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और टीटीई कॉल जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से किया जा रहा है। बीते तीन महीने में ही इससे 700 यात्रियों को सुविधाएं दी गई हैं। केवल जुलाई माह में ही अब तक 237 यात्रियों ने इस सुविधा का लाभ लेते हुए वस्तुओं का ऑर्डर दिया है।
यद्यपि इसके लिए यात्रियों को उस वस्तु की कीमत का भुगतान करना होता है, जो उसने मंगवाई है। दिलचस्प यह भी है कि पश्चिम रेलवे के सभी रेल मंडलों में रतलाम मंडल को एक्सीलेंट रेटिंग मिली है। यह रेटिंग यात्रियों की संतुष्टि के आधार पर मिली है।
फेसबुक, एक्स, टीटीई काल सहित अन्य किसी भी माध्यम से सूचना मिलते ही ट्रेन की लोकेशन का पता किया जाता है। इसके बाद अगले स्टेशन तक सूचना पहुंचाई जाती है कि कोच विशेष में, अमुक सीट पर, इस पीएनआर पर यात्रा कर रहे यात्री को इस वस्तु की आवश्यकता है।
अगले स्टेशन का स्टाफ तुरंत अलर्ट होता है और यात्री द्वारा चाही गई आवश्यक सेवा या वस्तु को जुटाता है। ट्रेन के पहुंचते ही टीम यात्री के पास पहुंचती है और उसे चाही गई सेवा या वस्तु दे दी जाती है।
रेलवे द्वारा पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवा को, दूसरी प्राथमिकता दूध व डायपर जैसी आवश्यक वस्तुओं को और तीसरी प्राथमिकता यात्रा में आवश्यक अन्य चीजों जैसे मोबाइल चार्जर, ईयरफोन आदि को दी जाती है। यात्री को सेवाओं के बदले भुगतान करना होता है। डॉक्टर की सेवा के लिए 200 रुपये शुल्क तय है, शेष वस्तुओं के बिल पर लिखी राशि का भुगतान करना होता है।
रेलमंडल यात्रियों को सफर के दौरान जरूरत की चीजें उपलब्ध करवाने के लिए लगातार निगरानी भी कर रहा है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर रेलवे सबसे ज्यादा अलर्ट रहता है। गत तीन माह में महिला यात्री और बच्चों से संबंधित चीजें (दूध, सैनिटरी नैपकिन, डायपर इत्यादि) मांगे जाने पर पूर्ति की गई है। दिव्यांगजन की मदद की भी 34 सूचनाएं मिलीं, जिन पर तुरंत सहायता पहुंचाई गई है।
यात्री सुविधाओं के लिए रेल प्रशासन सजग है। सुविधा प्रदान कर रेलमंडल को भी संतुष्टि प्राप्त होती है। - प्रदीप शर्मा, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, रेल मंडल, रतलाम
माह | यात्रियों की संख्या |
अप्रैल | 210 |
मई | 239 |
जून | 251 |
25 जुलाई तक | 237 |